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Last Modified: सोमवार, 8 मई 2023 (10:59 IST)

CM अशोक गहलोत का बड़ा खुलासा, वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल ने मेरी सरकार को गिरने से बचाया

Ashok Gehlot
Big disclosure of Chief Minister Ashok Gehlot : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि 2020 में उनकी सरकार राजनीतिक संकट से बच गई क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और विधायक कैलाश मेघवाल ने 'पैसों के बल पर उनकी सरकार को गिराने के षड्यंत्र' का समर्थन नहीं किया।

उन्होंने केन्द्रीय मंत्रियों अमित शाह, धर्मेन्द्र प्रधान और गजेन्द्र सिंह शेखावत पर अपनी सरकार को गिराए जाने का ‘षड्यंत्र रचने’ का भी आरोप लगाया जिसे खारिज करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि गहलोत इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में हार की आशंका से झूठ बोल रहे हैं। राजे ने कहा कि गृहमंत्री शाह की ईमानदारी और सत्यनिष्ठा सर्व विदित है।

गहलोत ने 2020 में कांग्रेस से बगावत करने वाले विधायकों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी से लिए गए पैसे वापस करने चाहिए, ताकि वे बिना किसी दबाव के अपना काम कर सकें। गौरतलब है कि तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों ने जुलाई 2020 में गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी। पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद महीनेभर चला संकट समाप्त हुआ था। इसके बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था।

धौलपुर में वसुंधरा राजे के गृहक्षेत्र में रविवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि उन्होंने राजस्थान में भैंरो सिंह शेखावत के नेतृत्व वाली भाजपा नीत सरकार को गिराने का समर्थन नहीं किया था, जिस समय वह प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे।

उन्होंने कहा कि यह अनुचित था और ऐसा ही कैलाश मेघवाल ने तथा वसुंधरा राजे सिंधिया ने किया। गहलोत ने कहा कि दोनों भाजपा नेताओं ने कहा कि हमारे यहां कभी चुनी हुई सरकारों को पैसे के बल पर गिराने की परंपरा नहीं रही है।

गहलोत ने दावा किया कि जब भैंरो सिंह शेखावत मुख्यमंत्री थे और इलाज कराने अमेरिका गए थे, उस समय भी ‘खरीद-फरोख्त’ करके उनकी सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय वे प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे और उन्होंने इस साजिश में साथ नहीं दिया था।

उन्होंने कहा, वो ही बात कैलाश मेघवाल और वसुंधरा राजे सिंधिया ने कही कि हमारे यहां कभी परंपरा नहीं रही है, पैसे के बल पर इस प्रकार चुनी हुई सरकारों को गिराने की। गहलोत ने कहा भाजपा विधायक शोभारानी ने भी वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल की बात सुनी और कहा कि उन्हें भी ऐसे लोगों का साथ नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा, इसलिए हमारी सरकार बची है। जिंदगी में यह घटना मैं कभी भूल नहीं सकता जो मेरे साथ बीती थी।

गौरतलब है कि गहलोत और राजे पर अक्सर उनके विरोधी एक-दूसरे के प्रति नरम रुख रखने का आरोप लगाते हैं।हालांकि कुछ दिन पहले राजे ने गहलोत के साथ मिलीभगत के आरोपों को झूठ बताते हुए खारिज कर दिया था और कहा था कि ‘दूध और नींबू’ का रस कभी नहीं मिल सकता।

गहलोत ने दावा किया, जो संकट आया हमारे ऊपर आया था। केन्द्रीय मंत्री अमित शाह, धर्मेन्द्र प्रधान, गजेन्द्र शेखावत इन सबने मिलकर षड्यंत्र किया था। उन्होंने राजस्थान में पैसे बांटे थे। वे पैसे वापस ले नहीं ले रहे हैं। मुझे चिंता लगी हुई है। पैसा क्यों नहीं ले रहे हैं। वापस क्यों नहीं मांग रहे हैं, इनसे (विधायकों से) पैसा।

उन्होंने कहा, मैंने हमारे विधायकों से कह दिया है कि जिससे पैसा लिया है, वो लौटा दो। मान लो 10 करोड़ रुपए लिया है। 20 करोड़ रुपए लिया है जो भी लिया है। मानो उसमें से आपने कुछ खर्च कर दिया हो। वो खर्च किया हुआ हिस्सा मैं दे दूंगा। कांग्रेस (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) से दिलवा दूंगा।

गहलोत ने कहा, उनका पैसा मत रखो। उनका पैसा रखोगे तो हमेशा अमित शाह आप पर दबाव बनाकर रखेंगे। वह गृहमंत्री हैं। वह डराएंगे, धमकाएंगे, जैसे वह गुजरात में डराते, धमकाते हैं। उन्होंने महाराष्ट्र में धमकी देकर शिवसेना के दो टुकड़े करा दिए। 25 विधायकों को ले गए। बहुत खतरनाक खेल खेलते हैं अमित शाह।

उन्होंने कहा, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने मुझे तीन बार मुख्यमंत्री बनाया तो मेरा कर्तव्य बनता है कि मैं पुरानी बात भूलकर सबको साथ लेकर चलूं और पार्टी को विधानसभा चुनाव में वापस जिताकर लाऊं।

वहीं वसुन्धरा राजे ने गहलोत के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में हार से भयभीत होकर झूठ बोल रहे हैं। राजे ने कहा कि रिश्वत लेना और देना दोनों अपराध हैं, यदि उनके विधायकों ने पैसा लिया है तो गहलोत प्राथमिकी दर्ज करवाएं।

उन्होंने कहा, सच तो यह है कि अपनी ही पार्टी में हो रही बग़ावत और रसातल में जाते जनाधार के कारण बौखलाहट में उन्होंने (गहलोत ने) ऐसे अमर्यादित और असत्य आरोप लगाए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, विधायकों की ख़रीद-फरोख़्त में स्वयं गहलोत को महारत हासिल है, जिन्होंने 2008 और 2018 में अल्पमत में होने के बावजूद सरकार बनाई। हम भी सरकार बना सकते थे, लेकिन यह भाजपा के सिद्धांतों के ख़िलाफ़ था।

राजे ने कहा, मुख्यमंत्री द्वारा मेरी तारीफ करना मेरे ख़िलाफ़ उनका एक बड़ा षड्यंत्र है। मेरा जितना अपमान गहलोत ने किया, कोई कर ही नहीं सकता। वह 2023 के चुनाव में होने वाली ऐतिहासिक हार से बचने के लिए ऐसी मनगढ़ंत कहानियां गढ़ रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है और उनकी ये चाल कामयाब होने वाली नहीं है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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