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Last Updated : सोमवार, 21 जून 2021 (14:43 IST)

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने DPSRU में ध्यान एवं योग विज्ञान केंद्र का उद्घाटन किया

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने DPSRU में ध्यान एवं योग विज्ञान केंद्र का उद्घाटन किया - CM Arvind Kejriwal inaugurates Centre for Meditation and Yoga Sciences of Delhi govt
नई दिल्ली:मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी में ध्यान और योग विज्ञान केंद्र (मेडिटेशन एंड योगा साइंस सेंटर) का उद्घाटन किया। सीएम ने कहा कि योग केंद्र की स्थापना हमारा सपना रहा है, हम योग को जन आंदोलन में बदलना चाहते हैं और इसके लिए हमने बजट का भी प्रावधान किया है। अगर 20-40 लोग ग्रुप बना कर योग सीखने की इच्छा जताते हैं, तो दिल्ली सरकार उन्हें मुफ्त में इंस्ट्रक्टर मुहैया कराएगी। अभी 450 योग इंस्ट्रक्टर तैयार किए जा रहे हैं और दो अक्टूबर से हम लोगों को मुफ्त इंस्ट्रक्टर उपलब्ध कराना शुरू कर देंगे। योगा करने से इम्यूनिटी अच्छी होगी और कोरोना से भी बच सकेंगे। पोस्ट कोविड के दौरान भी योग काफी मददगार साबित होगा। वहीं, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने परिकल्पना की थी कि जो लोग मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योग को अपनाना चाहता है, उनको शिक्षक उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सरकार लेगी। यह एक साल का कोर्स है। इसमें पतंजलि का योग है, तो भगवान बुद्ध का ध्यान भी बड़ी सिद्दत से शामिल किया गया है। इस दौरान सीएम और डिप्टी सीएम ने टीचर्स एंड स्टूडेंट्स मैनुअल और पुस्तक का भी विमोचन किया। 
 
हमारा यह सपना था कि दिल्ली के हर एक व्यक्ति तक योग पहुंचे, हमने इस बार इसके लिए बजट भी तय किया है- अरविंद केजरीवाल
 
इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कल योग दिवस है और मैं समझता हूं कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को इससे अच्छे तरीके से और नहीं मनाया जा सकता था। हम लोग यहां सेंटर फॉर मेडिटेशन एंड योगा साइंसेज शुरू करने जा रहे हैं। हम लोगों का यह सपना था। हम लोग डेढ़-दो साल से बहुत गंभीरता से सोच रहे थे कि किस तरह से दिल्ली के हर व्यक्ति तक योगा को पहुंचाया जाए। हम सब ने यह एक वाक्य कई बार सुना है कि योग को जन आंदोलन बनाना है। यह कहते तो बहुत लोग हैं, लेकिन योग को कैसे जन आंदोलन बनाया जाए और कैसे घर-घर तक पहुंचाया जाए? जैसा कि पूरी दुनिया को भारत योग सिखा रहा है, लेकिन अपने भारत वर्ष में कितने लोग योग करते हैं? इसको जन-जन तक कैसे पहुंचाएं, इस पर चिंतन-मनन चल रहा था। इस बार जब बजट आया था, उसके पहले हमने बहुत से लोगों के साथ बैठक कर इस पर चर्चा और विचार-विमर्श किया। इसके बाद हमने यह तय किया कि इसको एक विशिष्ट बजट दिया जाए। 
 
कोरोना के कठिन समय में ध्यान एवं योग विज्ञान केंद्र की शुरूआत होने पर मुझे बहुत खुशी है- अरविंद केजरीवाल
 
सीएम ने आगे कहा कि अगर 20, 25, 30, 40 लोग अपना एक ग्रुप बनाकर दिल्ली सरकार को फोन करें और कहें कि हमें योग सीखना है, तो दिल्ली सरकार उनको इंस्ट्रक्टर मुफ्त में उपलब्ध कराएगी। वे लोग योग सीखने के लिए इंस्ट्रक्टर को अपनी आरडब्ल्यूए, किसी पार्क या किसी भी सार्वजनिक स्थान पर वह बुला लें। अगर इतने लोगों का ग्रुप मिल कर कहते हैं कि हमें योग सीखना, तो उन्हें इंस्ट्रक्टर दिल्ली सरकार मुफ्त में देगी। मुझे लगा कि लोगों को योग के प्रति खींचने का यह एक बड़ा सरल तरीका है। इस सपने के साथ हम लोगों ने इस साल बजट के अंदर प्रावधान किया और हमने सोचा था कि हम इसको पूरी शिद्दत के साथ शुरू करेंगे। जैसे ही एक अप्रैल से बजट लागू हुआ, उसके बाद कोरोना आ गया। आप यकीन मानिए, मैं अपने मन में यह सोच कर बैठा था कि अभी इसका काम शुरू नहीं हुआ है, लेकिन अभी पहले भर पहले डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने मुझसे इसके कार्यक्रम के लिए समय मांगा, तब मुझे पता चला कि यह शुरू हो गया है। आप सब लोगों ने इतने कठिन समय में, जब पूरी दिल्ली, पूरा देश कोरोना से जूझ रहा था, इसे जारी रखा और आज इसका हम उद्घाटन कर रहे हैं। मैं बता नहीं सकता हूं कि आज मुझे कितनी खुशी हो रही है।
 
