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Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 12 नवंबर 2023 (10:06 IST)

पटाखों से बनाई दूरी तो 8 साल में सबसे बेहतर होगी दिल्ली की हवा

delhi diwali
Delhi Diwali : अगर पटाखा संबंधी सख्त प्रतिबंधों पर अमल किया गया तो रविवार को दिवाली के दिन दिल्ली की वायु गुणवत्ता आठ वर्ष में सबसे बेहतर रह सकती है।
 
पिछले 3 वर्षों के रुझान के देखते हुए दिल्ली ने राजधानी शहर के भीतर पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर व्यापक प्रतिबंध की घोषणा की है। हालांकि, शनिवार रात राजधानी के कई हिस्सों में पटाखे जलाने की कई घटनाएं सामने आईं। कम तापमान और पटाखे जलाने से रविवार रात दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है।
 
दिल्लीवासियों की सुबह साफ आसमान और खिली धूप के साथ हुई और शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सुबह 7 बजे 202 रहा, जो कम से कम 3 सप्ताह में सबसे अच्छा है। एक दिन पहले यानी शनिवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 220 था, जो आठ वर्षों में दिवाली से एक दिन पहले सबसे कम रहा।
 
इस बार, दिवाली से ठीक पहले दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में तेज सुधार देखा गया। इसकी सबसे बड़ी वजह शुक्रवार को रुक-रुक हुई बारिश और प्रदूषकों को उड़ा ले जाने के लिहाज से अनुकूल हवा की गति का होना है। जबकि, गुरुवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 437 था।
 
एक्यूआई शून्य से 50 के बीच 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 450 के बीच 'गंभीर' माना जाता है। एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे 'अति गंभीर' श्रेणी में माना जाता है।
 
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पिछले साल दिवाली पर एक्यूआई 312, 2021 में 382, 2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 दर्ज किया गया था।
 
शहर में 28 अक्टूबर से दो सप्ताह तक हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ से ‘गंभीर’ तक रही और इस अवधि के दौरान राजधानी में दमघोंटू धुंध छाई रही।
 
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पहले ही पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण हल्की बारिश सहित अनुकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के कारण दिवाली से ठीक पहले हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार का पूर्वानुमान जताया था।
 
पश्चिमी विक्षोभ के कारण पंजाब और हरियाणा सहित उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में बारिश हुई, जिससे दिल्ली के वायु प्रदूषण में पराली के जलाने से निकलने वाले धुएं का योगदान कम हो गया।
 
आईएमडी के एक अधिकारी ने पूर्व में बताया था कि एक बार जब पश्चिमी विक्षोभ गुजर जाएगा, तो 11 नवंबर (शनिवार) को हवा की गति लगभग 15 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ जाएगी, जिससे दिवाली (12 नवंबर) से पहले प्रदूषक तत्वों के प्रसार में मदद मिलेगी।
 
 
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