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Last Modified: बुधवार, 10 अक्टूबर 2018 (18:08 IST)

कश्मीर में पथराव, मारपीट और धमकियों के बीच मामूली वोटिंग

कश्मीर में पथराव, मारपीट और धमकियों के बीच मामूली वोटिंग - Jammu and Kashmir election voting
श्रीनगर। स्थानीय निकाय के चुनावों के लिए मतदान के दूसरे दौर में फिर से कश्मीर जम्मू संभाग से पीछे रहा है। कश्मीर में जहां पथराव और मतदाताओं के साथ मारपीट की घटनाओं के साथ ही कुछेक मात्र वोटरों के बाहर निकलने के कारण मतदान सुर्खियों में रहा, वहीं जम्मू संभाग में जबरदस्त वोटिंग के कारण मतदान सुर्खियों में रहा।


शहरी स्थानीय निकाय चुनावों के खिलाफ अलगाववादियों द्वारा बुलाई हड़ताल से कश्मीर घाटी के चुनाव वाले क्षेत्रों में बुधवार को जनजीवन प्रभावित रहा। घाटी में दूसरे चरण का मतदान बुधवार सुबह छह बजे शुरू होकर शाम चार बजे तक चला।

घाटी के चुनाव वाले क्षेत्रों में दुकानें, पेट्रोल पंप और अन्य व्यावसायिक संस्थान बंद रहे। शहर के कई इलाकों में भी दुकानें बंद रहीं। एहतियाती तौर पर अधिकारियों ने शहर में इंटरनेट की गति भी कम कर दी थी। अधिकारियों ने बताया कि चुनाव वाले क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन के साधन भी सड़कों से नदारद रहे, लेकिन घाटी के अन्य इलाकों में इनकी आवाजाही सामान्य रही।

सरकार ने चुनाव वाले क्षेत्रों में छुट्टी का ऐलान किया था। संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) के अलगाववादियों ने मंगलवार को इलाके में बंद रखने की घोषणा की थी। जेआरएल में सईद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासीन मलिक शामिल हैं, जिन्होंने एक संयुक्त बयान में कहा था कि दूसरे चरण में जहां चुनाव होने हैं, वहां लोग इस नाटक से दूर रहकर, इसका बहिष्कार कर दिखाएंगे कि उन्हें इससे कोई मतलब नहीं है।

इतना जरूर था कि पहले चार घंटों में जिला कठुआ में सबसे ज्यादा 39.4 प्रतिशत जबकि सबसे कम अनंतनाग में 0.6 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया था। अनंतनाग में दो बजे तक मात्र एक प्रतिशत मतदान हुआ था। विभिन्न इलाकों में मतदान में व्यवधान डालने के लिए घाटी में कई बूथ पर स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों पर पथराव भी किया। भीड़ पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबलों को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। दक्षिण कश्मीर के खन्नाबल में शरारती तत्वों ने एक वोटर को पीटा, जबकि रामबन में चुनाव लड़ रहे भाजपा प्रत्याशी की हृदयाघात से मौत के बाद मतदान रोकना पड़ा।

कश्मीर के सात निकायों कुंजर, मागाम, चरार-ए-शरीफ, बीरवाह, यारीपोरा, फ्रिसल और बीजबेहाड़ा में मतदान नहीं हुआ। इन सातों निकायों में या तो प्रत्याशी नहीं हैं और अगर हैं तो निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। सिर्फ श्रीनगर और सुंबल में ही लगभग हर वार्ड पर मतदान हुआ था पर मतदाता नहीं आए थे।

मतदान केन्द्रों पर पथराव : घाटी में चुनाव का बहिष्कार करने वाले तत्वों की हिंसक भीड़ ने मिडिल स्कूल गुजरबल छत्ताबल जो कि वार्ड 35 कमरवारी के अंतर्गत है, में बने मतदान केंद्र और हायर सेकंडरी स्कूल मुजगंड में मतदान केंद्रों पर पथराव किया। वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने त्वरित कार्रवाई कर उन्हें वहां से खदेड़ दिया।

दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग के खन्नाबल में एक मतदान केंद्र से बाहर निकल रहे एक वोटर की जमकर धुनाई भी कर दी। उसे वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह से बचाया। श्रीनगर में खुशीपोरा और मलूरा में ईवीएम मशीनों में आई खराबी के कारण एक घंटा मतदान रुका रहा।

