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Last Updated : बुधवार, 7 अगस्त 2024 (15:50 IST)

TMC सांसद ने लोकसभा में उठाया असंगठित क्षेत्र के कामगारों की समस्याओं को

कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी का लाभ गरीबों को नहीं मिल रहा

TMC सांसद ने लोकसभा में उठाया असंगठित क्षेत्र के कामगारों की समस्याओं को - Debate on the problems of workers in the unorganized sector in the Lok Sabha
Lok Sabha: तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद कल्याण बनर्जी ने बुधवार को कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि देश दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, लेकिन इसका लाभ भारत की गरीब जनता को नहीं मिल रहा। तृणमूल सदस्य ने कहा कि वित्त विधेयक में असंगठित क्षेत्र (unorganized sector) के बारे में कुछ नहीं कहा गया है जबकि भारत के कामगारों में 92 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं।
 
बनर्जी ने लोकसभा में वित्त विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि इसमें असंगठित क्षेत्र के बारे में और बेरोजगारी के संकट को समाप्त करने के बारे में कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है और इस समस्या का कोई स्थाई समाधान निकालना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। लेकिन इसका गरीबों को कोई लाभ नहीं मिल रहा।
 
तृणमूल सदस्य ने कहा कि वित्त विधेयक में असंगठित क्षेत्र के बारे में कुछ नहीं कहा गया है जबकि भारत के कामगारों में 92 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बेरोजगारी को कम करने के लिए अनेक योजनाओं की बात कही जा रही है लेकिन इन योजनाओं में कर्मचारियों की रोजगार सुरक्षा के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है।
 
बनर्जी ने कहा कि एक और समस्या है कि ठेकेदार नियुक्त किए जाते हैं, उनके माध्यम से कर्मी नियुक्त किए जाते हैं। ठेकेदार की सेवा समाप्त होने पर कर्मी भी बेरोजगार हो जाते हैं। इसलिए कर्मचारियों की रोजगार सुरक्षा पर सरकार को ध्यान देना होगा।
 
उन्होंने कहा कि देश में 15 लाख डॉक्टरों की कमी है और यह भी एक बड़ी समस्या है जिस पर सरकार को सही से ध्यान देना होगा। बनर्जी ने अपने गृह राज्य पश्चिम बंगाल के लिए बजट आवंटन को अपर्याप्त बताते हुए कहा कि जितना कर राज्यों से केंद्र को आता है उतने अनुपात में उन्हें केंद्र की ओर से बजट में हिस्सेदारी नहीं मिलती।
 
चर्चा में भाग लेते हुए द्रमुक के कलानिधि वीरासामी ने भी बेरोजगारी को कम करने के मोर्चे पर केंद्र सरकार को पूरी तरह विफल बताया। उन्होंने कहा कि देश में सूक्ष्म, मध्यम एवं लघु उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र खुद को बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रहा है और हजारों उद्यम बंद हो गए हैं।
 
वीरासामी ने कहा कि एक समझ के अनुसार देश में कर संग्रह में प्रत्यक्ष कर की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत और अप्रत्यक्ष कर की 40 प्रतिशत अपेक्षित होती है। उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष कर में जीएसटी के रूप में गरीब लोग भी योगदान कर रहे हैं और यह प्रत्यक्ष कर से अधिक हो गया है।
 
द्रमुक सांसद ने इसके पीछे कॉर्पोरेट को कर में दी जा रही छूट को कारण के रूप में गिनाया। उन्होंने जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर लागू 18 प्रतिशत जीएसटी वापस लिए जाने की मांग केंद्र सरकार से दोहराई। कांग्रेस की आर सुधा ने चर्चा में भाग लेते हुए दावा किया कि केंद्र सरकार समग्र शिक्षा अभियान के तहत तमिलनाडु में स्कूली शिक्षा के लिए देय अपने हिस्से के धन का आवंटन नहीं कर रही।(भाषा)(प्रतीकात्मक चित्र)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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