पेगासस जासूसी मामले को लेकर लोकसभा में गतिरोध बरकरार, कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित
नई दिल्ली। पेगासस जासूसी मामला और कुछ अन्य मुदों को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही 5 बार के स्थगन के बाद अपराह्न 4 बजकर करीब 5 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
विपक्षी दलों की नारेबाजी के बीच ही लोकसभा ने दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) विधेयक, 2021 और वर्ष 2021-22 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों-प्रथम बैच एवं संबंधित विनियोग विधेयक को मंजूरी दी।
आज सुबह कार्यवाही शुरू होने पर शोर-शराबे के बीच ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पूरा प्रश्नकाल चलाया। इस दौरान रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव, कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेन्द्र सिंह और विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रीजीजू ने अनेक सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए।
हालांकि प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद कुछ कांग्रेस सदस्यों ने पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल की ओर कागज उछाले और कुछ देर बाद सत्तापक्ष की तरफ भी कागज फेंके, जिसके बाद कार्यवाही 12.30 बजे तक स्थगित कर दी गई। संसद के मानसून सत्र में पिछले सप्ताह और इस सप्ताह के शुरुआती दो दिन में विपक्ष के हंगामे के बीच पूरा प्रश्नकाल बाधित रहा था।
आज सुबह भी सदन की बैठक शुरू होते ही जब अध्यक्ष बिरला ने प्रश्नकाल चलाने का निर्देश दिया तो कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य उक्त विषयों पर नारेबाजी करते हुए और तख्तियां लहराते हुए आसन के समीप आ गए। हालांकि हंगामे के बीच ही पूरा प्रश्नकाल चला।
प्रश्नकाल के बाद सदन में जब आवश्यक कागजात रखे जा रहे थे तब कांग्रेस सदस्यों गुरजीत औजला, टीएन प्रतापन, हिबी इडेन और कुछ अन्य सदस्यों ने पटल पर रखे हुए कागजात और कुछ दूसरे कागज आसन की ओर फेंके।
कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने सत्तापक्ष की ओर भी कागज उछाले जिसके बाद अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही दोपहर करीब 12 बजकर पांच मिनट पर दोपहर 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही 12 बजकर 30 मिनट पर पुन: शुरू होने पर स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही। व्यवस्था बनते हुए नहीं देख पीठासीन सभापति ने कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी।
लोकसभा में विपक्ष का हंगामा जारी रहने पर सदन की कार्यवाही दिन में 2.30 बजे और फिर तीन बजे के लिए दो बार और स्थगित की गई। कार्यवाही तीन बजे फिर से आरंभ होने पर सदन में हंगामे के बीच ही दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) विधेयक, 2021 और वर्ष 2021-22 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों-प्रथम बैच एवं संबंधित विनियोग विधेयक को मंजूरी दी गई।
पीठासीन सभापति अग्रवाल ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन चलने देने की अपील की। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने अपराह्न करीब तीन बजकर 15 मिनट पर कार्यवाही शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही चार बजे फिर से शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों का हंगामा पहले की तरह जारी रहा। पीठासीन सभापति रमा देवी ने कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
गौरतलब है कि विपक्षी दलों के सदस्य पेगासस जासूसी मामले और केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर मौजूदा सत्र के पहले दिन से सदन में नारेबाजी कर रहे हैं। इस कारण से सदन में अब तक कामकाज बाधित रहा है और कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है।(भाषा)