शुक्रवार, 20 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Harmful Effects of Cheese On The Body Dairy Product Doctor Advice

जो चीज़ आपकी प्‍लेट में परोसा जा रहा जानते हैं कितना खतरनाक है हेल्‍थ के लिए, जानिए डायटीशियन से

हार्ट से लेकर गट हेल्थ तक के लिए खतरनाक है चीज़, इसमें 70 प्रतिशत तक होता है फैट

Cheese Side Effects
Cheese Side Effects
  • टिपिकल चीज़ में 70% फैट होता है।
  • ब्रैस्ट कैंसर होने की आशंका ज्यादा होती है।
  • इससे हाई कैलोरीज और सैचुरेटेड फैट बढ़ता है।
Harmful Effects of Cheese On The Body : इन दिनों 69 रूपए का चीज़ से भरा पित्जा जो आप खा रहे हैं, असली नहीं होता है। पित्जा को चीज़ी बनाने के लिए मोजरेला चीज़ का इस्तेमाल होता है। सैंडविच में चीज़ के नाम पर नकली मेयोनीज खिलाई जा रही है, जिसे सॉस चीज़ के नाम से बेचा जाता है।

ये चीज़ किसी ब्रांड से नहीं बल्कि प्राइवेट एजेंसी या वेंडर से थोक भाव में खरीदा जाता है। इस बारे में वेबदुनिया ने हाल ही में वेबदुनिया ने इंदौर में हो रहे चीज़ घोटालों की पड़ताल की। इस पड़ताल में चीज़ को लेकर कई चौकाने वाले सच सामने आए हैं। खाने के लिए मशहूर इंदौर शहर के ठेले, कैफे और होटल पर नकली चीज़ का इस्तेमाल खुलेआम किया जा रहा है। ALSO READ: चीज़ कर रहा लाखों इंदौरियों की हेल्‍थ का कबाड़ा, नकली चीज़ बांट रहा पेट, फेफड़ों और दिल की बीमारियां
 
इस पड़ताल की दूसरी किश्‍त में हमने चीज़ से होने वाले नुकसान के बारे में जानने के लिए कुछ डॉक्‍टर्स और डायटीशियन से बात की। जानते हैं हेल्‍थ के लिए कितना खतरनाक है आपकी प्‍लेट में परोसा गया चीज़।
 
टिपिकल चीज़ में होता है 70% फैट:
दुनिया में सबसे ज्यादा दूध का प्रोडक्शन भारत में होता है, लेकिन डॉक्टर्स डेयरी प्रोडक्ट्स को ही कई गंभीर बीमारियों का कारण बताते हैं। अब हर चौपाटी में आपको चीज़ सैंडविच, चीज़ वड़ापाव और यहां तक कि चीज़ डोसा जैसी कई चीज़ी डिशेस मिलेंगी। फिजीशियन कमेटी फॉर रिस्पोंसिबल मेडिसिन (PCRM) की रिपोर्ट के अनुसार टिपिकल चीज़ में 70% फैट होता है। इतना फैट होने के बाद भी हम चीज़ को जमकर खाते जा रहे हैं।
fake cheese in Indore
चीज़ से ब्रैस्ट कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा:
चीज़ और दूध के सेवन से ब्रैस्ट कैंसर होने की आशंका ज्यादा होती है। नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट की 2017 की रिपोर्ट में यह सामने आया है कि जो महिलाएं चीज़ का ज्यादा सेवन करती हैं उनमें ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका 53% ज्यादा है। इसके अलावा चीज़ और अन्य डेयरी प्रोडक्ट से प्रोस्टेट कैंसर का खतरा भी बढ़ता है।
 
रिसर्च में पाया गया कि जो पुरुष वीगन डाइट को फॉलो करते हैं या डेयरी प्रोडक्ट का सेवन नहीं करते हैं, उनमें प्रोस्टेट कैंसर का खतरा 35% तक कम था। ये जानने के बाद क्या अब भी आप ठूंस-ठूंसकर चीज़ खाना पसंद करेंगे?
 
भारत में प्रोसेस्ड चीज़ की हाई डिमांड:
IMARC Group की रिपोर्ट के अनुसार भारत में सबसे ज्यादा प्रोसेस्ड चीज़ बिकता है और इसके बाद मोजरेला, चेडर, एमेंटल, रिकोटा जैसे अन्य प्रकार के चीज़ की डिमांड है। इन प्रोसेस्ड चीज़ में भी सबसे ज्यादा स्लाइस और क्यूब्स बिकते हैं। लेकिन सवाल यह है कि बड़ा ब्रांड और अच्छी पैकेजिंग होने के बाद भी क्‍या यह हेल्दी है? सबसे ज्यादा चीज़ का इस्तेमाल पिज्जा, बर्गर और सैंडविच में किया जाता है, जिसे लोग चाव से खाना पसंद करते हैं। जानकार हैरानी होगी कि सबसे ज्यादा चीज़ कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली जैसे राज्यों में खाया जाता है।
 
क्या कहते हैं इंदौर के फूड ऑफिसर:
Cheese Side Effects
लोकल स्तर पर चीज़ क्वालिटी की जांच के लिए कोई निर्धारित पैमाना नहीं है। इस बारे में वेबदुनिया ने इंदौर के फूड सेफ्टी ऑफिसर अवशेष अग्रवाल से बात की और उन्होंने बताया कि 'हर फूड की जांच के लिए अलग-अलग स्टैण्डर्ड होते हैं। पनीर खुला बिकता है जिसकी जांच की जाती है लेकिन पैकेट चीज़ की जांच FSSAI द्वारा की जाती है। ऐसे में हम इसके स्टोरेज की जांच करते हैं क्योंकि चीज़ को सही तापमान में रखना ज़रूरी है जिससे यह खराब न हो। चीज़ को 4 से 12 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखना ज़रूरी है। अगर स्टोरेज ठीक नहीं है तो ऐसे में हम स्टोरेज सुधारने का नोटिस देते हैं।
 
डायटीशियन डॉ. प्रीति शुक्ला ने वेबदुनिया को बताया कि स्ट्रीट फूड में इस्‍तेमाल होने वाले बटर और चीज़ सेहत के लिए कितने और कैसे हानिकारक हो सकते हैं।
Cheese Side Effects
एथरोस्क्लेरोसिस की समस्या:
डॉ. प्रीति शुक्ला ने बताया कि ज्यादा बटर और चीज़ का सेवन करने से हाई कैलोरीज और हाई सैचुरेटेड फैट बढ़ता है। इस कारण से आर्टरी में एथरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) की समस्या होने लगती है। एथरोस्क्लेरोसिस वो समस्या है जिसमें धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमने लगता है। इस कारण से कार्डियक फिटनेस हमारी कमजोर होने लगती है।
 
गट डिस्बिओसिस का खतरा:
डॉ. प्रीति ने बताया कि इन प्रोडक्ट्स में हाई कैलोरीज और फैट होने के कारण डाइजेशन की समस्या होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इतने फैट को डाइजेस्ट करने के लिए हमारी इंटेस्टाइन ठीक से काम नहीं कर पाती है। इसके अलावा ये फास्ट फूड, गट के बैक्टीरिया को डिस्ट्रॉय कर देते हैं जिससे गट हेल्थ प्रभावित होती है। इस समस्या को गट डिस्बिओसिस (Gut Dysbiosis) कहा जाता है।
 
शरीर में इन्फ्लेमेशन बढ़ना:
इसके अलावा शरीर में इन्फ्लेमेशन बढ़ने लगता है। इसमें शरीर में दर्द शुरू होता है और यह इन्फ्लेमेशन, गट हेल्थ को भी प्रभावित करता है। इस कारण से एसिडिटी, गैस, खट्टी डकार, मोटापा, हार्ट कमजोर होना और जल्दी हांफने जैसी प्रॉब्लम होने लगती हैं।
 
कितना फैट लेना चाहिए?
डॉ. प्रीति ने बताया कि फैट हमारी बॉडी के लिए ज़रूरी भी है लेकिन एक निश्चित मात्रा में। चीज़ और बटर का सेवन करने से बचें क्योंकि इसमें अब डालडा का इस्तेमाल भी कई लोग कर रहे हैं। इसकी कोई चेकिंग नहीं हो रही है। नेशनल हेल्थ सर्विस के अनुसार पुरुष को एक दिन में 30 ग्राम से ज्यादा सैचुरेटेड फैट नहीं लेना चाहिए। साथ ही महिलाओं को 20 ग्राम से ज्यादा सैचुरेटेड फैट नहीं लेना चाहिए। इतना फैट आपको 1 कटोरी सब्जी और दाल से मिल जाता है।
fake cheese in Indore
चीज़ से क्यों बढ़ रहा है कैंसर का खतरा?
शरीर में कैंसर बढ़ने का कारण हाई फैट और कैलोरी होती हैं। आज के समय में लोग ज़रूरत से ज्यादा फैट खा रहे हैं जो कैंसर प्रोन बॉडी को बढ़ावा दे रहा है। जिन लोगों का मसल मास ठीक होता है उन लोगों में कैंसर की समस्या कम होती है। 20 से 39 उम्र के पुरुषों में 75-89% और महिलाओं में 63-76% मसल मास होना चाहिए। इस कारण से प्लांट बेस्ड डाइट वाले व्यक्ति में कैंसर की संभावना कम होती है। जैसा कि नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में बताया गया है।
 
अब ये HFSS फूड क्या है?
HFSS (High in Fat, Salt and Sugar) फूड यानी जिसमें अधिक मात्रा में फैट, नमक और शक्कर हो। इसमें बटर और चीज़ जैसे फूड आइटम भी शामिल हैं। HFSS फूड और ड्रिंक के सेवन से वीक हार्ट हेल्थ, मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या होती है।
 
चीज़ या बटर की मिलावट को कैसे पहचानें?
चीज़ में मिलावट को पकड़ना हमारी जीभ के लिए पॉसिबल नहीं है क्योंकि इसमें बहुत स्ट्रोंग एसेंस होते हैं। ऐसे में इस मिलावट को बायोकेमिकल से ही पकड़ा जा सकता है। कोशिश करें कि आप घर पर घी बनाएं। प्रोसेस्ड फूड को भी FSSAI का टैग देखकर ही खरीदें।
 
स्ट्रीट फूड का सेवन सोच समझकर ही करें। खुले हुए चीज़ या अन्य प्रोडक्ट के सेवन से बचें। हेल्दी रहने के लिए अपनी डाइट पर ध्यान दें और ज़रूरत से ज्यादा फैट का सेवन न करें। अगर आपको चीज़ या बटर जैसे प्रोडक्ट खाने के बाद कोई भी समस्या होती है तो उसका सेवन करना बंद करें।