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Last Updated : रविवार, 20 दिसंबर 2020 (21:18 IST)

दिल्ली के 'बाल अधिकार संरक्षण आयोग' में निकली फैलोशिप, ऐसे करें आवेदन...

दिल्ली के 'बाल अधिकार संरक्षण आयोग' में निकली फैलोशिप, ऐसे करें आवेदन... - Fellowship in Child Rights Protection Commission of Delhi
नई दिल्ली।बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR), दिल्ली सरकार ने अशोक विश्वविद्यालय के सहयोग से युवा पेशेवरों को शामिल करने और बाल शोषण, प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और विकास पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ बच्चों के अधिकारों के कार्यान्वयन को मजबूत करने के लिए 'बाल अधिकार फैलोशिप' (CRF) शुरू किया है।

फैलोशिप के पहले समूह के लिए आवेदन अब खुल गए हैं। इच्छुक उम्मीदवार 4 जनवरी 2021 को या उससे पहले निम्नलिखित लिंक के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं : https://shortlist.net/child-rights-fellowship। किसी भी प्रश्न के मामले में टीम [email protected] पर संपर्क किया जा सकता है।

सीआरएफ के भाग के रूप में अध्येता को सरकारी अधिकारियों और सीआरएफ में कार्यक्रम टीम से व्यावसायिक विकास के लिए प्रशिक्षण, सलाह और समर्थन प्राप्त करते हुए 1 वर्ष के लिए निर्धारित जिले में ऑन-फील्ड काम करने का अवसर मिलेगा। वे राज्य के भीतर बाल अधिकारों के क्षेत्र में जवाबदेही और दक्षता सुनिश्चित करते हुए कार्यक्रमों और नीतियों के बेहतर कार्यान्वयन के लिए जिला प्रशासन के भीतर डीसीपीसीआर और अन्य सरकारी विभागों के साथ मिलकर काम करेंगे।

इस सहयोग के माध्यम से आयोग का लक्ष्य 5 युवा पेशेवरों को जमीन पर वास्तविक, स्थाई परिवर्तन बनाने का अवसर प्रदान करना है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) विविध क्षेत्रों से संबंधित लोगों की भर्ती करना चाहता है, इसलिए फैलोशिप के लिए आवेदन करने के लिए सभी धर्मों, जातियों, लिंग समूहों और भौगोलिक क्षेत्रों के उम्मीदवार अपना आवेदन सुनिश्चित करें।

फैलोशिप नीति, शासन और विधायी प्रक्रियाओं की बारीक समझ बनाने और उन्हें फैलोशिप के दौरान काम करने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने के लिए 10 दिनों के कठोर प्रशिक्षण के साथ शुरू होगा। चल रहे व्यावसायिक विकास के लिए पूरे वर्ष नीति, कानून और शासन से संबंधित विषयों पर पुनश्चर्या प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा।

दिल्ली में बाल अधिकारों के लिए परिवर्तन की कहानियों को चलाने में 5 अध्येता के सहकर्मी सहायक होंगे, जिसके परिणामस्वरूप जमीनी स्तर पर इस कार्य का प्रभाव दिखाई देगा। फैलोशिप की शुरूआत करते हुए,माननीय राजेन्द्र पाल गौतम, महिला और बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री ने डीसीपीसीआर को बच्चों के अधिकारों का नेतृत्व करने और आयोगों के कार्य करने के तरीकों का उदाहरण स्थापित करने की सराहना की।

उन्होंने कहा कि भारत में हमारे शासन को नए विचारों, अनुसंधान और जुनून की आवश्यकता है और यह फैलोशिप उसी का एक उदाहरण है। उन्होंने डीसीपीसीटी और अशोका यूनिवर्सिटी को अपनी शुभकामनाएं दी हैं।

सुश्री आतिशी, माननीय विधायक, कालकाजी विधानसभा और उपमुख्यमंत्री के पूर्व सलाहकार ने टिप्पणी की, बच्चों के मुद्दों के साथ जुड़ने वाले युवा सार्वजनिक उत्साही पेशेवर हमारे लोकतंत्र की जरूरत है। मैं इस उत्कृष्ट पहल के लिए डीसीपीसीआर और अशोक विश्वविद्यालय को बधाई देता हूं। मुझे उम्मीद है कि अध्येता गण अंतिम मील पर मजबूत कार्यान्वयन की निगरानी पर ध्यान देंगे।

डीसीपीसीआर के अध्यक्ष के अनुसार, कोविड-19 महामारी ने बच्चों को बहुत नुकसानदेह स्थिति में डाल दिया है। स्कूल और आंगनवाड़ी बंद और टीकाकरण पूरी पीढ़ी के लिए विनाशकारी हो सकता है। बच्चों के मुद्दों पर केवल एक समर्पित मिशन-मोड ही हमें आपदा से बचा सकता है, उन्होंने कहा। अशोक विश्वविद्यालय की इस प्रतिबद्धता के लिए उनकी सराहना व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह फैलोशिप उस दिशा में एक प्रयास है।