- छेड़छाड़ के मामले में दबंगों ने की भाई की हत्या
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चाचा को भी समझौते के बहाने बुलाकर मार डाला
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अब एंबुलेंस से गिरने से हुई दलित युवती की संदिग्ध मौत
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जुल्म के खिलाफ नहीं जीत पाई जंग, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने दिया कांधा
बहन के साथ छेड़छाड़ करने पर भाई जब बदमाशों से सवाल-जवाब करने पहुंचा तो दबंगों ने उसे पीट पीटकर मार डाला। इस बीच मां को भी बदमाशों ने निर्वस्त्र कर मारपीट की। यह घटना साल 2019 की है। तब से अब तक बहन अंजना अपने भाई की हत्या में न्याय के लिए लड़ रही थी। लेकिन इस बीच उसके चाचा राजेंद्र अहिरवार की भी दबंगों ने हत्या समझौते के बहाने बुलाकर हत्या कर दी।
अब 20 साल की अंजना की चलते एंबुलेंस से गिर जाने की वजह से मौत हो गई है। वो अपने चाचा का शव लेकर घर जा रही थी। इसी दौरान गिरने से उसकी संदिग्ध मौत हो गई। परिवार ने इसे भी हत्या बताया है। 20 साल की यह दलित युवती इंसाफ की जंग लड़ते-लड़ते जिंदगी की जंग ही हार गई। युवती और उसके परिवार ने इसकी बड़ी कीमत चुकाई है। लगभग पूरा परिवार ही दबंगों की दरिंदी के आगे खत्म हो गया।
क्या है दलित परिवार पर अत्याचार की पूरी कहानी...?
20 साल की अंजना अहिरवार की हाल ही में तब मौत हो गई जब वो हत्या में मारे गए अपने चाचा के शव को एंबुलेंस से लेकर घर जा रही थी। मध्यप्रदेश के सागर का यह हत्याकांड पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। इतना ही नहीं प्रदेश में दलितों पर अत्याचार की कहानी को इस कांड ने एक बार फिर से जिंदा कर दिया है।
सागर के बरोदिया नौनागिर दलित हत्याकांड में पीड़ित परिवार ने अब प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। चाचा और बहन की मौत के बाद भाई ने कहा, पहले चाचा को मार दिया फिर बहन को हादसे में मरवा दिया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह दलित परिवार के घर पहुंचें और अंजना की अर्थी को कंधा दिया।
कैसे एंबुलेंस से गिरी अंजना: पुलिस के मुताबिक गांव से करीब 20 किमी दूर खुरई में आचार्य विद्यानगर तिराहा के पास अंजना (20) ने शव वाहन का गेट खोला और छलांग लगा दी। घटना में अंजना गंभीर घायल हुई। शव वाहन के आगे चल रही पुलिस ने अंजना को अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं राजेंद्र के पिता रामसेवक अहिरवार जो शव वाहन (एम्बुलेंस) में साथ थे, उनका कहना है- अंजना ने किसी को कुछ नहीं कहा था। अचानक एम्बुलेंस का पीछे का गेट खुला और वह गिर गई
अंजना की मौत के बाद मृतक राजेन्द्र के पिता रामसेवक ने कहा, सागर अस्पताल से बेटे राजेंद्र का शव लेकर गांव जा रहे थे। पत्नी भगवती बाई और अंजना गेट के पास बैठी थी। मैं अपने गम में था। ये पता नहीं है कि गेट कब खुल गया और कब अंजना गिर गई। जब गेट खुला तो ड्राइवर ने गाड़ी रोक दी। गाड़ी रोकी तो पुलिस ने अंजना को उठाया। वह कुछ भी नहीं बोली
