इंडिगो की यात्री सेवाएं सबसे खराब, एयर इंडिया की सामान नीति सबसे अच्छी
नई दिल्ली। पर्यटन एवं परिवहन मंत्रालय से जुडी संसद की स्थायी समिति ने किराए को लेकर निजी विमान सेवाओं की मनमानी पर चिंता व्यक्त करते हुए इस पर अंकुश लगाने की सरकार से सिफारिश की है। समिति ने इंडिगो विमान सेवा को सबसे खराब निजी विमान कंपनी बताया है और कहा है कि वह यात्रियों की शिकायतों का निपटारा भी नहीं करती।
समिति के अध्यक्ष एवं तृणमूल के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ'ब्रायन ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा कि समिति के सभी सदस्यों ने निजी विमान कंपनियों द्वारा यात्रियों का शोषण किए जाने और शिकायतों पर पर्याप्त ध्यान न दिए जाने की आलोचना की है।
ओ'ब्रायन ने कहा कि इस संदर्भ में इंडिगो कंपनी का सबसे खराब प्रदर्शन है और वह यात्रियों की शिकयतों पर बिलकुल ध्यान नहीं देती। जम्मू-कश्मीर से मरीजों को अचानक जब विमान यात्रा करनी होती है तो 30-40 हजार रुपए तक किराया लिया जाता है। गर्मियों के मौसम में भी मनमानी और मोटा किराया लिया जाता है। हमने सरकार से अनुरोध किया है कि इस पर अंकुश लगनी चाहिए, क्योंकि निजी कंपनियां कई बार तो 8-10 गुना किराया बढ़ा देती हैं।
उन्होंने कहा कि एयर इंडिया की सेवा में अब काफी सुधार हुआ है। समिति के अध्यक्ष ने कहा कि यात्रियों के सामान का वजन 1-2 किलो बढ़ जाने पर भी निजी एयरलाइंस विशेषकर इंडिगो मनमाना किराया वसूलती है तथा वे निजी एयरलाइंस के विरोधी नही हैं लेकिन यात्रियों के अधिकारों और हितों की रक्षा को अहम मानते हैं। निजी एयरलाइंस को कुछ संकट या समस्याएं हो सकती हैं, पर किराए के मामले में उन्हें यात्रियों का ऐसा शोषण नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि समिति ने इन निजी विमान कंपनियों से कहा है कि वे कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व के तहत मरीजों का किराया कम करें और कुछ सीटें उनके लिए आरक्षित भी करें ताकि उनको जब इलाज के लिए जाना पड़े तो उन्हें सीट सस्ते दाम पर उपलब्ध हो।