भारत ने टैंकरोधी गाइडेड मिसाइल हेलिना और ध्रुवास्त्र का किया सफल परीक्षण
नई दिल्ली। भारत ने स्वदेश में विकसित टैंकरोधी गाइडेड मिसाइल प्रणालियों 'हेलिना' और 'ध्रुवास्त्र' का शुक्रवार को सफल परीक्षण किया। इसके साथ ही इन मिसाइलों के क्रमशः थलसेना और वायुसेना में शामिल किए जाने का रास्ता साफ हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
रक्षा मंत्रालय ने इन मिसाइलों को विश्व में सबसे उन्नत टैंकरोधी हथियारों में से एक बताया। इन मिसाइलों का राजस्थान के पोखरण रेगिस्तान में परीक्षण किया गया। मंत्रालय ने कहा कि यह प्रणाली सभी मौसम में और दिन या रात में लक्ष्य साधने में सक्षम है और इससे टैंकों को निशाना बनाया जा सकता है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि न्यूनतम और अधिकतम रेंज में मिसाइलों की क्षमताओं के मूल्यांकन के लिए पांच मिशन संचालित किए गए। मिसाइल प्रणालियों को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इन उपलब्धियों के लिए डीआरडीओ, सेना और वायुसेना को बधाई दी। डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने भी सफल परीक्षणों में शामिल टीमों के प्रयासों की सराहना की।(भाषा)