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Written By अवनीश कुमार
Last Modified: शुक्रवार, 27 दिसंबर 2019 (12:20 IST)

हिंसा के बीच बहन के निकाह के लिए हिन्दू भाइयों ने बनाया सुरक्षा कवच...

हिंसा के बीच बहन के निकाह के लिए हिन्दू भाइयों ने बनाया सुरक्षा कवच... - Hindu brothers helps Muslim girl in Nikah
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जहां प्रदर्शनकारियों के बीच में कुछ उपद्रवी कानपुर की सड़कों पर हिंसा कर रहे थे, वहीं शहर के बाबू पुरवा में एक बेटी का निकाह होना था। स्थिति कुछ ऐसी बनी कि दूल्हा पक्ष ने बारात लेकर आने से इंकार कर दिया।
 
दरअसल, इसकी मुख्य वजह कानपुर में भड़की हिंसा थी, लेकिन इसी बीच कुछ ऐसा हुआ सबकी जुबां पर सिर्फ एक ही बात थी कि यह है असली कानपुर और यही है इस शहर की पहचान। हिंसा के दौरान कानपुर की बेटी का निकाह कराने के लिए दूसरे धर्म के लोग सड़कों पर निकल आए और बारातियों को यकीन दिलाया कि उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी अब हमारी है।
 
बारात पहुंचने पर सभी ने एक सुरक्षा के घेरे में बारातियों को रखते हुए कानपुर की बेटी का निकाह अच्छे ढंग से संपन्न कराया। यह देख मौके पर मौजूद कुछ लोगों की आंखें भर आईं। सभी कहने लगे कि यह है कानपुर की असली पहचान।
 
मिली जानकारी के अनुसार कानपुर में बाकरगंज निवासी खान परिवार की बेटी जीनत की शादी की तैयारियां हो रही थीं, लेकिन नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में कानपुर भी 20 दिसंबर को हिंसा की आग में जल उठा। जीनत के परिजनों के साथ ही ससुराल के लोग भी परेशान हो गए। हिंसा के डर से जीनत के ससुराल वालों ने बारात लेकर आने से मना कर दिया।
 
इसको लेकर जीनत के परिजन बेहद दुखी हो गए, लेकिन इसी बीच पड़ोसी विमल के साथ करीब चार दर्जन लोग जीनत के पिता के साथ दूल्हा पक्ष के लोगों को निकाह के लिए राजी करने में जुट गए। जीनत के हिंदू भाइयों ने कहा कि बहन की शादी के लिए अगर भाइयों को कुछ भी करना पड़ा तो वे करेंगे। आप बारात लेकर आइए, सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी हम ले रहे हैं। 
 
कड़ी मशक्कत के बाद जीनत की बारात उसके घर के दरवाजे पर पहुंची, लेकिन सबसे खास बात यह थी कि हिन्दू भाई अपनी बहन जीनत की शादी को पूरा कराने के लिए सुरक्षा कवच बनकर खड़े थे। जीनत का निकाह पूरा हुआ और सुरक्षा के घेरे के बीच में ही सारे बारातियों को सुरक्षित कानपुर से वापस प्रतापगढ़ के लिए रवाना किया गया।
 
बारात की विदाई के समय जीनत की आंखों आंसू आ गए और उसने सभी का हाथ जोड़कर धन्यवाद किया। मौके पर मौजूद सुरक्षा की चैन बनाए भाइयों ने कहा तुम हम सबकी बहन हो। आंख में आंसू अच्छे नहीं लगते। खुशी-खुशी जाओ और खुशी-खुशी रहना। प्रतापगढ़ से आए बारातियों ने भी कहा यह है हिंदुस्तान की असली पहचान और यह है असली कानपुर।
 
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