MCD का डॉक्टरों को वेतन न देना शर्मनाक, केंद्र नगर निकाय को अनुदान दे : केजरीवाल
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अस्पतालों के डॉक्टरों को बिना वेतन के काम करने के लिए मजबूर करना शर्मनाक है। साथ ही उन्होंने केंद्र से नगर निगमों को अनुदान देने का अनुरोध भी किया ताकि वे डॉक्टरों का वेतन दे पाएं।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कई डॉक्टरों ने दावा किया है कि वे पिछले 3 महीने से बिना वेतन के काम कर रहे हैं और इसको लेकर वे पिछले 2 सप्ताह से प्रदर्शन भी कर रहे हैं। केजरीवाल ने एमसीडी के कामकाज में घोर कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि चीजें सही करने का समय आ गया है। उत्तरी एमसीडी से तत्काल इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।
गाजीपुर के कुक्कुट और मछली बाजार में अपशिष्ट से ऊर्जा बनाने के संयंत्र का उद्घाटन करते हुए केजरीवाल ने कहा कि मुझे इस बात का काफी दुख है कि डॉक्टरों को वेतन के लिए प्रदर्शन करना पड़ रहा है। इन डॉक्टरों ने वैश्विक महामारी के दौरान हमारे लिए अपने जीवन को खतरे में डाला। यह शर्मनाक है।
उन्होंने पूछा कि हम देख रहे हैं कि कई वर्षों से नगर निकाय अपने शिक्षकों, सफाई कर्मचारियों और डॉक्टरों को वेतन नहीं दे पा रहे। आखिर एमसीडी में कोष की कमी क्यों है? केजरीवाल ने कहा कि पूर्व सरकारों की तुलना में हमने एमसीडी को कहीं अधिक कोष दिया है। हमने बकाया से अधिक दिया है।
केजरीवाल ने कहा कि डॉक्टरों के वेतन के मामले पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए और उनको वेतन मिले, इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करने चाहिए। उन्होंने दावा किया कि केंद्र, दिल्ली को छोड़कर देश के सभी नगर निगमों को अनुदान दे रहा है। मैं केंद्र से एमसीडी को अनुदान देने का अनुरोध करता हूं ताकि वे डॉक्टरों का वेतन दे पाएं।
उन्होंने कहा कि महामारी ने दिल्ली सरकार के कर संग्रह को प्रभावित किया। फिर भी वह ठीक से मामलों का प्रबंधन कर रही है और अपने डॉक्टरों तथा शिक्षकों को वेतन दे रही है। केजरीवाल ने कहा कि अगर हमारे पास कोष होता तो मैं आज ही एमसीडी के डॉक्टरों का वेतन दे देता। इसके संविधान के तहत होने या नहीं होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। (भाषा)