रामबन से मिली जानकारी के अनुसार, वार्ड नंबर दो से भाजपा के उम्मीदवार आजादसिंह राजू की हृदयाघात से मौत के बाद मतदान को रोक दिया गया। आजाद सिंह ने अपने निधन से चंद मिनट पूर्व ही सुनारी मोहल्ला रामबन में बने मतदान केंद्र में अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।

चूंकि कुलगाम और बडगाम जिलों में दो उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो गए, इसलिए घाटी के इन दो जिलों में मतदान प्रक्रिया बुधवार को समाप्त हो गई। दूसरे चरण में नगर पालिका चुनाव प्रक्रिया अब राज्य के 11 जिलों- जम्मू संभाग के छह और कश्मीर घाटी के पांच जिलों में प्रभावी है।

कड़ी सुरक्षा और अलगाववादियों के बहिष्कार के आह्वान के बीच, पहले चार घंटों में जम्मू के सभी छह जिलों में तेज मतदान देखा गया। कठुआ में 39.4 प्रतिशत, उधमपुर में 30.2 प्रतिशत, रियासी में 35.7 प्रतिशत, रामबन में 35.1 प्रतिशत, डोडा में 36.5 प्रतिशत और किश्तवाड़ में 34.1 प्रतिशत मतदान हुआ। जम्मू में सुबह छह बजे से शुरू हुए मतदान के लिए उत्साही मतदाता कतारों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे, वहीं घाटी में स्थिति बिलकुल उलट है।

बहिष्कार और धमकी : जम्मू क्षेत्र के कठुआ, उधमपुर, किश्तवाड़, रियासी, डोडा, रामबन जिले और कश्मीर के अनंतनाग, कुपवाड़ा, श्रीनगर, बारामुला, बांदीपोरा, बडगाम और कुलगाम जिलों के लिए हो रहे चुनाव में 1,029 उम्मीदवार मैदान में हैं। मुख्यधारा के राजनीतिक दलों- नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, माकपा, डेमोक्रेटिक पार्टी नेशनलिस्ट (डीपीएन) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) ने चुनाव का बहिष्कार किया है। अलगाववादियों ने उन इलाकों में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है, जहां घाटी में मतदान हो रहा है। आतंकवादियों ने चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को धमकियां दी हैं और मतदाताओं से चुनाव प्रक्रिया से दूर रहने के लिए कहा है।

उमर ने उठाए समय पर सवाल : पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू एवं कश्मीर में निकाय चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के समय कार्यक्रम को सुबह सात बजे के बजाय सुबह छह बजे से शुरू करने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट किया, मतदान केंद्र सुबह छह बजे से क्यों खुल रहे हैं? यदि मुझे साजिश की कहानियों पर विश्वास होता तो मैंने विश्वास किया होता, क्योंकि शुरुआती घंटे में कितने मतदाता मतदान के लिए आए, इसकी पुष्टि के लिए आसपास पत्रकार नहीं होंगे। बुधवार के मतदान में हिस्सा लेने के लिए कुल 3,46,980 मतदाता पात्र थे, जिनमें से जम्मू में 1 लाख 28 हजार 104 और घाटी में 2 लाख 18 हजार 876 हैं।

इतना जरूर था कि कश्मीर में निकाय चुनावों के बहिष्कार के फरमान के बेअसर होने से हताश आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने बुधवार को सोशल मीडिया पर एक भाजपा नेता की तस्वीर को वायरल कर उन्हें जान से मारने की धमकी दी है। फिलहाल पुलिस इस मामले की छानबीन कर रही है।

यह धमकी भाजयुमो के उपाध्यक्ष एजाज हुसैन पुत्र गुलाम मोहम्मद राथर को मिली है। वह पंथाचौक के साथ सटी जाफरान कॉलोनी में रहते हैं। श्रीनगर के लिए हिज्ब के स्वयंभू डिवीजनल कमांडर अबु उमैर अल हिज्बी ने सोशल मीडिया पर एजाज हुसैन की तस्वीर को शेयर किया है। उन्हें भाजपा से पूरी तरह नाता तोड़ने का फरमान सुनाया है। आतंकी कमांडर ने कहा है कि अगर सियासत से नाता नहीं तोड़ा तो वह अपने अंजाम के लिए खुद जिम्मेदार होंगे।