दिग्विजय समर्थक दलित नेता देवाशीष जरारिया ने छोड़ी कांग्रेस, भिंड लोकसभ सीट पर बढ़ेगी कांग्रेस की मुश्किलें
भोपाल। मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव बढ़ते जा रहे है, वैसे-वैसे कांग्रेस के नेता पार्टी छोड़ते जा रहे है। प्रदेश में कांग्रेस के बड़े और युवा दलित चेहरे के तौर पर पहचाने जाने वाले देवाशीष जरारिया ने इस्तीफा दे दिया। भिंड लोकसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे दलित नेता देवाशीष ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ख़डगे को पत्र लिखकर इस्तीफा देते हुए पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए है।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भिंड-दतिया संसदीय सीट से लड़ने वाले देवाशीष जरारिया ने कहा कि लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी वह लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे और पार्टी ने उनसे लोकसभा का टिकट देने का वादा किया था। लेकिन समय आने पर पार्टी पलट गई। कांग्रेस में नेताओं ने मेरे राजनीतिक हत्या करने की जिम्मेदारी ले रखी है। मैंने दिन रात मेहनत की, लेकिन ग्रुप बाजी करके कांग्रेस ने कांग्रेस को ही निपटा दिया।
उन्होंने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस पार्टी में जो भीतरघात करता है, उसी को सबसे ज्यादा पूछा जाता है जो उनके चरित्र में नहीं है। कांग्रेस ने मुझे दूध में मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने भिंड लोकसभा सीट से विधायक फूलसिंह बरैया को उम्मीदवार बनाया है, जिसके बाद से ही देवाशीष नाराज चल रहे थे।
बसपा से लड़ सकते है चुनाव-ग्वालियर-चंबल अंचल में दलित चेहरे के तौर पर पहचाने जाने वाले देवाशीष अब बसपा में शामिल होने जा रहे है। कांग्रेस में शामिल होने से पहले देवाशीष बसपा में ही थे। देवाशीष बसपा के प्रवक्ता होने के साथ-साथ उन्होंने बड़ी संख्या में युवाओं को बसपा से जोड़ा था। ऐसे में पार्टी देवाशीष को भिड़ से अपना उम्मीदवार बना सकती है। ऐसे में भिंड में चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ सकता है। भिंड से भाजपा ने महिला उम्मीदवार संध्या राय, कांग्रेस ने फूल सिंह बरैया को चुनावी मैदान में उतारा है।