 
दो अक्टूबर से हम लोगों को मुफ्त इंस्ट्रक्टर उपलब्ध कराना शुरू कर देंगे- अरविंद केजरीवाल
 
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि संभावना है कि आगामी दो अक्टूबर से हम इसको जनता के बीच ले जाने के लिए तैयार होंगे। आज हमारे सामने जो 450 योग इंस्ट्रक्टर हैं, वह योगा इंस्ट्रक्टर तब तक तैयार हो जाएंगे और दो अक्टूबर से हम वास्तविकता में दिल्ली के लोगों को यह कॉल दे पाएंगे कि अगर आप अपने यहां योगा कराना चाहते हैं, तो आप हमें बताइए। हम आपको टीचर मुफ्त में उपलब्ध कराएंगे। अभी कम शिक्षक हैं और हो सकता है कि हम सारे लोगों को एक साथ शिक्षक उपलब्ध नहीं करा पाएं, लेकिन यह एक अच्छी शुरुआत हो गई है। बहुत कम समय में इस पूरे कार्यक्रम को डिजाइन किया गया है। 
 
मैं समझता हूं कि कोरोना काल के अंदर योग का सबसे ज्यादा महत्व है- अरविंद केजरीवाल
 
सीएम ने कहा, ‘मै समझता हूं कि इस समय लोगों को सबसे ज्यादा योग की जरूरत महसूस हो रही है। जब लोग आपस में बात करते हैं कि इसको कोरोना हो गया, उसको कोरोना नहीं हुआ। जब लोग आपस में बात करते हैं कि इसको तो माइल्ड कोरोना हुआ, उसको तो बड़ा तेज कोरोना हुआ, तो फिर लोग आपस में बात करते हैं कि इसकी तो इम्यूनिटी ज्यादा है, इस वजह इसको कोरोना नहीं हुया या इस वजह से इसको कोरोना कम हुआ। अब यह इम्युनिटी शब्द हर आदमी की जुबान पर है। यह इम्युनिटी कैसे आएगी। यह इम्युनिटी तो जीवन शैली को ठीक रखने से आएगी। यह इम्युनिटी तो योग करने से आएगी। योग, लोगों को इम्यूनिटी प्रदान करेगा और अंदर से शक्ति देगा और लोगों को स्वस्थ रखेगा। मैं समझता हूं कि इस वक्त लोगों में सबसे ज्यादा मांग योग होगी। दोनों तरह से, एक तो कोरोना से बचने के लिए, योगा करेंगे तो आपकी इम्यूनिटी अच्छी होगी। आपकी अगर इम्युनिटी अच्छी होगी, तो आप कोरोना से बचेंगे। और दूसरा यह कि जिन लोगों को कोरोना की गंभीर बीमारी हुई होती है, तो उनको पोस्ट कोविड (ठीक होने के बाद) में शारीरिक और मानसिक जरूरतें ज्यादा बढ़ जाती हैं, उनको शारीरिक और मानसिक तौर पर एक्सरसाइज और मेडिटेशन दोनों की बहुत सख्त जरूरत होती है। करोना के दौरान मुख्य रूप से फेफड़े (लंग) और ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा समस्या होती है। मैं समझता हूं कि पोस्ट कोविड-19 के दौरान हम प्रणायाम आदि सिखाएंगे, तो इसका लोगों को काफी लाभ मिलेगा। मैं समझता हूं कि कोरोना काल के अंदर योग का सबसे ज्यादा महत्व है। ऐसे समय में यह योग का कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में शुरू किया जा रहा है। इसके लिए मैं बेहद खुश हूं और दिल्ली की जनता को बधाई देता हूं कि दिल्ली की जनता के लिए आज इतना शानदार कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। 
 
मुझे उम्मीद है कि कोर्स को पूरा करने वाले प्रशिक्षक दिल्ली के साथ पूरे देश और पूरी दुनिया में योग की इस मशाल को आगे लेकर जाएंगे- मनीष सिसोदिया
 
