यूपी के मेडिकल कॉलेज के बच्चा वॉर्ड में आग से 10 बच्चे जलकर खाक हो गए। आग इतनी भयानक थी कि कोई भी सामने के दरवाजे से अंदर नहीं घुस पा रहा था। इतना ही नहीं, यहां रखी मेडिकल मशीनें राख में तब्दील हो गई। लेकिन दूसरी तरफ सरकार और प्रशासन की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा यह है कि यूपी के सीसामऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ का रोड शो चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ अस्पताल में दौरा करने के लिए आने वाले डिप्टी CM के स्वागत के लिए सड़क पर चूने का छिड़काव किया जा रहा था। कांग्रेस ने इस संवदेनहीनता को लेकर सवाल उठाया है।
कांग्रेस ने एक्स पर लिखा : BJP सरकार की संवेदनहीनता देखिए। एक ओर बच्चे जलकर मर गए, उनके परिवार रो रहे थे, बिलख रहे थे। दूसरी तरफ, डिप्टी CM के स्वागत के लिए सड़क पर चूने का छिड़काव हो रहा था। परिजनों का यहां तक कहना है कि पूरे कम्पाउंड में गंदगी फ़ैली हुई थी, जो डिप्टी CM के आने से पहले ही साफ की गई। ये सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। बच्चे जलकर मर रहे हैं और ये सरकार चेहरा चमकाने में लगी है।
क्या कह रहा सोशल मीडिया : सोशल मीडिया में इस हादसे के बाद सरकार की संवेदनहीनता को लेकर सवाल उठ रहे हैं। लोग कह रहे हैं। दर्दनाक और शर्मनाक। चुना छिड़कना जरुरी है। मौतें तो होती रहती हैं। और वैसे भी 5 लाख का मुआवजा की घोषणा हो चुकी है। ये यूपी से प्रधान।
उदय भानू ने लिखा कि रंगा बिल्ला ने ED और काले धन के बलबूते महाराष्ट्र की जिस चुनी हुई सरकार को गिराया था, महाराष्ट्र की जनता उसका जवाब देने जा रही है।
अंकुश सैनी ने कहा, बच्चे 10 मरें या 100 इनको फ़र्क नही पड़ता, क्योंकि इनका अपना तो कोई परिवार है नहीं, और ये आपके परिवारों को भी खत्म करना चाहते हैं। जागो हिन्दुओं जागो।
रंजीत कुमार ने कहा, इन सबके लिए ये जनता ही जिम्मेदार है, ऐसे लोगों को ये जनता ही चुनती है।
जुबैर ने कहा, इनका काम ही यही है। मगरमछ के आँसू बहाएँगे। हॉस्पिटल में कहीं कोई चपरासी के नाम सारा इल्ज़ाम डालेंगे। इनकी मीडिया और सोशल दल्ले उस नाम को उछालेंगे। फिर बाटेंगे काटेंगे चलेंगे।
कैसे राख में तब्दील हो गए बच्चे : यूपी के जिस मेडिकल कॉलेज के बच्चा वॉर्ड में आग लगी थी उसमें कई बच्चों को इलाज चल रहा था। आग इतनी भयानक थी कि कोई भी सामने के दरवाजे से अंदर नहीं घुस पा रहा था। बच्चों बचाने के लिए बाद में खिड़की के रास्ते से अंदर जाया गया था। आग इतनी भयावह थी कि 10 नवजात बच्चे जलकर खाक हो गए। इतना ही नहीं, यहां रखी मेडिकल मशीनें राख में तब्दील हो गई। कई बच्चों के तो निशान भी नहीं मिले।
अस्पताल के नियम ताक में : वार्ड में प्रवेश और निकास के दो अलग रास्ते भी नहीं थे। स्थिति इतनी भयावह हो गई कि मौके पर मौजूद लोगों को खिड़की तोड़ कर बच्चों को बाहर निकालना पड़ा। अग्नि सुरक्षा विभाग जब भी किसी संस्था को फायर एनओसी देती है, तो यह सुनिश्चित करवाती है कि प्रवेश और निकास के दो दरवाजे होने ही चाहिए, लेकिन इस वार्ड में ऐसा कोई इंतजाम भी नहीं दिखाई दिया। इस स्थिति को देखते हुए यह सवाल उठता है कि वार्ड की फायर ऑडिट कैसे हुई थी।
क्या कहा अखिलेश यादव ने : झांसी के मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में हुए इस वीभत्स हादसे पर सवाल उठ रहे हैं। यूपी के पूर्व सीएम और सपा नेता अखिलेश यादव ने एक्स पर कहा है कि आग का कारण ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर बताया जा रहा है। ये सीधे-सीधे चिकत्सीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही का मामला है या फिर ख़राब क्वॉलिटी के आक्सीजन कॉन्संट्रेटर का। इस मामले में सभी ज़िम्मेदार लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई हो। मुख्यमंत्री जी चुनावी प्रचार छोड़कर, सब ठीक होने के झूठे दावे छोड़कर स्वास्थ्य और चिकित्सा की बदहाली पर ध्यान देना चाहिए।
Edited By: Navin Rangiyal