प्रवासी भारतीय सम्मेलन में पीएम मोदी का मंत्र, विकास भी और विरासत भी
- भविष्य युद्ध में नहीं, बल्कि बुद्ध में निहित
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भारत सिर्फ लोकतंत्र की जननी ही नहीं, हमारे जीवन का हिस्सा
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भारत न केवल युवा देश है बल्कि कुशल युवाओं का देश
PM Modi in pravasi bhartiya sammelan : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि आज का भारत 'विकास भी और विरासत भी' इस मंत्र पर चल रहा है। भारत हर सेक्टर में आसमान छू रहा। उन्होंने कहा कि विश्व आज भारत की बात सुनता है और देश अपनी विरासत के कारण अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह बताने में सक्षम है कि भविष्य युद्ध में नहीं, बल्कि बुद्ध में निहित है।
भुवनेश्वर में आयोजित 18वें प्रवासी भारतीय दिवस-2025 सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत सिर्फ लोकतंत्र की जननी ही नहीं है बल्कि लोकतंत्र हमारे जीवन का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत को सुनती है, जो न केवल अपने विचार रखता है बल्कि ग्लोबल साउथ के विचार भी पेश करता है। ग्लोबल साउथ शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है।
मोदी ने कहा कि अपनी विरासत की ताकत के कारण ही भारत दुनिया को यह बताने में सक्षम है कि भविष्य युद्ध में नहीं, बल्कि बुद्ध (शांति) में निहित है। उन्होंने कहा कि हम संकट की स्थिति में अपने प्रवासी समुदाय की मदद करना अपनी जिम्मेदारी समझते हैं, चाहे वे कहीं भी हों।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 1947 में भारत की आजादी में प्रवासी भारतीयों ने अहम भूमिका निभाई थी और अब 2047 तक देश को विकसित बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने इस लक्ष्य में प्रवासी भारतीय समुदाय से मदद का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत न केवल युवा देश है बल्कि कुशल युवाओं का देश भी है।
मोदी ने दुनिया भर में कुशल कामगारों की मांग का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि जब भी भारतीय युवा विदेश जाएं, तो वे अपने साथ कौशल लेकर जाएं।
उन्होंने भारत में आयोजित सफल जी-20 सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया को देश की विविधता का प्रत्यक्ष अनुभव कराने के लिए भारत के विभिन्न हिस्सों में जी-20 बैठकें आयोजित की गईं। उन्होंने कहा कि हमें विविधता सीखने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हमारा जीवन विविधता से भरा है।
प्रधानमंत्री ने भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि मैंने हमेशा प्रवासी समुदाय को भारत का राजदूत माना है। उन्होंने कहा कि भारतीय जहां भी जाते हैं, वहां के समाज के साथ जुड़ जाते हैं। भारतीय जहां भी जाते हैं, वहां के नियम और परंपरा का सम्मान करते हैं। हम पूरी ईमानदारी से उस देश की, उस समाज की सेवा करते हैं। इस सबके साथ ही हमारे दिल में भारत भी धड़कता रहता है।
सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन करने के अलावा, प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस को रिमोट के माध्यम से हरी झंडी दिखाई। दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से रवाना होने वाली यह सेवा भारतीय प्रवासियों के लिए एक विशेष पर्यटक ट्रेन है जो तीन सप्ताह तक उन्हें भारत के कई पर्यटन और धार्मिक स्थलों का सफर कराएगी।
edited by : Nrapendra Gupta