शुक्रवार, 29 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. kailash satyarthi foundation
Written By

बचपन बचाओ आंदोलन और एनसीपीसीआर ने मुक्‍त करवाईं 10 नाबालिग आदिवासी लड़कियां

दिल्‍ली में एक प्‍लेसमेंट एजेंसी में ट्रैफिकिंग कर लाई गई थीं झारखंड से

बचपन बचाओ आंदोलन और एनसीपीसीआर ने मुक्‍त करवाईं 10 नाबालिग आदिवासी लड़कियां - kailash satyarthi foundation
नई दिल्‍ली। नोबेल विजेता कैलाश सत्‍यार्थी द्वारा स्‍थापित बचपन बचाओ आंदोलन(बीबीए) ने राष्‍ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग(एनसीपीसीआर), एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट(एएचटीयू) और दिल्‍ली पुलिस के सहयोग से दक्षिणी दिल्‍ली में चल रही एक अवैध प्‍लेसमेंट एजेंसी से 10 नाबालिग आदिवासी लड़कियों को मुक्‍त करवाया है। यह सभी ट्रैफिकिंग के जरिए झारखंड के दक्षिणी सिंहभूम जिले से अच्‍छे काम व पैसे का लालच देकर लाई गई थीं। यह एजेंसी पिछले दस साल से यहां अपना काम कर रही है।
 
पुलिस ने इस मामले में पांच ट्रैफिकर्स की पहचान की है, जिनमें से दो के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इन सभी लड़कियों की उम्र 13 से 17 साल के बीच है। सभी लड़कियों का मेडिकल टेस्‍ट करवा लिया गया है और इसके बाद इन्‍हें चाइल्‍ड वेलफेयर कमेटी(सीडब्‍ल्‍यूसी) के सामने पेश किया जाएगा।
 
बीबीए के निदेशक मनीष शर्मा ने कहा, ‘हमारा संगठन उन प्‍लेसमेंट एजेंसियों की गतिविधियों के खिलाफ है, जो गरीब व कमजोर वर्ग के बच्‍चों को लालच देकर या बहला-फुसलाकर ट्रैफिकिंग का शिकार बनाती हैं।’ उन्‍होंने आगे कहा,  ‘हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह आने वाले समय में ऐसी अवैध गतिविधियों में लिप्‍त रहने वाली प्‍लेसमेंट एजेंसियों के खिलाफ एक कठोर कानून लाए।’
 
गौरतलब है कि देश की राजधानी में पहले भी ऐसे मामले सामने आते रहे हैं जब दूसरे राज्‍यों के ग्रामीण इलाकों से लड़के-लड़कियों को अच्‍छे काम और पैसे के लालच में ट्रैफिकिंग के जरिए लाया गया है। पिछले महीने ही दिल्‍ली के ही एक इलाके से दो नाबालिग घरेलू सहायिकाओं को भी छुड़ाया गया था। इनसे अमानवीय हालत में काम करवाया जाता था और खाने के नाम पर बचा-खुचा ही दिया जाता था। यह दोनों नाबालिग आपस में बहनें थीं और इन्‍हें ट्रैफिकिंग के जरिए बहला-फुसलाकर लाया गया था। इस तरह के तमाम मामले नियत अंतराल पर सामने आते रहते हैं। इस तस्‍वीर का चिंताजनक पहलू यह है कि ट्रैफिकर्स का शिकार ज्‍यादातर नाबालिग होते हैं और एक बार इनके चंगुल में आने के बाद उनका बचना काफी मुश्किल हो जाता है।