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Last Modified: पुणे , बुधवार, 30 जुलाई 2025 (18:26 IST)

पोर्श दुर्घटना : कोर्ट ने खारिज की नाबालिग आरोपी के पिता की याचिका, पिता ने इस आधार पर मांगी थी जमानत

Plea of accused in Pune Porsche car accident case dismissed
Pune Porsche car accident case : महाराष्ट्र में पुणे की एक अदालत ने मई 2024 में हुई पोर्श कार दुर्घटना में शामिल किशोर के पिता की अस्थाई जमानत के अनुरोध संबंधी याचिका बुधवार को खारिज कर दी। उन्होंने अपनी 79 वर्षीय मां की चिकित्सा स्थिति का हवाला देते हुए यह अर्जी दी थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश केपी क्षीरसागर ने कहा कि अपराध की प्रकृति और गवाहों को प्रभावित किए जाने की आशंका को देखते हुए इस स्तर पर किशोर के पिता को जमानत पर रिहा करने का कोई आधार नहीं है। पेशे से बिल्डर याचिकाकर्ता ने कहा था कि उनकी मां गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं और उन्हें रीढ़ की सर्जरी कराने की सलाह दी गई है।
 
याचिका में कहा गया कि सर्जरी से पहले और बाद में उनका अपनी मां के पास रहना जरूरी है। लेकिन अभियोजन पक्ष ने इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि उनकी मां की बीमारी उम्र से संबंधित है और उनके जीवन को तत्काल कोई खतरा नहीं है। विशेष अभियोजक शिशिर हिरय ने दलील दी, आवेदक/आरोपी की मां की लम्बर स्पाइन सर्जरी एक नियोजित सर्जरी है। उनके पिता, बहन, पत्नी, बेटा, रिश्तेदार उसकी मां की देखभाल कर सकते हैं।
अभियोजक ने यह भी बताया कि मां के मेडिकल पर्चे पर सात जुलाई, 2025 की तारीख अंकित थी तथा जमानत के लिए अर्जी आठ जुलाई को प्रस्तुत की गई थी। वकील हिरय ने दावा किया कि इससे राहत पाने के लिए जानबूझकर मेडिकल दस्तावेज तैयार करने का खुलासा होता है। उन्होंने कहा कि अभियुक्तों द्वारा अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की भी आशंका है।
 
अदालत ने आदेश में कहा कि आरोपी की मां के परिवार के अन्य सदस्य उनकी देखभाल के लिए उपलब्ध हैं और उनकी हालत गंभीर नहीं है। आदेश में कहा गया है, आवेदक की इस दलील में कोई दम नहीं है कि अपनी मां का इकलौता बेटा होने के नाते उन्हें उनकी देखभाल करनी है और उनकी सर्जरी तथा चिकित्सा प्रक्रिया के बारे में निर्णय लेना है। आरोपी का बेटा दुर्घटना के वक्त 17 साल का था और नशे की हालत में पोर्श कार चला रहा था।
किशोर ने 19 मई, 2024 की तड़के कल्याणी नगर इलाके में मोटरसाइकल पर सवार एक पुरुष और एक महिला को टक्कर मार दी थी। दोनों पीड़ित सॉफ्टवेयर पेशेवर थे और उनकी इस हादसे में मौत हो गई थी। किशोर के माता-पिता को सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों और अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि उन्होंने दुर्घटना के बाद उसके रक्त के नमूनों में हेराफेरी करके यह साबित करने की कोशिश की थी कि उसने शराब नहीं पी थी।
 
किशोर की मां अब जमानत पर बाहर है। उसके पिता, ससून अस्पताल के डॉक्टर अजय टावरे और श्रीहरि हलनोर, अस्पताल कर्मचारी अतुल घाटकांबले, दो बिचौलिए बशपक मकंदर और अमर गायकवाड़, आदित्य अविनाश सूद, आशीष मित्तल और अरुण कुमार सिंह जेल में हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
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