नई दिल्ली। Weather update india : भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने रविवार को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में अगले 2 दिनों तक भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के अलर्ट मुताबिक पश्चिमी तट पर 17 जुलाई से बारिश की गतिविधि में वृद्धि होने की उम्मीद है जबकि पूर्वोत्तर भारत में कमी देखी जाएगी।
मौसम विभाग ने अपने दैनिक बुलेटिन में भविष्यवाणी की कि हिमाचल प्रदेश में अगले पांच दिनों तक भारी बारिश होगी जबकि उत्तराखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में अगले 3 दिनों तक इसी तरह की बारिश होगी।
यूपी में 11 जिलों में बाढ़ का कहर : उत्तरप्रदेश के कई इलाकों में पिछले कई दिनों से जारी वर्षा और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण राज्य के 11 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। वहीं, राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान वर्षाजनित हादसों में चार लोगों की मौत हुई है।
राहत आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 11 जिलों की 17 तहसीलों में स्थित 386 गांव बाढ़ की चपेट में है और कुल 78,693 लोग सैलाब से प्रभावित हुए हैं। सबसे ज्यादा 61,490 लोग मुजफ्फरनगर में प्रभावित हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 4,242 लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है।
रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में वर्षा जनित हादसों में चार लोगों की मौत हुई है जिनमें फर्रुखाबाद, बलरामपुर, कानपुर नगर और बागपत में एक-एक व्यक्ति शामिल है।
खतरे के निशान से ऊपर नदियां : गंगा नदी कछला ब्रिज (बदायूं) में और यमुना नदी प्रयाग घाट (मथुरा) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इसके अलावा गंगा का जलस्तर नरौरा (बुलंदशहर) और फर्रुखाबाद में खतरे के लाल निशान के नजदीक पहुंच गया है।
इटावा की तरफ बढ़ा यमुना का पानी : इस बीच, इटावा से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से छोडे गए पानी के कारण यमुना नदी में आई बाढ़ का पानी दिल्ली मथुरा और आगरा होते हुए इटावा की तरफ बढ़ रहा है। इटावा में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है।
अपर जिलाधिकारी अभिनव श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में यमुना नदी किनारे बसे गांवों के लोगों को सतर्क कर दिया गया है। प्रशासन बाढ़ की स्थिति पर नजर बनाए हुए और यमुना के बढ़ते जलस्तर की हर घंटे निगरानी की जा रही है।
दिल्ली में कहर बरपाने के बाद यमुना ने अब उत्तरप्रदेश के मथुरा जिले में भी अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है। नदी के तटवर्ती आठ गांव बाढ़ से घिर गए हैं। ग्रामीणों को वहां से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) की दो टीम तैनात की गई है।
जिलाधिकारी पुलकित खरे ने बताया कि पिछले दिनों ऊपरी इलाकों में हुई लगातार वर्षा के चलते यमुना के जलस्तर में वृद्धि लगातार जारी है। रविवार दोपहर में मथुरा का जलस्तर खतरे के निशान से 72 सेमी ऊपर रहा।
116 गांवों में बाढ़ का खतरा : जिले में यमुना 116 गांवों के निकट से होकर गुजरती है और इन गांवों पर भी बाढ़ का खतरा मंडरा गया है। जिलाधिकारी के मुताबिक इनमें से नौहझील क्षेत्र के आठ गांव सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। उन गांवों में यमुना का पानी काफी अंदर तक पहुंच गया है।
उन्होंने ने बताया कि बाढ़ में फंसे हुए लोगों को आसपास के ऊंचाई वाले स्थानों और स्कूलों आदि सार्वजनिक भवनों में आश्रय दिया गया है। रविवार को ही करीब 400 लोगों को शरण स्थलों पर पहुंचाया गया है।
खरे ने बताया कि मथुरा तथा वृन्दावन के घाटों पर भी पानी ऊपर तक आ गया है। इसलिए यमुना किनारे घाटों व अन्य क्षेत्रों में मुनादी कराई जा रही है और अपील की जा रही है कि जलस्तर सामान्य होने तक वहां न जाएं, क्योंकि पैर फिसल जाने से कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है।
यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ ने आगरा शहर में भी दस्तक दे दी है। यमुना के किनारे स्थित प्राचीन काली मंदिर और रेलवे अंडरपास में जलभराव शुरू हो गया है। यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण पानी अब शहर में घुसने लगा है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बाढ़ के कारण मथुरा गोकुल बैराज से एक लाख 16 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। पहले ही यमुना में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा था और अब यह और बढ़ गया है। ताजगंज मोक्षधाम में अब विद्युत शव दाह की व्यवस्था ही बची हुई है। लकड़ी से अंतिम संस्कार वाली जगह पर पानी भर गया है।
