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Last Updated : गुरुवार, 4 अगस्त 2022 (14:38 IST)

कैलाश सत्‍यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स फाउंडेशन और ‘बोट’ ने लॉन्‍च किया प्रोग्राम

स्‍लम एरिया के बच्‍चों के लिए खुला चिल्‍ड्रेन्‍स रिसोर्स सेंटर

Kailash Satyarthi
नई दिल्‍ली, देश की राजधानी के स्‍लम एरिया में रहने वाले बच्‍चे भी अब शिक्षा के साथ साथ अपनी छिपी प्रतिभा और सपनों को मूर्त रूप दे सकेंगे। बुधवार को चाणक्‍यपुरी स्थित संजय कैंप में स्‍लम के इन बच्‍चों के लिए शहीद कालू बाल विकास केंद्र(चिल्‍ड्रेन्‍स रिसोर्स सेंटर) का उद्घाटन दिल्‍ली कैंट के विधायक विरेंद्र सिहं कादियान ने किया। इस सेंटर से आसपास के स्‍लम एरिया में रहने वाले 2,500 हजार परिवार लाभान्वित होंगे।

यह सेंटर शहीद कालू कुमार की याद में बनाया गया है, जो कि कभी खुद बाल मजदूर थे और उन्‍हें रेस्‍क्‍यू किया गया था। बाद में वह खुद अपनी तरह बाल मजदूरी में फंसे बच्‍चों को रेस्‍क्‍यू करने लगे थे। हालांकि एक बच्‍ची को रेस्‍क्‍यू करने के दौरान उनका देहांत हो गया था।

इस मौके पर मुख्‍य अतिथि विधायक कादियान ने कहा, ‘हम कैलाश सत्‍यार्थी जी और उनकी संस्‍था केएससीएफ का आभार प्रकट करते हैं कि उन्‍होंने इस जगह का चुनाव किया। हमें भरोसा है कि यहां स्‍लम में रहने वाले बच्‍चों को इस सेंटर से काफी मदद मिलेगी। साथ ही हमारी अपील है कि अभिभावक अपने बच्‍चों को इस सेंटर में भेजें ताकि उनका भविष्‍य उज्‍जवल हो सके।’

उद्घाटन कार्यक्रम में आशिमा और तिलक नाम के बच्‍चों ने रैप की प्रस्‍तुति दी। इसके अलावा तिलक, आशिमा, काजल शाह, काजल ठाकुर, सोनी, वर्षा, राहुल, आदित्‍य और आशिका ने नाट्य प्रस्‍तुति से समां बांध दिया।
चिल्‍ड्रेन्‍स रिसोर्स सेंटर की स्‍थापना बाल मित्र मंडल(बीएमएम) के द्वारा की गई है। बीएमएम, नोबेल शांति पुरस्‍कार से सम्‍मानित कैलाश सत्‍यार्थी द्वारा स्‍थापित कैलाश सत्‍यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स फाउंडेशन(केएससीएफ) का एक अभिनव प्रयोग है। बीएमएम का लक्ष्‍य है कि स्‍लम एरिया का कोई भी बच्‍चा बाल मजदूरी न करे, किसी भी बच्‍चे की ट्रैफिकिंग न हो, किसी बच्‍चे का बाल विवाह न हो, कोई यौन शोषण का शिकार न हो और सभी बच्‍चे स्‍कूल जाएं। साथ ही समुदाय के सभी लोग सामूहिक रूप से अपने अधिकारों की आवाज उठाएं। बच्‍चों के बेहतर जीवन के लिए साफ पानी, शिक्षा, सुरक्षा एवं स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं मिल सकें।
Kailash Satyarthi
अपने इन्‍हीं प्रयासों के तहत स्‍लम के बच्‍चों के लिए केएससीएफ ने देश की नामी कंपनी ‘बोट’ के साथ एक कार्यक्रम लॉन्‍च किया है, जिसका नाम है ‘मेरी आवाज सुनो’। ‘बोट’ कंपनी अपने ऑडियो व वियरेलब ब्रांड के लिए जानी जाती है। केएससीएफ पिछले चार साल से बीएमएम के जरिए दिल्‍ली के स्‍लम एरिया में रहने वाले बच्‍चों के लिए काम कर रही है। इस प्रतिभा विकास कार्यक्रम का मकसद है कि इन बच्‍चों को एक ऐसा मंच उपलब्‍ध करवाया जाए, जहां यह अपनी प्रतिभाओं को सबके सामने ला सकें। जैसे- म्‍यूजिक, डांस, थिएटर और क्रिकेट।
केएससीएफ मौजूदा समय में 23,214 बच्‍चों को बीएमएम कार्यक्रम के जरिए उनके अधिकार दिला रहा है और उनके भविष्‍य को संवारने का  काम कर रहा है।

चिल्‍ड्रेन्‍स रिसोर्स सेंटर को संवारने का काम युवा वालंटियर अनिका सोमैया और आफताब अहमद ने किया है। यह दोनों स्‍ट्रीट आर्टिस्‍ट हैं और इन्‍होंने सेंटर की दीवारों पर शानदार भित्ति चित्र (वॉल पेंटिंग) की है। यह पेंटिंग एक नजर में ही सबका मन मोह लेती हैं और बच्‍चों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करती है।

इस सेंटर की अवधारणा केएससीएफ के कार्यक्रम ‘रंग बदलाव के’ पर आधारित है, जो कि वंचित बच्‍चों के जीवन में बदलाव लाने और सपनों को पंख लगाने का काम करता है। ये ही बच्‍चे सबसे ज्‍यादा शोषण के शिकार होते हैं।
केएससीएफ के कार्यकारी निदेशक राकेश सेंगर ने सेंटर के निर्माण में विधायक कादियान की ओर से सहयोग दिए जाने पर धन्‍यवाद देते हुए कहा, ‘चिल्‍ड्रेन्‍स रिसोर्स सेंटर का मकसद समाज के इन वंचित बच्‍चों की मदद करना है, उनकी प्रतिभा को निखारना और उसे एक उचित मंच उपलब्‍ध करवाना है।’
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