हवा में घुलता जानलेवा प्रदूषण, 5 बड़े शहरों में हर साल हो जाती हैं डेढ़ लाख से अधिक मौतें
नई दिल्ली। साल-दर-साल प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। हवा में घुलता प्रदूषण जानलेवा हो रहा है। पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्था ग्रीनपीस का ताजा अध्ययन चौंकाने वाला है। ग्रीनपीस ने दक्षिण-पूर्व एशिया की वायु गुणवत्ता के जो आंकड़े जारी किए हैं, उसके अनुसार साल 2020 में खतरनाक पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) के कारण वायु प्रदूषण से सिर्फ दिल्ली में 54 हजार लोगों की मौत हुई।
अगर देश के 5 बड़े शहरों की बात करें तो 1,60,000 मौतों का कारण हवा में घुलते प्रदूषण के कण थे यानी हर 10 लाख पर PM2.5 वायु प्रदूषण के कारण 1,800 मौतें हुईं। प्रदूषित वातावरण में रहने से दिल और फेफड़ों को अधिक नुकसान पहुंचता है। देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो वायु प्रदूषण से कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इनमें दिल की बीमारियां, स्ट्रोक, फेफड़ों का कैंसर, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज और तीव्र श्वसन संक्रमण प्रमुख हैं।