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Last Modified: शुक्रवार, 13 जनवरी 2023 (22:42 IST)

रामचरित मानस पर टिप्पणी, बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर कई जिलों में मुकदमे

रामचरित मानस पर टिप्पणी, बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर कई जिलों में मुकदमे - Comment on Ramcharit Manas, Bihar Education Minister sued in many districts
पटना। मनु स्मृति, श्रीरामचरितमानस और बंच ऑफ थॉट्स के संबंध में बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की कथित टिप्पणी के खिलाफ पटना की एक अदालत में शुक्रवार को शिकायती मुकदमा दाखिल किया गया। बिहार में कई अन्य स्थानों पर भी मंत्री के खिलाफ याचिकाएं दाखिल की गई हैं। 
 
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विजय किशोर सिंह की अदालत में यह शिकायती मुकदमा पटना के जक्कनपुर थाना क्षेत्र स्थित चांदपुर बेला मुहल्ला निवासी पवनपुत्र सर्वांगीण विकास केंद्र के सचिव राकेश दत्त मिश्रा की ओर से उनके वकील लक्ष्मण पांडे ने भारतीय दंड विधान की धारा 295, 298ए और 153ए के आरोपों के तहत दायर किया है।
 
अदालत ने मामले में सुनवाई के लिए 18 जनवरी 2023 की तिथि निश्चित की है। अदालत में यह शिकायती मुकदमा संख्या 583 (सी) 2023 के रूप में दर्ज किया गया है। दाखिल मुकदमे में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के उस बयान को सनातन धर्मावलंबियों की भावना को ठेस पहुंचाने वाला बताया गया है, जिसमें कथित रूप से शिक्षा मंत्री चंदशेखर ने कहा था कि मनु स्मृति, श्री रामचरित मानस और बंच ऑफ थॉट्स जैसी किताबों ने नफरत फैलाने का काम किया है, इन्हें जला देना चाहिए।
 
और भी जिलों में याचिकाएं : बिहार के एक से अधिक जिलों की अदालतों में कई याचिकाएं दायर की गईं हैं जिनमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया, जबकि उनकी पार्टी ने कहा कि उन्होंने वास्तव में भाजपा जो ‘कमंडलवादियों’ का प्रतिनिधित्व करती है, के बारे में कहा था।
 
बिहार के मुजफ्फरपुर की एक अदालत में अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा और राजीव कुमार के अलावा गरीब नाथ मंदिर के महंत अभिषेक पाठक और स्थानीय हिंदू संगठन के नेता श्याम सुंदर ने मंत्री के खिलाफ याचिकाएं दायर की। उन्होंने हिंदू भावनाओं का जानबूझकर अपमान करने के लिए राजद नेता के खिलाफ भादंवि की संगत धाराओं के तहत मुकदमा चलाए जाने की प्रार्थना की है। अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 25 जनवरी की तारीख तय की है।
 
बेगूसराय जिले के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में अधिवक्ता अमरेंद्र कुमार अमर ने भी इसी तरह की याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने कहा कि उनकी याचिका पर अदालत द्वारा सुनवाई के लिए तारीख का निर्धारण किया जाना अभी बाकी है।
 
नीतीश की नसीहत, तेजस्वी की चुप्पी : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने मामले को तूल पकड़ते देख मंत्री को ऐसे बयान देने से परहेज करने की सलाह दी है। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जो अपने पिता और राजद के संस्थापक प्रमुख लालू प्रसाद के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाते हैं, ने विवाद के बारे में पत्रकारों के सवालों को टाल दिया।
 
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने पटना में पार्टी कार्यालय में कहा कि शिक्षा मंत्री के शब्दों ने ‘कमंडलवादियों’ को नाराज कर दिया है, कमंडल के आगे मंडल हार नहीं मानेगा।
 
हालांकि, राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने मध्यम मार्ग अपनाते हुए कहा कि समाजवादी विचारक राम मोहन लोहिया अक्सर कहा करते थे कि हमारी परंपरा में ऐसा बहुत कुछ है जिसकी तुलना गहनों से की जा सकती है। लेकिन साथ ही बहुत कचरा भी है। रत्नों को संजोते हुए हमें कचरे को संरक्षित करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। हमें कचरे को फेंकने के उत्साह में जो कीमती है उसे फेंकना नहीं चाहिए।
 
वहीं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ सदस्य और मुख्यमंत्री के करीबी भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कैबिनेट मंत्री के बयान को अपने पार्टी के शीर्ष नेता की सभी आस्थाओं और परंपराओं का सम्मान करने की नीति के खिलाफ बताया। चौधरी जो दलित समुदाय से आते हैं, ने कहा कि शिक्षा मंत्री को इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए था जो युवा और प्रभावशाली दिमागों को गुमराह कर सकता था। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
 
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