नई दिल्ली। हाथरस में 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित सामूहिक बलात्कार की घटना और इसके प्रति उत्तर प्रदेश सरकार के रवैए के खिलाफ यहां शुक्रवार को एक बड़ा प्रदर्शन हुआ। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित राजनीतिक दलों के नेता, नागरिक संगठन के कार्यकर्ता, छात्र और महिलाएं काफी संख्या में जंतर मंतर पर जुटे।
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारियों के खिलाफ निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के लिए मामला दर्ज किया है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'प्रदर्शनकारियों ने कोविड-19 के मद्देनजर लागू धारा 144 और अन्य पाबंदियों का उल्लंघन किया, जिसके लिए उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और महामारी अधिनियम तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद मार्ग थाने में मामला दर्ज किया गया है।'
इससे पहले मास्क पहने हुए और उत्तर प्रदेश प्रशासन के खिलाफ नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने पीड़िता के लिए न्याय की मांग की और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग करते हुए आरोप लगाया कि वह आरोपियों को बचा रहे हैं। यह प्रदर्शन शुरुआत में इंडिया गेट पर होना था, लेकिन राजपथ क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू होने के कारण यह जंतर मंतर पर किया गया।
प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी और वाम दलों सहित अन्य राजनीतिक दलों के कई नेता भी शामिल हुए। उनमें से ज्यादातर ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने जिस तरीके से पीड़िता के शव का रातोंरात दाह-संस्कार कर दिया, उसे लेकर उनमें रोष है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा 19 वर्षीय दलित लड़की के लिए एक अलग प्रार्थना सभा में शामिल हुईं।
उन्होंने कहा कि हर महिला को अपनी आवाज उठाने और ‘हाथरस की बेटी’ के लिए सरकार से न्याय मांगने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस मामले में न्याय मिलने तक कांग्रेस पार्टी आदित्यनाथ सरकार पर दबाव बनाना जारी रखेगी। गौरतलब है कि प्रियंका अपने भाई एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ गुरुवार को पैदल ही पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए निकली थीं लेकिन दोनों नेताओं को ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
युवती से उच्च जाति के 4 लोगों द्वारा करीब पखवाड़े भर पहले 14 सितंबर को हाथरस जिले के उसके गांव में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था। इन चारों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मंगलवार की सुबह पीड़िता की यहां सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। इसके बाद रातोंरात हाथरस पुलिस ने उसका दाह-संस्कार कर दिया।
परिवार के सदस्यों का आरोप है कि शव को घर लाने नहीं दिया गया और बुधवार जबरन दाह-संस्कार कर दिया गया। हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि दाह-संस्कार परिवार की सहमति से किया गया। सूर्यास्त के बाद पीड़िता के शव का दाह-संस्कार करने को लेकर भी प्रियंका ने हाथरस प्रशासन की आलोचना की।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘हमारे देश की यह परंपरा नहीं है कि उसका परिवार उसकी चिता को आग नहीं दे पाए।’ उन्होंने मध्य दिल्ली के पंचकुइयां रोड स्थित प्राचीन भगवान वाल्मीकि मंदिर में आयोजित प्रार्थना सभा में यह कहा। बाद में शाम में, नागरिक समाज के कार्यकर्ता, छात्र, महिला और राजनीतिक दलों के नेता जंतर मंतर पर जुटे।
