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Last Updated : शुक्रवार, 11 दिसंबर 2020 (19:47 IST)

ममता बनर्जी आरपार के लिए तैयार, कहा- CS और DGP नहीं जाएंगे दिल्ली

ममता बनर्जी आरपार के लिए तैयार, कहा- CS और DGP नहीं जाएंगे दिल्ली - CS and DGP will not go to Delhi-west Bengal
नई दिल्ली/कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार बनाम केन्द्र सरकार की लड़ाई थमने के बजाय अब और बढ़ती जा रही है। पश्चिम बंगाल सरकार भी अब झुकने के बजाय आरपार की लड़ाई के मूड में आ गई है। राज्य सरकार ने कहा है कि पश्चिम बंगाल के मुख्‍य सचिव और पुलिस महानिदेशक केन्द्र के बुलावे पर दिल्ली नहीं जाएंगे।

मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें 14 दिसंबर को राज्य के अधिकारियों की मौजूदगी के बिना बैठक करने का अनुरोध करने का निर्देश दिया गया है। इस पत्र के जरिए उन्होंने परोक्ष तौर पर संकेत दिया कि वह महज राज्य सरकार के आदेश का पालन कर रहे हैं।
 
नड्डा के काफिले पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कथित समर्थकों द्वारा हमले पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ की रिपोर्ट के बाद राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर स्पष्टीकरण के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंदोपाध्याय और डीजीपी वीरेंद्र को 14 दिसंबर को तलब किया है।
 
बंदोपाध्याय ने अपने पत्र में लिखा है कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को जेड-श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के संबंध में घटनाओं समेत राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा के लिए 14 दिसंबर को दिन में सवा 12 बजे आपके (भल्ला के) कक्ष में बुलाया गया था।
 
नड्डा के काफिले की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का जिक्र करते हुए बंदोपाध्याय ने कहा कि राज्य पूरी गंभीरता के साथ मुद्दे का समाधान कर रहा है।
 
उन्होंने दो पन्ने के अपने पत्र में कहा है कि राज्य सरकार इस मुद्दे के समाधान के लिए पूरी गंभीरता से काम कर रही है। इस संबंध में रिपोर्ट मंगाई जा रही है और यह तैयार की जा रही है, ऐसी परिस्थिति में मुझे आपसे यह अनुरोध करने का निर्देश दिया गया है कि कि राज्य के अधिकारियों की मौजूदगी के बिना बैठक करें।
 
राज्य के शीर्ष नौकरशाह ने कहा कि 10 दिसंबर को केंद्रीय गृह सचिव के अनुरोध के मद्देनजर राज्य सरकार ने सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों के लिए पर्याप्त इंतजाम किया था। उन्होंने लिखा- जेड श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त लोगों के संबंध में हुई घटनाओं की हम पड़ताल कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल पुलिस ने जेपी नड्डा को एक बुलेटप्रूफ कार और एक पायलट वाहन मुहैया कराया था। इसके अलावा जेड श्रेणी की सुरक्षा हासिल होने के कारण उनके साथ एक एस्कार्ट (राज्य का वाहन, सीआरपीएफ के कर्मी) और पीएसओ (सीआरपीएफ) भी थे।
 
पत्र में कहा गया है इलाके में तैनात रेंज के डीआईजी (पुलिस) ने निजी तौर पर व्यवस्था की निगरानी की। मार्ग और डायमंड हार्बर में आयोजन स्थल पर 4 अतिरिक्त एसपी, 8 डीएसपी, 14 निरीक्षकों, 70 उपिनरीक्षकों, आरएएफ के 40 कर्मियों और सहायक बलों के 350 सदस्यों को तैनात किया गया था। काफिले में शामिल कई वाहनों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इससे स्थिति से निपटने में मुश्किलें हुईं। 
 
राज्यपाल की चेतावनी : राज्यपाल जगदीश धनखड़ ने हमले की घटना के बाद कहा कि स्थिति की भयावहता को देखते हुए मैंने अपने संवैधानिक कर्तव्य के तहत बहुत ही परेशान करने वाली गतिविधियों की रिपोर्ट केंद्र को भेज दी है जो लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए ठीक नहीं है, वे कानून के राज के खिलाफ है, यह संवैधानिक मापदंडों के खात्मे का संकेत करता है।
 
राज्यपाल ने ममता बनर्जी से कहा कि वह आग से नहीं खेलें। राज्य में स्थानीय और बाहरी का खतरनाक खेल चल रहा है। उन्होंने कहा कि निश्चित ही पूरे मामले में जवाबदेही तय की जाएगी। जवाब में टीएमसी ने भी राज्यपाल को भाजपा की जुबान बोलने वाला करार दिया।
 
धनखड़ ने ममता बनर्जी की टिप्पणी को बेहद दुर्भाग्यपूण करार देते हुए कहा कि मैंने माननीय मुख्यमंत्री के बयान को गंभीरता से लिया है। किस तरह से एक जिम्मेदार मुख्यमंत्री कानून के राज, संविधान में विश्वास करने वाला, बंगाली संस्कृति पर भरोसा करने वाला ऐसा कह सकता है जैसा उन्होंने कहा।
 
ममता ने कहा था : तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कई मौकों पर कहा कि भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव के लिए राज्य में बाहरी लोगों को ला रही है। उन्होंने दावा किया कि था भाजपा बाहर से कथित गुंडों को लाकर पश्चिम बंगाल के गांवों में भेज रही है।