TMC नेता महुआ मोइत्रा के घर CBI की छापेमारी, कैश फॉर क्वेरी मामले में कार्रवाई
Mahua Moitra news in hindi : कैश फॉर क्वेरी मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने शनिवार को TMC नेता महुआ मोइत्रा के घर छापेमारी की। सीबीआई ने इस मामले में कोलकाता समेत कई स्थानों पर छापेमारी की।
कृष्णानगर लोकसभा सीट से टीएमसी उम्मीदवार के रूप में फिर से मैदान में हैं। सीबीआई ने इस मामले में 21 मार्च को ही उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
लोकपाल ने मोइत्रा के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे द्वारा लगाए गए आरोपों पर सीबीआई की प्रारंभिक जांच के निष्कर्ष मिलने के बाद एजेंसी को निर्देश जारी किए हैं। लोकपाल ने सीबीआई को इस मामले में मोइत्रा के खिलाफ शिकायतों के सभी पहलुओं की जांच करने के बाद छह महीने में अपने निष्कर्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
लोकसभा ने पिछले साल दिसंबर में अनैतिक आचरण के लिए मोइत्रा को निष्कासित कर दिया था। पूर्व सांसद ने अपने निष्कासन को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है और वह आम चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से टीएमसी उम्मीदवार के रूप में फिर से मैदान में होंगी।
कैसा रहा महुआ का राजनीतिक सफर : पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में आरोपी महुआ मोइत्रा को 14 साल के राजनीतिक सफर में कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा। बैंकर से नेता बनने, कांग्रेस से तृणमूल कांग्रेस में आए और फिर सांसद बनने का उनका सफर बेहद रोमांचक है।
असम के कछार जिले में 1974 में जन्मी मोइत्रा की शुरुआती शिक्षा कोलकाता में हुई और फिर वह उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गई। न्यूयॉर्क और लंदन में जेपी मॉर्गन चेज़ में निवेश बैंकर रहीं
मोइत्रा ने राहुल गांधी की 'आम आदमी का सिपाही' पहल से प्रेरित हो कर राजनीति का रुख किया। उन्होंने 2009 में कांग्रेस की युवा इकाई में शामिल होने के लिए लंदन में अपना हाई-प्रोफाइल बैंकिंग करियर त्याग दिया। कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई में तैनात की गईं मोइत्रा ने पार्टी के नेता सुब्रत मुखर्जी के साथ मिलकर काम किया।
पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा की सरकार के खिलाफ बदलाव की बयार के बीच मोइत्रा और मुखर्जी 2010 के कोलकाता नगर निगम चुनाव से महज कुछ दिन पहले तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। इसमें ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी ने जीत हासिल की।
2011 के विधानसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी से टिकट न मिलने के बावजूद मोइत्रा ने धैर्यपूर्वक इंतजार किया और 2016 के विधानसभा चुनाव में टिकट मिलने पर करीमपुर निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की।
उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया लेकिन उनके ओजस्वी भाषण और वाद-विवाद कौशल ने उन्हें राष्ट्रीय मीडिया में पार्टी की प्रमुख प्रवक्ता बना दिया। मोइत्रा को 2019 में कृष्णानगर लोकसभा सीट से टिकट मिला और वह विजयी हुईं।
ज्यादा अनुभव न होने के बावजूद संसद में मोइत्रा के जोशीले भाषणों ने उन्हें राष्ट्रीय सुर्खियों में ला दिया और वह
टेलीविजन पर होने वाली बहसों में टीएमसी की तरफ से सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेता बन गईं।
Edited by : Nrapendra Gupta