वर्ष 2019 में उत्तर भारत में बाढ़ से 1900 लोगों की मौत, 30 लाख से अधिक विस्थापित
नई दिल्ली। उत्तर भारत में इस वर्ष बाढ़ से 1900 लोगों की मौत हो गई और 30 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि मौसम से जुड़ीं इस प्रकार की घटनाएं जलवायु परिवर्तन के कारण हैं।
ब्रिटेन के एक संगठन 'क्रिस्चन एड' ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया है कि चक्रवात फोनी जैसी भीषण मौसमीय घटनाओं से 10 अरब डॉलर का नुकसान हुआ और देशभर में 1 करोड़ पेड़ उखड़ गए।
रिपोर्ट के अनुसार चक्रवात फोनी 20 वर्षों में भारत में आया सबसे शक्तिशाली तूफान था। यह तूफान 2 से 4 मई 2019 में भारत और बांग्लादेश पहुंचा। इसके असर से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं।
रिपोर्ट में कहा गया कि मई और जून में एशिया में 28 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ। चक्रवात फोनी भारत और बांग्लादेश में आया तथा चीन के कुछ हिस्सों में 60 साल की तुलना में अधिकतम बारिश हुई वहीं उत्तर भारत में मजबूत मानसून से अनेक हिस्सों में बाढ़ आई जिसमें 1,900 लोग मारे गए।
रिपोर्ट में कहा गया कि इसका एक कारण यह है कि ऐसा वातावरण जो गर्म हो, वह अधिक जल वाष्प ग्रहण कर सकता है। दुनिया में अभी तक तापमान 1 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है। इसने कहा कि उत्तर भारत में आंधी-तूफान सामान्य से 50 प्रतिशत बढ़े हैं और इसकी अवधि 80 प्रतिशत लंबी हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार भारत में अधिक अप्रत्याशित और अत्यधिक बारिश की प्रवृत्ति उस बात को दर्शाती है जिसका पर्यावरणविदों ने अनुमान लगाया था कि जलवायु परिवर्तन के कारण ये घटनाएं होंगी, खासकर अगर उत्सर्जन में गिरावट नहीं आती तो। एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि अगर उत्सर्जन बढ़ता रहा तो इस सदी में मानसून की बारिश अधिक अप्रत्याशित हो जाएगी, यह 50 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।
रिपोर्ट के अनुसार चक्रवात फोनी ने 34 लाख लोगों को विस्थापित करने के अलावा भारत और बांग्लादेश में 1 करोड़ पेड़ों को नुकसान पहुंचाया। (फ़ाइल चित्र)