छंटनी के दबाव में भी आईटी क्षेत्र में नौकरियों के अवसर बढ़ेंगे
नई दिल्ली। भारतीय आईटी कंपनियों में की गई छंटनियां पहले से भिन्न नहीं हैं और इस क्षेत्र में कुल मिलाकर भर्तियां, छंटनी से ज्यादा ही रहेंगी। यह बात एक रिपोर्ट में कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के छंटनी भी सोच-समझकर ही की जाएगी और इस मामले में ‘ऑटोमेशन’ का प्रभाव महत्वपूर्ण होगा।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपने शोध नोट में कहा कि हमारा मानना है कि घरेलू आईटी क्षेत्र में कर्मचारियों की संख्या में ये समायोजन पिछले सालों से कोई विशेष रूप से भिन्न नहीं हैं। आईटी क्षेत्र में शुद्ध रूप से भर्तियां ज्यादा ही रहेंगी तथा ये संख्याएं इस उद्योग की आय में वृद्धि के हिसाब से सोच-समझ के साथ तय होंगी।
भारतीय आईटी कंपनियां आमतौर पर वार्षिक कार्यनिष्पादन मूल्यांकन के बाद 1-3 फीसद कर्मचारियों की छंटनी करती हैं, वैसे इस साल यह संख्या थोड़ी अधिक यानी 2-4 फीसदी हो गई है। आईटी कंपनियों द्वारा नौकरियां देने की रफ्तार घटने के लिए कंपनियों की वृद्धि दर में कमी, नौकरी छोड़कर दूसरी जगह जाने के रुझान में कमी, कर्मचारियों में नए कौशल की जरूरत और बाजारों में बदलाव आदि जिम्मेदार हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 8 फीसदी राजस्व वृद्धि के अनुमान के साथ 2017-18 में कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि 2016-17 के जैसी ही या उससे भी अधिक होगी। (भाषा)