PM मोदी और जिनपिंग के बीच 14 बार मुलाकात, फिर क्यों LOC पर घुसपैठ के हालात?
नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि चीनी घुसपैठ को लेकर स्थिति साफ नहीं है और इस बारे में संसद में लगातार सवाल पूछे जा रहे हैं लेकिन सरकार चीन से जुड़े किसी भी सवाल का जवाब देने को तैयार नहीं है इसलिए इस बारे में जानकारी देने के वास्ते सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने बुधवार को यहां पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि चीन के साथ गत 3 साल से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लगातार सीमा पर विवाद चल रहा है और वास्तविक स्थिति क्या है इसकी किसी को जानकारी नहीं है इसलिए सरकार को सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाकर इस बारे में विस्तृत जानकारी विपक्ष के शीर्ष नेतृत्व को देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि चीन सीमा पर भारत के बहादुर सैनिकों ने डटकर चीनी सेना का मुकाबला किया और उन्हें भारतीय सीमा से भगाया है लेकिन हमारे वीर सैनिकों की शहादत के बावजूद चौंकाने वाली सूचना यह मिली है कि कई सीमावर्ती चौकियों पर भारतीय सैनिकों की गश्त बंद की गई है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि एक और चौंकाने वाली बात यह सामने आ रही है कि चीन तथा भूटान के बीच सरहद को लेकर बातचीत होने वाली है। भूटान नरेश इन दिनों भारत की यात्रा पर हैं और वह चीन सीमा के मुद्दे पर भारत को आश्वस्त भी कर रहे हैं लेकिन दोनों मुल्कों के बीच होने वाली वार्ता को लेकर जो बातें सामने आ रही हैं उसे देखकर लगता है कि कहीं कोई ऐसा समझौता नहीं हो जिसका सीधा असर भारत पर पडता हो।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि चीन के साथ सीमा का विवाद तब और भी चिंता का विषय हो जाता है जब यह आंकड़ा सामने आता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 2014 से अब तक 19 बार मुलाकात हुई है।
इसके बावजूद 2014 में चुमार, 2017 में डोकलाम, 2020 में गलवान की घटना और 2022 में तवांग में झड़प हुई।
यही नहीं, पांच बार मोदी-चीन की यात्रा पर गये हैं जबकि पहले कभी किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने चीन की यात्रा नहीं की। इसके अलावा इन दोनों नेताओं के बीच कई शिखर सम्मेलनों में मुलाकात हुई लेकिन इस मामले को सुलझाने को लेकर कोई ठोस पहल नहीं हुई है। एजेंसियां Edited By : Sudhir Sharma