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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: बुधवार, 6 जून 2018 (17:24 IST)

फ्लैग मीटिंग के बाद भी नहीं माना पाकिस्तान, फिर दागे मोर्टार

फ्लैग मीटिंग के बाद भी नहीं माना पाकिस्तान, फिर दागे मोर्टार - India-Pakistan BSF officer flag meeting
जम्मू। बीएसएफ अधिकारियों के साथ हुई फ्लैग मीटिंग के चंद घंटे बाद पाकिस्तान ने सरहद पर अपनी नापाक हरकतों का सिलसिला एक बार फिर शुरू कर दिया। सरहद पर पाकिस्तान के एक मानवरहित टोही विमान ने भारतीय सेना कैंप में हलचल उत्पन्न कर दी।

टोही विमान (यूएवी) ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जम्मू जिले के आरएसपुरा की अब्दुल्लियां पोस्ट के ऊपर उड़ान भरी। टोही विमान काफी ऊंचाई पर होने के कारण भारतीय सीमा का पूरा इलाका उसकी नजर में था। इससे पहले कि सीमा सुरक्षा बल की ओर से कोई कार्रवाई की जाती, यूएवी सीमा से दूर पाकिस्तान की ओर चला गया।

सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान की ओर से मंगलवार को यह यूएवी हाई डेफीनेशन कैमरे से भारतीय इलाकों की फोटोग्राफी करने के लिए उड़ाया गया। इसके बाद अखनूर सेक्टर के परगवाल में मोर्टार शेल दागे। इसके अलावा मंगलवार सुबह शांति का विश्वास दिलाने वाले पाकिस्तान ने एलओसी पर राजौरी जिले के झंगड़ सेक्टर में गोलाबारी कर अपनी नापाक नीयत दिखा दी।

फ्लैग मीटिंग के चंद घंटे बाद अखनूर सेक्टर के परगवाल में भी मोर्टार शेल दागे। भारत की ओर से भी उसे मुंहतोड़ जवाब दिया गया। इसके बाद गोलाबारी रुक गई। पाकिस्तान के दुस्साहस से सीमांत क्षेत्र के लोग डरे हुए हैं। हालांकि, बीएसएफ जम्मू फ्रंटियर के डीआईजी अखिलेश्वर सिंह ने आईबी पर जम्मू के अखनूर सेक्टर में गोलाबारी से इंकार किया है। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि पाक की ओर से गोलाबारी की गई है।

15 मई के बाद से जम्मू संभाग के कठुआ, सांबा व जम्मू जिलों में पाक की भारी गोलाबारी में चार सीमा प्रहरी शहीद हो चुके हैं, जबकि 10 आम नागरिक भी मारे गए हैं। इस बीच वादी में रमजान के मद्देनजर आतंकियों के खिलाफ घोषित एकतरफा संघर्षविराम को दो माह और बढ़ाए जाने की अटकलों के बीच केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथसिंह के प्रस्तावित कश्मीर दौरे पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

गृहमंत्री का दौरा ही संघर्ष विराम का भविष्य तय करने के अलावा अलगाववादी खेमे के साथ बातचीत की जमीन का आधार तय करेगा, ऐसा सभी का विचार है। गौरतलब है कि गृहमंत्री राजनाथसिंह सात जून से जम्मू कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं।

इस दौरान वह उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ सटे इलाकों का दौरा करने के अलावा श्रीनगर में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक कर रमजान संघर्ष विराम के बाद पैदा हुए हालात की समीक्षा करेंगे। वह अमरनाथ यात्रा के सुरक्षा प्रबंधों का भी जायजा लेंगे।
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