Article 370 खत्म पर झंडे को लेकर अभी असमंजस बरकरार
जम्मू। जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दिए जाने के बाद भी राज्य के अपने अलग झंडे और निशान को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश न होने का परिणाम यह है कि इसका अभी भी खुलकर इस्तेमाल हो रहा है। हालांकि कई स्थानों पर इसका प्रयोग बंद कर दिया गया है पर किसी सरकारी निर्देश की अनुपस्थिति में यह खुलकर इस्तेमाल हो रहे हैं।
स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों में लगाए गए उन वाहनों में राज्य के झंडे को देखा जा सकता है जिनका इस्तेमाल स्वतंत्रता दिवस समारोहों के दौरान विभिन्न जिलों में ध्वजारोहण के बाद सलामी के लिए गणमान्य व्यक्तियों द्वारा इस्तेमाल किया जाना है। ये सभी तस्वीरें राज्य सूचना विभाग द्वारा मुहैया करवाई गई हैं। यह तस्वीरें स्वतंत्रता दिवस समारोहों की रिहर्सल की हैं।
यह करीब 7 जिलों तथा नवगठित लद्दाख यूटी के लेह में हो रही रिहर्सल की तस्वीरें हैं। इन रिहर्सलों में उन वाहनों को ध्यान से देखें। इन पर एक ओर अगर तिरंगा फहरा रहा है तो दूसरी ओर अभी भी राज्य का अपना झंडा लगा हुआ है। श्रीनगर, कुलगाम और कठुआ की रिहर्सलों में शामिल वाहनों में यह स्पष्ट तौर पर दिख रहा है।
लद्दाख में निशान : हालांकि लद्दाख अब अगल केंद्र शासित प्रदेश बनाया जा चुका है। उसके स्वतंत्रता समारोह की रिहर्सल में शामिल वाहन पर सिर्फ तिरंगा है, लेकिन वाहन पर आगे की ओर राज्य का निशान अभी वहीं पर है। यह बात अलग है कि उधमपुर, सांबा, रामबन तथा किश्तवाड़ की रिहर्सल की तस्वीरों में दिखने वाले वाहनों पर से राज्य के झंडे को उतारा जा चुका है।
भाजपा बहुल इलाकों में झंडा उतरा : ऐसा भी नहीं है कि राज्य में जिन स्थानों पर राज्य के अलग झंडे का इस्तेमाल हो रहा था उन्हें उतार दिया गया हो बल्कि भाजपा बहुल इलाकों में इसे फिलहाल उतारा जा चुका है, लेकिन बाकी इलाकों में सरकारी निर्देश का इंतजार किया जा रहा है। दरअसल इसको लेकर कोई सरकारी निर्देश जारी नहीं किया गया है कि राज्य के झंडे और निशानों का इस्तेमाल कब से वर्जित होगा।
जानकारी के लिए 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाने और उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद से ही राज्य के संविधान, झंडे और निशान के इस्तेमाल को खत्म कर दिया गया था, जबकि 31 अक्टूबर को ही राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाना है।
अब राज्यपाल के कार्यक्रम पर नजर : संसद में प्रस्ताव के पारित होते ही सबसे पहले भाजपा के नेता और विधानसभा स्पीकार निर्मल सिंह ने अपने सरकारी वाहन से राज्य के झंडे को उतार दिया था। पर बाकी कई वाहनों पर इसे कश्मीर में अभी भी देखा जा सकता है।
जम्मू में इसका इस्तेमाल न के ही बराबर है। ऐसे में सवाल यह भी है कि कल जब राज्यपाल सत्यपाल मलिक श्रीनगर के शेरे कश्मीर स्टेडियम में तथा अन्य सलाहकार और अधिकारी स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान ध्वजारोहण के उपरांत गार्ड निरीक्षण करेंगे तो क्या उनके वाहन पर राज्य का निशान व झंडा होगा या नहीं?