असम में 1 लाख लोग प्रभावित : असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है और 10 जिलों में लगभग 1 लाख लोग इससे प्रभावित हैं। रविवार को एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है।
बाढ़ से संबंधित असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की दैनिक रिपोर्ट के अनुसार, सोनितपुर, चिरांग, दरांग, धेमाजी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, लखीमपुर, माजुली, शिवसागर और उदलगुड़ी जिलों में बाढ़ के कारण 98,800 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
बुलेटिन में कहा गया है कि गोलाघाट की स्थिति सबसे खराब है जहां करीब 29,000 लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं, धेमाजी में 28,000 और शिवसागर 13,500 लोग प्रभावित हुए हैं।
प्रशासन ने दो जिलों में 17 राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां 2,941 लोगों ने शरण ली है। इसके अलावा छह जिलों में 49 राहत वितरण केंद्र स्थापित किए गए हैं।
एएसडीएमए ने कहा कि फिलहाल 371 गांव पानी में डूबे हुए हैं और राज्य भर में 3,618.35 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान हुआ है।
बुलेटिन में कहा गया है कि बक्सा, बोंगाईगांव, चिरांग, कोकराझार, लखीमपुर, नलबाड़ी, उदलगुरी और तिनसुकिया में बड़े पैमाने पर कटाव देखा गया है।
सोनितपुर, धेमाजी, धुबरी, कोकराझार, मोरीगांव, बोंगाईगांव, चिरांग, गोलाघाट, लखीमपुर और माजुली जिलों में बाढ़ के पानी से तटबंध, सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
धुबरी, तेजपुर और नेमाटीघाट में ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है जबकि इसकी सहायक नदी दिखौ शिवसागर में उफान पर है।
राजस्थान में सामान्य से अधिक बारिश : मानसून के आगमन से लेकर अभी तक राजस्थान के 33 में से 32 जिलों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, सिर्फ एक जिला ऐसा है जहां अति अल्पवृष्टि हुई है।
जल संसाधन विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार, जैसलमेर अति अल्पवृष्टि की श्रेणी में है जहां सामान्य से 60 प्रतिशत या उससे भी कम बारिश हुई है।
जल संसाधन विभाग के अनुसार, राज्य की राजधानी जयपुर सहित 14 जिलों में असामान्य अतिवृष्टि हुई है जबकि इतने ही जिलों में अतिवृष्टि हुई है। चार जिलों में सामान्य वर्षा दर्ज की गई है।
मूसलाधार बारिश के कारण राज्य के 690 बांधों में जल भंडारण 16 जुलाई को कुल क्षमता 12580.03 एमक्यूएम का 58.55 प्रतिशत है, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 44.54 प्रतिशत था।
जल संसाधन विभाग के अनुसार, राजस्थान में 1 जून से 16 जुलाई तक औसतन 154.11 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस साल इस अवधि में राज्य में 273.91 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 77.7 प्रतिशत अधिक है। इससे पूरा राज्य असामान्य अतिवृष्टि की श्रेणी में आ रहा है।
कहां कितनी बारिश : जल संसाधन विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार, 14 जिलों अजमेर, बाड़मेर, भीलवाड़ा, जयपुर, जालौर, जोधपुर, नागौर, पाली, राजसमंद, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, टोंक और उदयपुर में "असामान्य अतिवृष्टि" वर्षा दर्ज की गई है। 14 जिलों अलवर, भरतपुर, बीकानेर, बूंदी, चूरू, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, गंगानगर, हनुमानगढ़, झुंझुनू, करौली, कोटा और प्रतापगढ़ में अतिवृष्टि हुई है।
जिन चार जिलों में सामान्य वर्षा हुई है वे हैं... बांसवाड़ा, बारां, डूंगरपुर और झालावाड़ जबकि जैसलमेर "अति अल्पवृष्टि" श्रेणी में है।
विभाग के अनुसार, रविवार सुबह 8.30 बजे समाप्त 24 घंटों की अवधि में राज्य के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हुई और कुछ इलाकों में भारी बारिश हुई।
इस दौरान बूंदी के नैनवा में 11 सेमी, दौसा के लालसोट में 10 सेमी और कई अन्य स्थानों पर बारिश 10 सेमी से कम दर्ज की गई।
मौसम विभाग ने सोमवार को बारां, बूंदी, झालावाड़, कोटा, सवाई माधोपुर और मंगलवार को झुंझुनू, सीकर और चूरू में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। भाषा Edited By : Sudhir Sharma