श्रीनगर। सेना के एक वरिष्ठ सैन्य कमांडर ने मंगलवार को कहा कि रमजान के दौरान लागू एकतरफा सीजफायर से सामान्य कश्मीरियों के जीवन में शांति आई है, लेकिन पाकिस्तान कश्मीर घाटी में आतंकवादियों की घुसपैठ में लगातार मदद कर रहा है।
15 कोर के श्रीनगर मुख्यालय के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट ने बताया कि रमजान सीजफायर से आम कश्मीरियों के जीवन में शांति के कुछ पल आए हैं, जिन्होंने इस पहल की सराहना की है। हालांकि जम्मू-कश्मीर में सीजफायर बढ़ाने के प्रस्ताव पर भारतीय सेना ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है।
सेना ने कहा है कि सीजफायर बढ़ाने के फैसले पर वह केंद्र सरकार के साथ है, लेकिन इस तरह का कदम उठाना राज्य की सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं होगा। सेना की एकीकृत कमान के कोर कमांडरों ने पिछले दिनों गृहमंत्री राजनाथसिंह के साथ बैठक के दौरान उन्हें अपनी सुरक्षा चिंताओं से अवगत कराया था।
अधिकारियों ने कहा कि हमें खुशी है कि रमजान के पवित्र महीने के दौरान कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ है, लेकिन पाकिस्तान के राज्य में घुसपैठ में मदद के प्रयास जारी हैं। लेफ्टिनेंट जनरल भट्ट यहां छात्रों के लिए मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट की मुफ्त आवासीय कोचिंग का उद्घाटन करने के लिए आए थे। उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सेना घुसपैठ की चुनौती के लिए तैनात है।
अधिकारी ने हालांकि यह भी कहा कि ऐसा कोई संकेत नहीं है कि आने वाले महीनों में घुसपैठ के प्रयासों में वृद्धि होगी। लेफ्टिनेंट जनरल भट्ट ने कहा कि रमजान सीजफायर को बढ़ाने या बंद करने का निर्णय सरकार का है। उन्होंने कहा कि दोनों स्थितियों में सेना सरकार के निर्णय को लागू करेगी।
वैसे सेना कहती थी कि सीजफायर को बढ़ाना तीन वजहों से उचित नहीं होगा। पाकिस्तान नहीं चाहता कि सीजफायर बढ़े, इसलिए बड़ी संख्या में आतंकवादियों को भेजा जा रहा है। अब तक दो से तीन आतंकी भेजे जाते थे लेकिन अब 5 से 6 आतंकी भेजे जा रहे हैं। पाकिस्तान चाहता है कि कश्मीर में हिंसा तेज हो।
दूसरा कारण सेना ने यह बताया कि स्थानीय आतंकवादियों को हथियार तथा गोला-बारूद की आपूर्ति कम होती जा रही है, इसलिए वे सुरक्षाबलों से हथियार छीन रहे हैं। सीजफायर बढ़ने से उन्हें फिर से हथियार जुटाने में मदद मिलेगी। तीसरा कारण यह है कि सेना की कार्रवाई में बढ़ी संख्या में आतंकवादी मारे गए हैं, वे इस समय दबाव में हैं, ऐसे में अगर सीजफायर बढ़ाया गया तो उन्हें एकजुट होने का मौका मिल जाएगा।
रमजान सीजफायर के दौरान मात्र 26 दिनों के अंदर अब तक 20 आतंकवादी हमले हुए हैं। इन हमलों में अब तक 50 आम नागरिक और 64 जवान घायल हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में 45 नए आतंकी भी भर्ती हुए हैं। बता दें कि अगले हफ्ते राजनाथ सिंह सुरक्षा समीक्षा बैठक के बाद इस सीजफायर जारी रखने या बंद करने पर फैसला करेंगे।
2017 की शुरुआत में घाटी में आतंकी घटनाओं के बढ़ने का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने वहां नए सिरे के आतंकियों की खोज का अभियान चलाया था। कहा जाता है कि ऐसा अभियान 15 साल बाद चलाया गया था। हालांकि, विपक्षी पार्टियों की बात सामने रखते हुए जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रमजान और अमरनाथ यात्रा के दौरान सीजफायर करने की गुजारिश की थी। फिर केंद्र सरकार ने कश्मीर में रमजान के महीने के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से सशर्त सीजफायर की घोषणा की थी।
हालांकि, अपने फैसले में सरकार ने यह भी कहा था कि भले ही जवानों को कोई नया ऑपरेशन शुरू ना करने के लिए कहा गया हो, लेकिन अगर उन पर कोई हमला किया जाता है तो वह इसका जवाब देने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र हैं। सीजफायर के दौरान आतंकी घटनाओं के बढ़ने पर बात करते हुए एक पुलिस अधिकारी ने पिछले दिनों कहा था, आतंकी संगठनों से जुड़ रहे युवाओं के बीच पाकिस्तान और जिहाद के प्रति इतना लगाव भर दिया जाता है कि रमजान में शांति बनाए रखने की जो कोशिश है उसका उन पर कोई असर नहीं होता। मतलब यह सब उनके लिए मायने ही नहीं रखता है।
अधिकारी ने कहा कि सीजफायर को आगे बढ़ाने संबंधित कोई भी फैसला सरकार लेगी लेकिन सेना इस तरह का कोई भी फैसला लागू करने को तैयार है। एलओसी पर घुसपैठ के प्रयास के संबंध में पूछे गए सवाल पर भट्ट ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से कोशिश हुई है लेकिन उन्हें रोकने के लिए सेना तैनात है।
उन्होंने कहा कि जहां तक घुसपैठ का सवाल है, पाकिस्तान अब भी इस प्रयास में लगा हुआ है लेकिन हमारे सैनिक इन प्रयासों को नाकाम करने के लिए तैनात हैं। घाटी में आतंकियों द्वारा हथियार छीनने की कोशिश में हुई बढ़ोतरी पर कोर कमांडर ने कहा कि यह आतंकियों की निराशा को दिखाता है।