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Last Updated :नई दिल्ली , गुरुवार, 9 जनवरी 2025 (15:43 IST)

कांग्रेस ने GST को लेकर केंद्र सरकार पर लगाया आतंक फैलाने का आरोप

कहा कि जीएसटी संग्रह में आम लोगों की भागीदारी दो तिहाई, उद्योगपतियों की सिर्फ 3 प्रतिशत

कांग्रेस ने GST को लेकर केंद्र सरकार पर लगाया आतंक फैलाने का आरोप - Congress accuses the central government regarding GST
Congress's allegation regarding GST: कांग्रेस (Congress) ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर कर का आतंक फैलाने का आरोप लगाया और दावा किया कि देश में माल एवं सेवा कर (GST) के कुल संग्रह में आम नागरिकों की भागीदारी दो तिहाई है जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चहेते उद्योगपतियों की भागीदारी सिर्फ 3 प्रतिशत है।
 
पार्टी की गुजरात इकाई के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य शक्ति सिंह गोहिल ने यहां से बातचीत में यह भी कहा कि जीएसटी की संकल्पना एक सरल कर प्रणाली के रूप में की गई थी, लेकिन मोदी सरकार ने सब कुछ इसके लिए उलट किया।ALSO READ: PF, UPI से लेकर GST तक, 2025 में ये 10 बड़े बदलाव आपकी जेब पर डालेंगे सीधा असर
 
पॉपकॉर्न पर 28 प्रतिशत जीएसटी : उन्होंने कहा कि पॉपकॉर्न पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगा दी जाती है। यह कर का आतंक है। कपास की पैदावार के बिकने से पहले ही उस पर जीएसटी दी जाती है और रिफंड किसान को तभी मिलेगा, जब वह अपनी उपज दूसरे को बेचेगा। किसानों को जीएसटी की मार झेलनी पड़ रही है।ALSO READ: स्विगी, जोमैटो, पॉपकॉर्न पर GST, क्या बोली वित्तमंत्री सीतारमण
 
यह कहा था पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने : गोहिल ने दावा किया कि वर्तमान समय में स्थिति यह है कि आम नागरिक महीने में जितना पैसा कमाता है, उसमें से ज्यादातर पैसे खर्च हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंहजी ने कहा था कि जीएसटी लोगों को राहत देने के लिए है, उनको लूटने के लिए नहीं है, लेकिन भाजपा ने उसका उल्टा कर दिया।ALSO READ: GST On Used Cars : पुरानी कार बेचने पर 18% जीएसटी, वित्तमंत्री से नाराजगी, क्या मिडिल क्लास के लिए है बड़ा झटका, समझिए पूरा गणित
 
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि कुल जीएसटी संग्रह में देश के आम नागरिकों की भागीदारी दो तिहाई से ज्यादा है, लेकिन मोदीजी के चहेते लोगों की भागीदारी सिर्फ 3 प्रतिशत है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह अंतर कितना बड़ा है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि मोदी सरकार के 10 साल में अमीर और गरीब के बीच खाई बहुत बढ़ गई है, जो अंग्रेजों के शासन के मुकाबले अधिक है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta