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Last Updated :नई दिल्ली , शनिवार, 29 मार्च 2025 (23:52 IST)

म्यांमार की मदद के लिए भारत ने चलाया 'ऑपरेशन ब्रह्मा', जानिए क्या-क्या भेजा

म्यांमार की मदद के लिए भारत ने चलाया 'ऑपरेशन ब्रह्मा', जानिए क्या-क्या भेजा - India launches Operation Brahma to aid quake-hit Myanmar
म्यांमार में आए भीषण भूकंप से हुई मौत और तबाही के बीच भारत ने शनिवार को 15 टन राहत सामग्री पहुंचाई तथा आपातकालीन मिशन ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत बचाव दलों के साथ हवाई और समुद्री मार्ग से और आपूर्ति भेजी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने म्यांमार के सैन्य जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की और कहा कि भारत उनके देश में आए भीषण भूकंप से मची तबाही से निपटने के प्रयासों में उनके साथ एकजुटता से खड़ा है। भारत ने म्यांमार के लिए अपने बचाव अभियान को 'ऑपरेशन ब्रह्मा' नाम दिया है।
 
भारत द्वारा एक सैन्य परिवहन विमान से यांगून में 15 टन आवश्यक राहत सामग्री पहुंचाने के कुछ ही घंटों बाद, एक अन्य सैन्य विमान बचाव कर्मियों के एक समूह को लेकर म्यांमार की राजधानी नेपीता में उतरा। अधिकारियों ने बताया कि भारत स्थानीय प्राधिकारों की मदद के लिए म्यांमार में बचाव कर्मियों को पहुंचाने वाला पहला देश बन गया है।
मोदी ने म्यांमार के सैन्य जनरल से फोन पर बातचीत के बाद ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘विनाशकारी भूकंप में लोगों की मौत होने पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। भारत एक निकट मित्र और एक पड़ोसी के रूप में इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है।’’ मोदी ने कहा कि भारत ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत प्रभावित क्षेत्रों में आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, तलाश एवं बचाव दल भेज रहा है।
 
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारतीय नौसैन्य जहाज आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री 40 टन मानवीय सहायता लेकर यांगून बंदरगाह की ओर बढ़ रहे हैं।
 
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में जयशंकर ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 80 सदस्यीय खोज एवं बचाव टीम म्यांमार की राजधानी नेपीता के लिए रवाना हो गई है। उन्होंने कहा कि वे  म्यांमार में बचाव कार्यों में सहायता करेंगे।
 
भारत ने इससे पहले दो अवसरों पर विदेश में एनडीआरएफ कर्मियों को तैनात किया। नेपाल में 2015 के भूकंप के दौरान और 2023 में तुर्किये के भूकंप के दौरान एनडीआरएफ कर्मी मदद के लिए गए थे। सुबह में, भारत ने भारतीय वायु सेना के ‘सी130जे’ सैन्य परिवहन विमान से  म्यांमार के शहर यांगून में राहत सामग्री भेजी।
 
अधिकारियों ने बताया कि तंबू, ‘स्लीपिंग बैग’, कंबल, तैयार भोजन, जल शुद्धिकरण उपकरण, सौर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाओं समेत राहत सामग्री भेजी गई। उन्होंने बताया कि राहत सामग्री के साथ भारतीय वायुसेना के दो और विमान  म्यांमार भेजे जा रहे हैं और ये विमान जल्द ही हिंडन वायुसेना स्टेशन से रवाना होंगे।
अधिकारियों ने बताया कि ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत 60 पैरा-फील्ड एम्बुलेंस भी हवाई मार्ग से म्यांमार भेजी जा रही हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू हो गया है। भारत से मानवीय सहायता की पहली खेप  म्यांमार के यांगून हवाई अड्डे पर पहुंच गई है।’’
 
म्यांमार में भारतीय राजदूत अभय ठाकुर ने राहत सामग्री यांगून के मुख्यमंत्री यू सोई थीन को सौंपी।  म्यांमार और उसके पड़ोसी देश थाईलैंड में शुक्रवार को भीषण भूकंप आने से इमारतें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे क्षतिग्रस्त हो गए।  म्यांमार की सैन्य नेतृत्व वाली सरकार के अनुसार, शनिवार को भूकंप में मरने वालों की संख्या 1,644 हो गई है। घायलों की संख्या 3,408 है, जबकि भूकंप के बाद 139 लोग लापता हैं।
 
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत ने भूकंप से प्रभावित  म्यांमार के लोगों की सहायता के लिए ‘‘सबसे पहले कदम उठाने वाले’’ देश के रूप में काम किया है।
 
जायसवाल ने संवाददाताओं से कहा कि ब्रह्मा सृष्टि के रचयिता हैं। ऐसे समय में जब हम म्यांमार सरकार और वहां के लोगों को तबाही के बाद उनके देश के पुनर्निर्माण में मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं, इस अभियान का यह खास नाम विशेष महत्व रखता है।’’
 म्यांमार में बचाव और राहत कार्य में सहायता के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों का ब्योरा देते हुए उन्होंने कहा 118 सदस्यों वाला एक ‘फील्ड हॉस्पिटल’ भी शनिवार को भेजे जाने की संभावना है।
 
दिल्ली के निकट गाजियाबाद में तैनात एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन के कमांडेंट पी के तिवारी यूएसएआर (शहरी खोज और बचाव) टीम का नेतृत्व करेंगे। अधिकारी ने बताया कि टीम खोजी कुत्तों को भी साथ ले जा रही है। उन्होंने कहा कि यह अभियान अंतरराष्ट्रीय खोज और बचाव सलाहकार समूह (आईएनएसएआरएजी) के मानदंडों के अनुसार किया जा रहा है।
 
म्यांमार स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि वह म्यांमार के साथ भारत से सहायता और राहत सामग्री की शीघ्र आपूर्ति का समन्वय कर रहा है। दिल्ली में भारतीय अधिकारियों ने बताया कि पहला सी130 विमान शाम को नेपीता में उतरा और एनडीआरएफ टीम का स्वागत भारतीय राजदूत और  म्यांमार विदेश मंत्रालय में राजदूत माउंग माउंग लिन ने किया।
 
उन्होंने कहा कि भारत  म्यांमार के नेपीता में बचाव कर्मियों को लाने वाला पहला देश है। उन्होंने यह भी कहा कि भूकंप के बाद  म्यांमार की राजधानी का हवाई अड्डा अभी भी पूरी तरह से चालू नहीं हो पाया है।
 
उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की टीम रविवार की सुबह मांडले के लिए रवाना होगी और बचाव अभियान के लिए वहां पहुंचने वाली पहली टीम होगी। भारत म्यांमार के साथ 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। भाषा