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Last Updated : शनिवार, 7 अगस्त 2021 (10:51 IST)

खेल रत्न पुरस्कार से हटा राजीव गांधी का नाम तो भड़की कांग्रेस, दिया यह बयान

खेल रत्न पुरस्कार से हटा राजीव गांधी का नाम तो भड़की कांग्रेस, दिया यह बयान - How Congress reacted after Rajiv Gandhi Khel ratna award renamed
नई दिल्ली:कांग्रेस ने ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ का नाम ‘मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार’ किये जाने के फैसले का शुक्रवार को स्वागत किया और साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर महान हॉकी खिलाड़ी के नाम का उपयोग अपने राजनीतिक उद्देश्य के लिए करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम एवं दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम का नाम भी बदला जाना चाहिए।पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी देश के नायक हैं जो किसी पुरस्कार से नहीं, बल्कि अपनी शहादत, विचार और आधुनिक भारत के निर्माण के लिए जाने जाते हैं। सुरजेवाला ने कहा, ‘‘राजीव गांधी इस देश के लिए नायक थे, हैं और रहेंगे।’’
 
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के प्रति सम्मान प्रकट करने का कांग्रेस स्वागत करती है। लेकिन नरेंद्र मोदी जी उनका नाम अपने छोटे राजनीतिक उद्देश्यों के नहीं घसीटते तो अच्छा होता। बहरहाल, हम मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार का नाम रखने का स्वागत करते हैं।’’
 
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ओलंपिक वर्ष में जब खेल का बजट घटा दिया गया तो नरेंद्र मोदी जी ध्यान भटकाने का काम कर रहे हैं। कभी किसानों की समस्या से तो कभी जासूसी के मामले से और कभी महंगाई से ध्यान भटका रहे हैं।’’
 
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘अब हमें उम्मीद है कि देश के खिलाड़ियों के नाम पर और स्टेडियम एवं योजनाओं का नाम रखा जाएगा। सबसे पहले नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम बदल दीजिए, अरुण जेटली स्टेडियम का नाम बदल दीजिए, भाजपा नेताओं के नाम से निर्मित स्टेडियम के नाम बदल दीजिए। अब पीटी ऊषा, मिल्खा सिंह, सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर, अभिनव बिंद्रा, लिएंडर पेस, पुलेला गोपीचंद और सानिया मिर्जा के नाम पर स्टेडियम के नाम रखिये।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘मोदी जी बड़ी लकीर खींचना नहीं जानते। वह दूसरों की लकीर मिटाना चाहते हैं।’’उल्लेखनीय है कि भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न पुरस्कार का नाम अब राजीव गांधी खेल रत्न नहीं बल्कि मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा की। 
 
खेल रत्न पुरस्कार को ध्यानचंद के नाम पर करने का खेल जगत ने किया स्वागत
 
भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न पुरस्कार का नाम राजीव गांधी खेल रत्न की जगह मेजर ध्यानचंद खेल रत्न रखने के फैसले का खेल जगत ने स्वागत किया है।ध्यानचंद को महानतम हॉकी खिलाड़ी माना जाता है। हॉकी के इस जादूगर ने अपने 1926 से 1949 तक के करियर के दौरान 1928, 1932 और 1936 में ओलंपिक का शीर्ष खिताब हासिल किया था।
 
उनकी जयंती के उपलक्ष्य में 29 अगस्त को देश का राष्ट्रीय खेल दिवस भी मनाया जाता है।विश्व चैंपियनशिप में भारत की एकमात्र एथलेटिक्स पदक विजेता और यह पुरस्कार 2003 में हासिल करने वाली अंजू बॉबी जॉर्ज ने कहा कि खेल पुरस्कारों के नाम खिलाड़ियों के नाम पर रखे जाने चाहिए।
 
उन्होंने कहा, ‘‘ यह सही समय है जब हम अपने खेल पुरस्कारों का नाम अपने खेल के दिग्गजों के नाम पर रखें। यह सही कदम है। ध्यानचंद हमारे खेल नायक और हॉकी के दिग्गज हैं और हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है। यह उचित ही है कि देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार का नाम ध्यानचंद के नाम पर ऐसे समय रखा गया है जब भारत ने 41 साल बाद (हॉकी में) ओलंपिक पदक जीता है।’’
 
इस फैसले की सराहना करते हुए पूर्व हॉकी कप्तान अजीतपाल सिंह ने कहा कि हालांकि पहचान देर से मिली लेकिन देर आये दुरुस्त आये।
 
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक स्वागत योग्य कदम है। यह एक अच्छा निर्णय है जो प्रधानमंत्री ने लिया है। खेल पुरस्कार हमेशा खिलाड़ियों के नाम पर होने चाहिए और ध्यानचंद जी से बड़ा देश में कोई खिलाड़ी नहीं है। यह मान्यता देर से मिली, लेकिन कभी नहीं से बेहतर है कि देर से मिली।’’
 
ओलंपिक कांस्य पदक मुक्केबाज विजेन्दर सिंह ने कहा कि ध्यानचंद जी को सम्मान देना अच्छी बात है लेकिन यह देश में खेलों के स्तर को उठाने के लिए काफी नहीं है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘ इस कदम के खिलाफ कुछ भी नहीं है क्योंकि हम सभी ध्यानचंद जी के अपार योगदान का सम्मान करते हैं लेकिन सरकार को खिलाड़ियों का समर्थन करने के लिए इससे कुछ ज्यादा करना चाहिए। उन्हें बुनियादी स्तर पर सुविधाओं की जरूरत है, जब तक हम ऐसा नहीं कर सकते, केवल पुरस्कारों का नाम बदलने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा।’’
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यह घोषणा की कि देशवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए खेल रत्न पुरस्कार को अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा।
 
तोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीमों के शानदार प्रदर्शन के बाद इस सम्मान का नाम महान हॉकी खिलाड़ी के नाम पर रखने का फैसला लिया गया।
केन्द्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ध्यानचंद खेलों में भारत के सबसे बड़े नायक रहे है।
 
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मेजर ध्यानचंद जी ने अपने असाधारण खेल से विश्व पटल पर भारत को एक नई पहचान दी व अनगिनत खिलाड़ियों के प्रेरणास्रोत बने। जनभावना को देखते हुए खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार करने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का हार्दिक धन्यवाद।’’
 
पूर्व खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने भी इस कदम के लिए प्रधानमंत्री का शुक्रिया करते हुए लिखा, ‘‘ धन्यवाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी हमेशा हमारे सच्चे नायकों का सम्मान करने और उन्हें पहचान देने के लिए। हमारे देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा। महान खिलाड़ी और भारतीय खेलों को सम्मानित करने के लिए एक सही श्रद्धांजलि। जय हिंद।’’
 
भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी से सांसद बने गौतम गंभीर ट्वीट किया, ‘‘ किसी (खेल) नायक का नाम पुरस्कार को और प्रतिष्ठित बनाता है।’’
 
ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ने भी इस कदम के लिए प्रधानमंत्री का शुक्रिया करते हुए कहा, ‘‘खेल के सबसे बड़े पुरस्कार खेल रत्न को देश के श्रेष्ठ खिलाड़ी और हॉकी के जादूगर ‘मेजर ध्यानचंद खेल रत्न’ रखने के फैसले के लिए मैं भारत सरकार और आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का हार्दिक धन्यवाद करता हूं।’’ (भाषा)