रविवार, 22 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Rajnath Singh Kashmir visit peace appeal
Written By
Last Modified: गुरुवार, 7 जून 2018 (22:42 IST)

कश्मीर में बोले राजनाथ सिंह, शांति वापस लाने में मदद करें, वरना अंधेरे में गंवा देंगे एक पीढ़ी

कश्मीर में बोले राजनाथ सिंह, शांति वापस लाने में मदद करें, वरना अंधेरे में गंवा देंगे एक पीढ़ी - Rajnath Singh Kashmir visit peace appeal
श्रीनगर। रमजान के दौरान सुरक्षा संबंधी अभियान के स्थगन की समीक्षा के लिए यहां आए केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यह कहते हुए जम्मू-कश्मीर के लोगों से शांति वापस लाने में मदद की अपील की कि ‘कहीं ऐसा न हो कि हम एक और पीढ़ी को अंधेरे में गंवा बैठे।

उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र उन सभी लोगों से वार्ता को तैयार है जो भले ही समान सोच नहीं रखते हो बल्कि सही सोच रखते हों। इस बयान को अलगाववादियों के लिए शांति की पेशकश समझा जा रहा है। आज अपने व्यस्ततम कार्यक्रमों के तहत गृहमंत्री ने रमजान के दौरान एकतरफा संघर्षविराम की समीक्षा के लिए अधिकारियों के साथ बातचीत की, खिलाड़ियों को सम्मानित किया तथा राज्यपाल एनएन वोहरा एवं मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात की।

बाद में उन्होंने कहा कि केंद्र पाकिस्तान में ‘सही सोच वाले’ व्यक्तियों के साथ वार्ता करने के लिए तैयार है बशर्ते पड़ोसी देश अपनी सरजमीं से चलने वाली आतंकवादी गतिविधियां रोके। शेर-ए-कश्मीर इनडोर स्टेडियम में एक कार्यक्रम के दौरान गृहमंत्री ने युवकों से दुष्प्रचार अभियान के गिरफ्त में नहीं आने, सीमापार नहीं जाने और उनकी कठपुतली नहीं बनने की भावनात्मक अपील की।

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें युवाओं के सशक्तिकरण और उन्हें खेलकूद में शानदार प्रदर्शन करने में मदद पहुंचाने के लिए राज्य के चेहरे और भविष्य को बदलने के लिए हर प्रयास करेंगी। केंद्र ने पथराव के संदर्भ में युवाओं पर से मामले हटाने का फैसला करने से पहले इस तथ्य को ध्यान में रखा कि उन्हें सुरक्षाबलों पर पथराव के लिए गुमराह किया गया।

सिंह ने कहा कि हम मानते हैं कि कहीं भी बच्चे समान हैं। हम समझते हैं कि थोड़े से युवकों को पथराव के लिए गुमराह किया गया... बच्चे गलतियां कर सकते हैं.... और यही वजह है कि हमने मामले वापस लेने का फैसला किया। जम्मू-कश्मीर सरकार की मदद से हम राज्य का चेहरा और भविष्य बदलेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ह्रदय में जम्मू-कश्मीर के लिए बहुत प्यार है।

युवकों को सुरक्षित भविष्य उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है। शिक्षा की ताकत एवं खेलकूद के चमत्कार से यह किया जा सकता है। मैं युवकों से अपील करना चाहता हूं कि वे विनाश नहीं, बल्कि विकास के मार्ग पर चलें। गृहमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार सभी लोगों और संबंधित समूहों से वार्ता के लिए तैयार है, इसलिए उसने जम्मू-कश्मीर के सभी पक्षों से वार्ता करने के लिए विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि विशेष प्रतिनिधि को बस नजारा देखने के लिए नियुक्त नहीं किया गया है। वह अब तक ग्यारह बार यहां आ चुके हैं। मंत्री पिछले साल अक्टूबर में दिनेश्वर शर्मा को जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किए जाने का जिक्र कर रहे थे।

सिंह ने जम्मू-कश्मीर के लोगों से राज्य में शांति वापस लाने के लिए आगे आने की अपील की। उन्होंने कहा कि कहीं ऐसा न हो कि हम एक और पीढ़ी को अंधेरे में गंवा बैठे।  जब उनसे पूछा गया कि क्या जम्मू कश्मीर में केंद्र द्वारा घोषित एकतरफा संघर्षविराम रमजान के बाद भी बढ़ाया जाएगा तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उचित सोच-विचार के बाद रमजान में अभियान स्थगित करने का फैसला किया। हमने जम्मू-कश्मीर में आम लोगों की स्थिति को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया। रमजान के बाद उसे बढ़ाने का फैसला स्थिति की समीक्षा के बाद किया जाएगा।

अलगाववादियों का नाम लिये बगैर गृहमंत्री ने कहा कि अपने बच्चों को तो शिक्षा देते हैं और दूसरे बच्चों के हाथों में पत्थर दे देते हैं। मैं उनसे अपने बच्चों की तरह ही दूसरे बच्चों के साथ भी बर्ताव करने की अपील करता हूं।  पाकिस्तान के विषय पर उन्होंने कहा कि कुछ शक्तियां चोरी छिपे या खुलेआम आतंकवाद का इस्तेमाल कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि उन्हें समझना चाहिए कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है। यह कब किसे अपना ग्रास बनाएगा, कोई भी सटीकता के साथ इसका जवाब नहीं दे सकता।  उन्होंने कहा कि केंद्र का शुरू से ही रुख रहा है कि वे सभी से बातचीत करने को तैयार है।

सिंह ने कहा कि कम से कम हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान को अपनी सरजमीं से निकलने वाली आतंकवादी गतिविधियां रोकनी चाहिए। और यदि आप आतंकवाद नहीं रोक पाते हैं तो आप क्यों अपने पड़ोसी देश भारत की मदद नहीं ले लेते?

गृहमंत्री ने आतंकवादियों पर प्रहार करते हुए कहा कि जो लोग रमजान के पाक महीने में भी अपनी नापाक गतिविधियों को नहीं छोड़ रहे हैं, क्या उनकी गतिविधियों को अपवित्र नहीं बताया जाना चाहिए। मैं कहना चाहूंगा कि युवाओं को गुमराह करना धोखेबाजी नहीं बल्कि अपराध है।  उन्होंने कहा कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहां दुनिया के सभी महत्वपूर्ण धर्मों का पालन हो रहा है।

उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई भी ऐसा इस्लामी देश नहीं है जहां इस्लाम के सभी 72 संप्रदाय हैं। यदि दुनिया में कोई ऐसा देश है जहां ये सारे संप्रदाय हैं तो वह भारत है। तो फिर उस भारत के प्रति इतनी नफरत (क्यों)? सिंह ने कहा कि इसे मत भूलिए कि अटल बिहारी वाजपेयी जम्हूरियत, कश्मीरियत और इंसानियत की बात करते थे। आज मैं उन लोगों से पूछना चाहता हूं जो बंदूक उठा रहे हैं, कि क्या उन्हें लोकतंत्र में यकीन है? (भाषा)
ये भी पढ़ें
खुशखबर, रेलवे ने ज्यादा सामान ले जाने पर जुर्माना वसूलने की योजना टाली