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Last Updated : मंगलवार, 15 मई 2018 (12:20 IST)

प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने वाले राहुल गांधी क्यों हारे कर्नाटक, पांच बड़े कारण

प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने वाले राहुल गांधी क्यों हारे कर्नाटक, पांच बड़े कारण - Karnataka Verdict : Congress lost battle five reasons
बेंगलुरु। कर्नाटक चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस का हाल बेहाल कर दिया है। इस हार के बाद पार्टी के हाथ से एक और बड़ा राज्य निकल गया है। देश में अब उसके पास तीन राज्य ही बचे हैं। कांग्रेस की करारी हार के पांच बड़े कारण..
 
मोदी लहर : कर्नाटक में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू जमकर चला। जहां-जहां भी मोदी ने सभा ली वहां माहौल भाजपामय हो गया। साथ ही आसपास की सीटों पर भी उसका प्रभाव नजर आया। मोदी ने कांग्रेस के लिंगायतों पर चले चुनावी दांव को विफल करने के लिए मठों के दौरे किए और कांग्रेस को इसका बड़ा नुकसान हुआ। 
एंटी इनकमबेंसी फेक्टर : कर्नाटक में कांग्रेस सरकार को सरकार विरोधी लहर का भी सामना करना पड़ा। कांग्रेस सिद्धारमैया के प्रति लोगों की नाराजगी को भांप नहीं पाई और उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। वैसे भी यहां के लोग दूसरी बार किसी भी दल को मौका नहीं देते। इस बार भी उन्होंने यही किया। मोदी सरकार यहां के लोगों को यह समझाने में सफल रही कि गैर भाजपा सरकार के चलते केंद्र की योजनाओं का फायदा यहां के लोगों को नहीं मिल पा रहा है।
 
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मोदी-येदि जुगलबंदी : भाजपा को सबसे बड़ा फायदा मोदी और येदियुरप्पा की जुगलबंदी का मिला। भाजपा ने दोनों नेताओं को लेकर बेहतरीन रणनीति बनाई। दोनों ने राज्य में अलग-अलग प्रचार किया और प्रदेश में भाजपा की लहर बना दी। 
राहुल गांधी बेअसर : इस चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पूरी तरह विफल रहे, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद यह उनका पहला बड़ा चुनाव था। उन्होंने राज्य में ताबड़तोड़ रैलियां कीं मगर वह लोगों को यह बात समझाने में विफल रहे कि कांग्रेस किस तरह कर्नाटक का विकास कर सकती है। 
 
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बड़े नेताओं का अभाव : इस चुनाव में कांग्रेस को स्टार प्रचारकों की कमी खली। भाजपा के पास मोदी, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ के साथ ही स्टार प्रचारकों की लंबी लाइन थी वहीं कांग्रेस का प्रचार राहुल गांधी और सिद्धारमैया के ईदगिर्द ही घूमता रहा। यही कारण है कि कांग्रेस के हाथ से सत्ता फिसल गई।