राजीनामा के लिए धमकाया गया : बता दें कि सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की मर्चुरी के बाहर रविवार को अंजना ने मौत से पहले मीडिया को कहा था कि 24 अगस्त 2023 को मेरे भाई नितिन अहिरवार की हत्या कर दी गई थी। राजेंद्र चाचा इस मामले में गवाह थे। आरोपी लालू खान और गोलू अंदर हैं। उनके पापा मेरे चाचा को धमका रहे थे कि उनके पक्ष में गवाही देना, नहीं तो जान से मार देंगे। शनिवार की रात मैंने चाचा को फोन किया तो शोर-शराबे की आवाज आ रही थी। चाचा ने बताया कि ये लोग मुझे मार रहे हैं। उन्होंने मुझे कुछ लोगों के नाम बताए। इसके बाद उनका मोबाइल उन्होंने तोड़ दिया।
चाचा की हत्या : अंजना ने मीडिया बाइट में बताया था कि मैंने उनके परिवारवालों को सूचना दी। परिवार के लोग मौके पर पहुंचे। राजेंद्र चाचा को पुलिस ने खुरई अस्पताल में भर्ती कराया। भोपाल ले जाते समय रास्ते में विदिशा के पास चाचा की मौत हो गई। उन्होंने कुल्हाड़ी और डंडों से चाचा के साथ मारपीट की थी। दोनों हाथ-पैर फ्रैक्चर हो गए थे। सिर में गहरी चोट आई थी। कान, नाक से खून आया। खून की उल्टियां भी हुई थीं।
कौन हैं आरोपी: राजेंद्र अहिरवार की हत्या के मामले में पुलिस ने आशिक कुरैशी, बबलू बेना, इसराइल बेना, फहीम खान और टंटू कुरैशी को आरोपी बनाया है। एक आरोपी की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। सागर के पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी के मुताबिक राजेन्द्र अहिरवार की हत्या मामले में 4 आरोपियों पर मामला पंजीबद्ध किया है। अंजना की मौत के मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। एम्बुलेंस से कूदने के क्या कारण रहे होंगे यह पता लगाया जा रहा है। इस पूरे मामले में पीडितों ने अंकित ठाकुर नाम के दबंग का नाम लिया था।
भाई की हत्या में अगले महीने थी गवाही : जानकारी के मुताबिक 2023 में अंजना के भाई नितिन अहिरवार की हत्या के मामले में कोर्ट में गवाही होनी थी। प्रकरण में अंजना सहित चाचा राजेन्द्र और मां मुख्य गवाह थे। जिनमें अब अंजना और राजेंद्र की मौत हो चुकी है। अंजना के भाई के अनुसार एक महीने पहले पुलिस सुरक्षा हट गई थी। जिसके बाद राजीनामा के लिए दवाब बनाया जा रहा था। चाचा पर भी बयान बदलकर राजीनामा का दवाब बनाया जा रहा था। इसके चलते ही उनकी हत्या की गई है।
क्या था पूरा मामला : 20 साल की अंजना अहिरवार ने साल 2019 में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। जिसमें उसके साथ यौन उत्पीड़न करने,धमकी देने और हमला करने का आरोप दर्ज था। दबंगों ने अंजना पर केस वापस लेने का दबाव बनाया था। लेकिन वो डटी रही, केस वापस नहीं लिया। इसी दौरान एक दिन भीड़ ने उसके भाई नितिन को पीट-पीट कर मार डाला। मां अपने बेटे को बचाने आई तो उसे भी निर्वस्त्र करने की कोशिश की गई। बाद में 25 मई 2024 को चाचा राजेंद्र को दबंगों को को समझौते के लिए बुलाया था। लेकिन उन्हें पीटकर मार डाला। अब हाल ही में अंजना एंबुलेंस से गिरी और उसकी संदिग्ध मौत हो गई। इस मामले में नौ लोगों के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में पुलिस ने 5 आरोपी आशिक कुरैशी, बबलू बेना, इजरायल बेना,फहीम खान और टंटू कुरैशी के खिलाफ मामला दर्ज किया और एक आरोपी को गिरफ्तार किया।
Edited by Navin Rangiyal