2021 में क्या बंगाल में बीजेपी बनाएगी सरकार, लोकसभा परिणामों के विश्लेषण के बाद बड़ा सवाल?
लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के बाद बीजेपी के हौंसले बुलंद है। चुनाव में बीजेपी ने ममता के गढ़ में बढ़ी सेंध लगाते हुए 18 सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। बंगाल में इस प्रचंड जीत के बाद एक बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या 2021 में बंगाल में बीजेपी अपनी सरकार बना सकती है? सवाल ये भी उठा खड़ा हुआ है कि क्या बंगाल में जिस तरह ममता ने लेफ्ट में गढ़ में सेंध लागते हुए 2011 के विधानसभा चुनाव में 184 सीटों पर जीत हासिल की थी वैसा ही कुछ 2021 में बीजेपी करने जा रही है?
इस सवाल के पीछे पूरी तरह सियासी गुणा भाग है। 2011 के विधानसभा चुनाव में जिसमें ममता ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर लेफ्ट के किले को ढहा दिया था उससे ठीक दो साल पहले टीएमसी ने 2009 के आम चुनाव में बड़ी जीत हासिल करते हुए अपने सांसदों की संख्या एक से बढ़ाकर 19 कर दी थी और ऐसा ही कुछ इस बार बीजेपी ने किया है जिसने 2014 के मुकाबले अपने सांसदों की संख्या 2 से बढ़ाकर 18 कर दी है।
बीजेपी की इस बड़ी जीत पर वरिष्ठ पत्रकार और इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर आनंद पांडे कहते हैं कि बीजेपी के राष्ट्रवाद और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति ने बंगाल में बीजेपी को इतनी बेहतर स्थिति में ला दिया । ममता की हिंदू विरोधी नीति और मोदी की राष्ट्रवादी विचारधारा के कैंपेने में ममता के वोटरों को भी बीजेपी की तरफ मोड़ दिया।
वोट शेयर में बराबरी की टक्कर - पश्चिम बंगाल की कुल 42 लोकसभा सीटों में से ममता बनर्जी के पार्टी ने 22 सीटों पर और बीजेपी ने 18 सीटों पर जीत हासिल की है। अगर दोनों ही पार्टियों के मिले वोट शेयर को देखे तो टीएमसी को जहां 43.3 प्रतिशत वोट मिले तो बीजेपी ने अपने वोट फीसदी में पिछले चुनाव के मुकाबले लगभग 23 फीसदी का इजाफा करते हुए 40.3 प्रतिशत वोटों पर कब्जा किया। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मात्र 17 फीसदी मत मिले थे।
बंगाल में बीजेपी का भविष्य – 2014 के आम चुनाव में बंगाल में मात्र 2 सीटें जीतने वाली बीजेपी ने इस बार 18 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की है। अगर लोकसभा चुनाव के नतीजों का विधानसभा सीट वार विश्लेषण करें तो विधानसभा की कुल 294 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने लगभग 130 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बनाई है। वहीं सत्तारूढ दल टीएमसी मात्र 158 सीटों पर बढ़त मिली है। ऐसे में जब दो साल बाद 2021 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव है तो वहां बीजेपी और टीएमसी के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिलना तय माना जा रहा है।
बंगाल में बीजेपी के भविष्य के सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार आनंद पांडे कहते हैं कि लोकसभा चुनाव परिणाम देखने के बाद ये कहा जा सकता है कि बीजेपी 2021 में पश्चिम बंगाल में अपनी सरकार बना सकती है।
आनंद पांडे कहते हैं कि 2016 तक बीजेपी भी इतनी बड़ी जीत के बारे में नहीं सोच रही थी लेकिन पिछले एक साल में जिस तरह बीजेपी ने अपना पूरा ध्यान बंगाल में केंद्रित कर दिया उसके बाद उसके जीत के रास्ते खुल गए। आनंद पांडे कहते हैं कि बीजेपी ने पिछले साल मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में मिली हार की भरपाई के लिए अपना पूरा ध्यान बंगाल पर लगाने का जो निर्णय लिया वो पूरी तरह सफल साबिक हुआ।
वहीं बंगाल में बीजेपी के मजबूत संगठन के सवाल पर आनंद कहते हैं कि वो इससे कतई सहमत नहीं है कि बंगाल में बीजेपी का संगठन मजबूत है वो साफ कहते हैं कि अगर संगठन मजबूत होता तो बीजेपी 23 से 25 सीटें जीतती। वहीं आनंद पांडे चौंकने वाली बात कहते हैं कि इस चुनाव में पहली बार बंगाल के लोगों ने ‘आमार शोनार बांग्ला’की जगह भारतवर्ष हमारा हैं और भारत माता की जय के नारे लगाते हुए दिखाई दिए। बीजेपी महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय लोकसभा चुनाव के बाद दावा कर चुके है कि 2021 में बंगाल में बीजेपी की सरकार बनेगी।