इस दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने योग दिवस की सभी को शुभकमनाएं देते हुए कहा कि बजट के दौरान इस पूरे प्रोग्राम की घोषणा की गई थी। योग दिवस के अवसर पर हम इसे आगे बढ़ाने के लिए एक पायदान पर पहुंच गए हैं। इसकी परिकल्पना सीएम अरविंद केजरीवाल ने रखी थी। उन्होंने परिकल्पना रखी थी कि दुनिया को भारत ने योग और ध्यान सिखाया है। आज दुनिया में कहीं मेडिटेशन और ध्यान की बात होती है, तो भारत की बात होती है। दुनिया में कहीं भी योग की बात होती है, तो भारत की बात होती है। ऐसे में राजधानी के लोग योग से वंचित क्यों रहें। उन्होंने इसकी परिकल्पना की कि क्या ऐसा नहीं हो सकता है कि सरकार यह जिम्मेदारी ले कि दिल्ली के हर एक व्यक्ति को जो योग करना चाहता है, जो योग सीखना चाहा है या रोजमर्रा की जिंदगी में योग को शामिल कर अपने दिन की शुरूआत करना चाहता है, अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योग को अपनाना चाहता है, उसको योग और मेडिटेशन के शिक्षक उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सरकार ले और आखिरकार आज यहां 450 योग और मेडिटेशन के इंस्ट्रक्टर के ट्रेनिंग का कार्य शुरू कर रहे हैं। पहले तीन महीने की ट्रेनिंग काफी आक्रामक होगी। उसके बाद यह सब लोग क्षेत्र में जाकर लोगों को योगा और मेडिटेशन की प्रैक्टिस कराना शुरू कर सकते हैं और साथ-साथ अपना कोर्स भी जारी रख सकेंगे। यह पूरा डिप्लोमा एक साल का है। इसका यह पहला है। मुझे उम्मीद है कि आप सभी सीएम अरविंद केजरीवाल विजन को जमीन पर जाकर साकार करेंगे। यह एक साल का अनूठा कोर्स है, जिसमें योगा और मेडिटेशन को बहुत अच्छे शामिल किया गया है। इसमें पतंजलि का योग है तो भगवान बुद्ध का ध्यान भी उतनी ही सिद्दत से शामिल किया गया है। मुझे लगता है कि योग एंड मेडिटेशन कोर्स को पूरा करने के बाद तो हमारे प्रशिक्षक सिर्फ दिल्ली में नहीं, बल्कि पूरे देश और पूरी दुनिया में योग की इस मशाल को आगे लेकर जाएंगे।
 
 
सेंटर फॉर मेडिटेशन एंड योग साइंसेज दिल्ली के लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को जमीनी स्तर तक ले जाएगा- प्रो. रमेश के. गोयल
 
वहीं, डीपीएसआरयू के कुलपति प्रो. रमेश के. गोयल ने कहा कि कोविड-19 के इस कठिन समय के दौरान इस ध्यान और योग विज्ञान केंद्र के उद्घाटन ने हमें एक नई ऊर्जा, आशा दी है। डीपीएसआरयू को 1964 में एक इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी के रूप में स्थापित किया गया था और फिर, 2008 में एक विश्वविद्यालय के रूप में इसकी कल्पना की गई थी। दिल्ली सरकार की मदद से 2015 में भारत का एकमात्र फार्मास्युटिकल साइंसेज यूनिवर्सिटी और दुनिया का तीसरा ऐसा विश्वविद्यालय तीव्र गति से विकसित किया गया था। हमने केवल 7 पाठ्यक्रमों के साथ शुरुआत की थी और 2020 में, हमने पाठ्यक्रमों की संख्या बढ़ाकर 17 कर दी, जो अब डीएमएलटी, बीएमएलटी, बी-फार्मा सहित 24 पाठ्यक्रमों तक बढ़ गया है। आयुर्वेद, एम.एससी. (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), और कई अन्य विभिन्न पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। इसमें न केवल फार्मेसी शामिल है, बल्कि उन विषयों के विविध वर्ग को भी दर्शाता है, जिन पर विश्वविद्यालय फिजियोथेरेपी, प्रबंधन, विनियम, जैव प्रौद्योगिकी, आयुर्वेद, सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पताल प्रबंधन सहित ध्यान केंद्रित करता है। अब सेंटर फॉर मेडिटेशन एंड योग साइंसेज का उद्घाटन किया जा रहा है, जो दिल्ली के लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को जमीनी स्तर तक ले जाएगा। सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के सहयोग आशाओं और सपनों के साथ हमने बेहतरीन परिणाम हासिल करने का सपना देखा है। ऐसे समय में भी, कुल 51 छात्रों ने राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण की है, जो फार्मेसी के लिए स्नातक योग्यता परीक्षा है, जिसमें हमारे छात्रों ने पहली और चैथी रैंक हासिल की है। यह हमारे छात्रों के दृढ़ विश्वास के बारे में बताता है।