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Last Modified: नई दिल्ली , मंगलवार, 27 मार्च 2018 (14:22 IST)

लोकसभा में नहीं थमा गतिरोध, अविश्वास प्रस्ताव पर नहीं शुरू हो सकी चर्चा

लोकसभा में नहीं थमा गतिरोध, अविश्वास प्रस्ताव पर नहीं शुरू हो सकी चर्चा - Loksabha no confidence motion
नई दिल्ली। पिछले तीन सप्ताह से हंगामे की भेंट चढ़ रही लोकसभा की कार्यवाही आज भी नहीं चल सकी और सदन में अव्यवस्था का हवाला देते हुए लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कई विपक्षी दलों के अविश्वास प्रस्ताव को आगे बढ़ाने में असमर्थता प्रकट की।
 
दोपहर 12 बजे सदन की बैठक पुन: शुरू होने पर अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने हंगामे के बीच आवश्यक कागजात सदन में रखवाया और हंगामा बढ़ता देख कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
 
सदन की बैठक स्थगित होने के बाद माहौल और अधिक तनावग्रस्त हो गया जब कांग्रेस सदस्यों की कथित टीका-टिप्पणी से नाराज हुए अन्नाद्रमुक के कुछ सदस्यों की उनसे तकरार हो गई और स्थिति को सामान्य होने में कुछ मिनट लग गए।
 
बैठक शुरू होने पर लोकसभाध्यक्ष ने आवश्यक कागजात पेश करवाने के बाद विपक्षी सदस्यों के अविश्वास प्रस्ताव का उल्लेख किया। उन्होंने कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने की अनुमति दी। खड़गे ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में कम से कम 50 सदस्य होने चाहिए और हमारी संख्या इससे भी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि हम चर्चा से नहीं भाग रहे हैं। हम चर्चा के लिए तैयार हैं।
 
इस दौरान कांग्रेस के साथ ही राजद, रांकापा, माकपा और अन्य वामपंथी दलों के सदस्य ‘नो-कांफिडेंस’ लिखे पर्चे हाथ में लेकर खड़े थे जिन पर संख्या लिखी हुई थी। उधर तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य भी अपने हाथों में इस तरह की नंबर लिखी पर्चिंया लेकर खड़े थे जो गत 16 मार्च से सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास कर रहे हैं।
 
गौरतलब है कि अध्यक्ष सुमित्रा महाजन पिछले ण्क सप्ताह से सदन में अव्यवस्था नहीं होने और अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में कम से कम 50 सदस्यों को उनके निर्दिष्ट स्थानों पर नहीं गिन पाने की वजह से प्रस्ताव पर कार्यवाही को आगे बढ़ाने में असमर्थता प्रकट कर रही हैं।
 
अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए और इस पर चर्चा शुरू कराने के लिए प्रस्ताव के समर्थन में कम से कम 50 सदस्यों का होना जरूरी है और अन्नाद्रमुक सदस्यों के हंगामे के बीच कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्य संख्या वाली पर्चियां लहराकर प्रस्ताव के समर्थन में 50 से अधिक सदस्यों के होने का प्रदर्शन कर रहे थे।
 
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने सरकार का रुख दोहराया कि मोदी सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है। उसे सदन में भी और बाहर भी बहुमत प्राप्त है। उन्होंने कांग्रेस पर अन्य विपक्षी दलों की ‘पिछलग्गू’ होने का आरोप मढ़ते हुए कहा कि मुख्य विपक्षी दल अब गठबंधन में पिछलग्गू बन गया है और यहां तक कि अविश्वास प्रस्ताव में भी वह पिछलग्गू बना हुआ है।
 
इस बीच लोकसभाध्यक्ष ने सदन में अव्यवस्था का हवाला देते हुए तेदेपा के टी नरसिंहन, वाईएसआर कांग्रेस के वाई बी सुब्बारेड्डी, कांग्रेस के खड़गे, माकपा के मोहम्मद सलीम, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी और केरल कांग्रेस (एम) के जोस के मणि आदि के द्वारा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर आगे कार्यवाही करने में असमर्थता प्रकट की।
 
हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने करीब 12:30 बजे बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले सुबह 11 बजे भी अन्नाद्रमुक सदस्यों की नारेबाजी के कारण बैठक शुरू होते ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। (भाषा) 
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