सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दी जमानत
- 8 महीने से अधिक समय से हिरासत में हैं बालाजी
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3 महीने की अवधि में मामले के निपटारे का आदेश
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पिछले साल 14 जून को गिरफ्तार किया था
Senthil Balaji gets bail : उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को गुरुवार को जमानत दे दी जिन्हें पिछले साल मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने सेंथिल बालाजी को राहत देते हुए कठोर शर्तें भी लगाईं।
शीर्ष अदालत ने ईडी की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और बालाजी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी एवं सिद्धार्थ लूथरा की दलीलें सुनने के बाद 12 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। उच्च न्यायालय ने बालाजी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि अगर उन्हें इस तरह के मामले में जमानत पर रिहा किया जाता है तो इससे गलत संकेत जाएगा और यह व्यापक जनहित के खिलाफ होगा।
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उच्च न्यायालय ने कहा था कि चूंकि याचिकाकर्ता 8 महीने से अधिक समय से हिरासत में है इसलिए विशेष अदालत को मामले को एक निश्चित समय सीमा के भीतर निपटाने का निर्देश देना उचित होगा। पीठ ने आदेश में कहा कि इसलिए चेन्नई स्थित प्रधान विशेष न्यायालय को निर्देश दिया जाएगा कि वह इस आदेश की प्रति प्राप्त होने की तारीख से 3 महीने की अवधि के भीतर मामले का निपटारा करे।
ईडी ने पिछले साल 12 अगस्त को बालाजी के खिलाफ 3,000 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था। उच्च न्यायालय ने 19 अक्टूबर को बालाजी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। एक स्थानीय अदालत भी 3 बार उनकी जमानत याचिका खारिज कर चुकी है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta