नाबालिग से गैंगरेप के आरोप में अदालत ने 3 लोगों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा
life imprisonment: दिल्ली की एक अदालत ने सामूहिक बलात्कार के मामले में 3 लोगों को आजीवन करावास सुनाई। अदालत ने सामूहिक बलात्कार को एक दु:खद और पीड़ादायक अपराध बताया, जो कि पीड़िता के लिए बेहद दर्दनाक और विनाशकारी अनुभव होता है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील बाला डागर ने तीनों आरोपियों को भारतीय दंड विधान की धारा 376 डी (सामूहिक बलात्कार) और पॉक्सो अधिनियम के तहत गंभीर यौन उत्पीड़न के लिए दोषी करार दिया।
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अतिरिक्त सरकारी वकील योगिता कौशिक दहिया ने कहा कि दिसंबर 2017 के इस 'घृणित एवं निंदनीय' कृत्यों के लिए दोषियों के प्रति नरमी नहीं बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दोषियों ने पहले उसका अपहरण किया और फिर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। अदालत ने 8 अप्रैल के अपने आदेश में कहा कि सामूहिक यौन उत्पीड़न एक भयावह और पीड़ादायक अपराध है, जो मानव गरिमा और कल्याण पर आघात करता है। यह एक अत्यंत दर्दनाक अनुभव है जिसका पीड़ित पर विनाशकारी और दीर्घकालिक प्रभाव हो सकता है।
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तीनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 डी के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि ऐसे जघन्य अपराधों के लिए अपराधियों के खिलाफ 'त्वरित और गंभीर सजा' की आवश्यकता है जिससे स्पष्ट संदेश जाए कि ऐसे कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta