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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : गुरुवार, 19 दिसंबर 2019 (11:25 IST)

GROUND REPORT : CAA नहीं NRC में अपनी नागरिकता खोने के डर से खौफजदा है मुस्लिम समुदाय

GROUND REPORT : CAA नहीं NRC में अपनी नागरिकता खोने के डर से खौफजदा है मुस्लिम समुदाय - Ground report OM  Citizenship Amendment Act and NRC :
पड़ोसी देशों से आए शरणार्थियों के लिए भारत की नागरिकता देने लिए संसद में बनाए नए कानून को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला तेज होता जा रहा है। असम से शुरु हुआ आंदोलन देखते ही देखते पश्चिम बंगाल से दिल्ली होता हुआ अब पूरे देश में पहुंच गया है। शायद की देश का कोई राज्य ऐसा न हो जहां इस आंदोलन का विरोध नहीं हो रहा है। शांतिपूर्ण धरने प्रदर्शन से शुरू हुआ आंदोलन देश के कई राज्यों में हिंसक रुप भी ले चुका है जिससे कानून व्यवस्था को लिए बड़ी चुनौती खड़ी होती दिख रही है।  
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बार –बार यह स्पष्टीकरण देने के बाद भी कि नए कानून से देश के किसी भी नागरिक की नागरिकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, लोगों खासकर मुस्लिम समुदाय में एक डर का माहौल देखा जा रहा है। नागरिकता कानून को लेकर भोपाल में इकबाल मैदान में हुए विरोध प्रदर्शन में 3 घंटे से अधिक का समय गुजराने और विरोध प्रदर्शन में शामिल होने आए लोगों से बातचीत करने के बाद यह एकदम साफ हो गया कि मुस्लिम समुदाय CAA कानून के खिलाफ नहीं बल्कि वह NRC आने का डर से और उसमें अपनी नागरिकता खो देने के डर से खौफजदा है। मुस्लिम समुदाय के लोगों से बातचीत में महसूस कि वह संसद में गृहमंत्री अमित शाह के उस बयान से बेहद डरे हुए है जिसमें उन्होंने CAA के बाद NRC लाने की बात कही है।
प्रदर्शन में शामिल होने आई मेडिकल की छात्रा रफत शेख ने वेबदुनिया से बातचीत में कहा कि वह NRC का विरोध करने के साथ देश की एकता और धर्मनिरपेक्षता का संदेश बनाए रखने के लिए आई है। उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि सारे धर्म एकजुट होकर अच्छे से रहे। वहीं प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आई एक स्कूली छात्रा ने कहा कि वह अपनी नागरिकता लेने के लिए आई है। मंच पर पीएम नरेंद्र मोदी के विरोध में तख्ती लिए हुए मुस्लिम महिला रईशा ने तो सीधे गुस्से में सीधे मोदी जी से अपना संविधान वापस लेने की बात कह दी। इसके साथ ही वेबदुनिया ने जब मंच के करीब मौजूद रेहान से बात की तो उन्होंने कहा कि NRC कानून के विरोध में आए है लेकिन वह कानून के विरोध का कारण नहीं बता पाए।  विरोध प्रदर्शन में शामिल होने आए अधिकतर लोगों कानून के बारे में पता नहीं था वहीं केवल अपनी नागरिकता के जाने के डर से खौफजदा दिखाई दिए जिनमें बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं शामिल थी। 
 
 
नागरिकता कानून को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल होने आए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और इमरान प्रतापगढ़ी ने अपने भाषणों के जरिए लोगों में इन अनचाहे डर को एक तरह से और बढ़ाने का ही काम किया। अपने भाषण में दिग्विजय सिंह ने जहां मंच से NRC आने पर कौन- कौन से दस्तावेज जरुरी होंगे उसकी पूरी सूची ही पढ़कर सुना दी जबकि सच्चाई यह है कि अभी देश में NRC को लेकर कोई नियम तय ही नहीं हुए है। इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने कहा कि 2002 के गुजरात दंगों के बाद मुस्लिम नरेंद्र मोदी पर विश्वास नहीं कर सकते है। 
 
दूसरी ओर शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने तो बकायदा मंच से इस बात को स्वीकार किया कि वह CAA के विरोध में नहीं है बल्कि उसके पीछे जिस NRC को लाने की तैयारी है उसका विरोध करने के लिए वह आगे आए है। इमरान प्रतापगढ़ी ने बकायदा मंच से इस बात का एलान किया कि वह सभी दस्तावेज होने के बाद भी NRC के लिए कोई भी दस्तावेज नहीं देंगे। इसके लिए चाहे सरकार उन्हें नजरबंदी शिविरों में क्यों नहीं भेज दें।