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Last Updated :नई दिल्ली , मंगलवार, 29 नवंबर 2016 (12:22 IST)

नोटबंदी पर संसद में फिर हंगामा, कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित

नोटबंदी पर संसद में फिर हंगामा, कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित - currency ban
नई दिल्ली। नोटबंदी के सरकार के फैसले को लेकर संसद की कार्यवाही बाधित कर रहे कुछ विपक्षी दलों ने आज भी लोकसभा में नारेबाजी की और हंगामे के बीच अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया लेकिन शोर शराबा थमता नहीं देख उन्होंने कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। मोदी को सदन में बुलाने की मांग पर अड़े विपक्ष ने राज्यसभा में जमकर हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही बारह बजे तक स्थगित करनी पड़ी और लगातार नौवें दिन शून्यकाल नहीं हो सका। संसद के दोनों सदनों में प्रश्नकाल के बाद भी हंगामे के कारण काम शुरू नहीं हो सका और कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी ई। 
 
सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर असम के लखीमपुर से नवनिर्वाचित सांसद प्रधान बरूआ ने शपथ ली। इसके बाद उन्होंने प्रश्नकाल शुरू किया लेकिन नोटबंदी के मुद्दे पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों के सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे। अन्नाद्रमुक के सदस्य अपने स्थान पर खड़े थे। विपक्षी सदस्य आसन के समीप आकर सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे और कार्यस्थगित कर चर्चा कराने और प्रधानमंत्री के उपस्थित होने की मांग कर रहे थे।
 
अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने का आग्रह किया लेकिन विपक्षी सदस्यों का शोरशराबा जारी रहा।
 
हंगामे के बीच ही अध्यक्ष ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया और वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से जुड़ा एक प्रश्न लिया और वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने शोर शराबे के बीच ही जवाब दिया।
 
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों के सदस्यों की नारेबाजी जारी रही और बैठक शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही साढ़े 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
 
साढ़े 11 बजे बैठक दोबारा शुरू होने पर स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया। विपक्षी सदस्य फिर से अपनी मांग के समर्थन में आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।
 
अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने फिर से प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया लेकिन हंगामा और नारेबाजी जारी रही। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि यह उचित नहीं है। हंगामे की अनुमति नहीं दी जा सकती।
 
इससे पूर्व कांग्रेस नेता मल्लिकाजरुन खडगे ने कहा कि लोकतंत्र में ऐसे नहीं चल सकता और चर्चा के माध्यम से सबकुछ होना चाहिए।
 
हंगामा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 35 मिनट पर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

दूसरी ओर मोदी को सदन में बुलाने की मांग पर अड़े विपक्ष ने मंगलवार को भी राज्यसभा में जमकर हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही बारह बजे तक स्थगित करनी पड़ी और लगातार नौवें दिन शून्यकाल नहीं हो सका। 
              
उपसभापति पीजे कुरियन ने विधायी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद जैसे ही कार्यवाही शुरू की कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपनी-अपनी जगहों पर खड़े होकर शोर करने लगे। बसपा प्रमुख सुश्री मायावती ने कहा कि सदन में प्रधानमंत्री की मौजूदगी में नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा शुरू की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने अड़ियल रुख अपना रखा है और प्रधानमंत्री सदस्यों की बात सुनने के लिए सदन में नहीं आ रहे हैं।
 
सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने सदन की कार्य प्रणाली से जुडी नियमावली का हवाला देते हुए कहा कि नोटबंदी पर चर्चा शुरू की जानी चाहिए और इसमें प्रधानमंत्री की मौजूदगी जरूरी नहीं है वह बहस में हस्तक्षेप करेंगे। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री तथा अन्य मंत्री सदन में मौजूद हैं और मंत्रि परिषद की सामूहिक जिम्मेदारी होती है।
 
कुरियन ने भी कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा शुरू करने में किसी को कोई आपत्ति नहीं है। वित्तमंत्री सदन में मौजूद हैं और वह कह चुके हैं कि प्रधानमंत्री इस बहस में हस्तक्षेप करेंगे। इसलिए सदस्यों को अपनी जगहों पर लौट कर बहस में हिस्सा लेना चाहिए। 
 
इस बीच विपक्ष के सदस्य आसन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे जिसके जवाब में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी। दोनों ओर से हंगामा शुरू होने तथा सदस्यों के शांत नहीं होने पर उपसभापति ने सदन की कार्यवाही बारह बजे तक स्थगित कर दी। विपक्ष तथा सत्ता पक्ष के अपने अपने रुख पर अड़े रहने के कारण पिछले आठ दिन से इस मुद्दे पर सदन में गतिरोध बना हुआ है।  
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