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में जो कुछ हो रहा है, वह ‘गुंडाराज’ है। पुलिस ने गांव को घेर रखा है, वहां विपक्षी नेताओं और मीडियाकर्मियों को नहीं घुसने दिया जा रहा। उन्होंने (पुलिस-प्रशासन) ने पीड़िता के परिवार के सदस्यों के मोबाइल फोन ले लिए हैं।’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बॉलीवुड अदाकारा स्वरा भास्कर, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद, आप विधायक सौरभ भारद्वाज, माकपा नेता बृंदा करात और सीताराम येचुरी भी प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदर्शनों के मद्देनजर शुक्रवार को दिल्ली मेट्रो के कुछ स्टेशनों के प्रवेश और निकास दरवाजों को बंद रखा गया।
मेट्रो अधिकारियों ने बताया, ‘जनपथ (मेट्रो स्टेशन) का प्रवेश और निकास द्वार बंद रहा। इस स्टेशन पर ट्रेनें भी नहीं रुकेंगी। राजीव चौक और पटेल चौक मेट्रो स्टेशन के निकास द्वार भी बंद रहे।’ ये तीनों स्टेशन मध्य दिल्ली में प्रदर्शन स्थल के आसपास हैं। केजरीवाल ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए और आरोपियों को कठोरतम सजा मिलनी चाहिए।
उन्होने कहा, ‘पूरा देश चाहता है कि आरोपियों को कठोरतम सजा मिले। कुछ लोगों को लग रहा है कि आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। ऐसा नहीं होना चाहिए...परिवार को मदद और सहानुभूति की जरूरत है। परिवार को संकट में नहीं डालना चाहिए।’
स्वरा ने कहा कि विभिन्न तबके के लोग जंतर मंतर पर जुटे हैं, जो यह दिखाता है कि लोग कितने गुस्से में हैं। उन्होंने कहा, ‘वक्त आ गया है कि हम ‘‘बलात्कार महामारी के खिलाफ लड़ाई शुरू करें...और आज हम यहां खड़े हैं तथा हमें जीतना है।’ स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हाथरस घटना ने ‘‘कानून का शासन’’ नाम की चीज को धराशायी कर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘यह सिर्फ इतनी सी बात नहीं है कि बलात्कार की एक घटना हुई है या उसकी मौत हो गई। बल्कि शुरू से ही राजनीतिक संरक्षण दिया गया...उत्तर प्रदेश प्रशासन यह सुनिश्चित करने में जुटा हुआ था कि यह खबर बाहर नहीं निकल पाए।’ यादव ने आरोप लगाया कि परिवार को पीड़िता के शव का, गरिमापूर्ण तरीके से अंतिम संस्कार तक नहीं करने दिया गया, जबकि अपराधी भी इसके हकदार हैं।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा करात और भाकपा नेता डी राजा सहित वाम दलों के अन्य नेता प्रदर्शन स्थल पर मौजूद थे।उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया। येचुरी ने कहा, ‘इस तरह के एक जघन्य अपराध पर केंद्र सरकार और भाजपा नेतृत्व की चुप्पी तथा उसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार की प्रतिक्रिया सत्तारूढ़ दल (भाजपा) के तानाशाह और अलोकतांत्रिक चेहरे, चाल, चरित्र तथा चिंतन के बारे में काफी कुछ कहती है।’
भीम आर्मी प्रमुख आजाद ने मामले की सुनवाई त्वरित अदालत में प्रतिदिन के आधार पर किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘दोषियों को यथाशीघ्र दंडित किया जाना चाहिए ताकि अन्य लोग ऐसा जघन्य अपराध करने से पहले डरें। हम हाथरस जाएंगे और जब तक यह विषय दिल्ली नहीं आ जाता, तब तक न्याय मिलने की गुंजाइश नहीं है।’
सामूहिक बलात्कार के करीब पखवाड़े भर बाद 19 वर्षीय पीड़िता की मंगलवार की सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी। बुधवार तड़के उत्तर प्रदेश के हाथरस में उसका दाह-संस्कार कर दिया गया। पीड़िता के परिवार के सदस्यों का आरोप है कि स्थानीय पुलिस ने रातोंरात जबरन दाह-संस्कार करने के लिए उन्हें मजबूर किया।
इस बीच उप्र सरकार ने हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर और चार अन्य पुलिसकर्मियों को घटना की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) की प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर निलंबित कर दिया। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि उनकी सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। (भाषा)