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Last Modified: नई दिल्ली , शनिवार, 23 मार्च 2024 (01:45 IST)

Electoral Bonds : याचिकाकर्ता का दावा, 41 कंपनियों ने BJP को दिए 2471 करोड़ रुपए

Electoral Bonds : याचिकाकर्ता का दावा, 41 कंपनियों ने BJP को दिए 2471 करोड़ रुपए - Petitioner's claim regarding electoral bonds
Petitioner's claim regarding electoral bonds : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI), प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग (IT) की जांच का सामना कर रही 41 कंपनियों ने चुनावी बॉण्ड के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 2,471 करोड़ रुपए दिए और इनमें से 1,698 करोड़ रुपए इन एजेंसियों के छापों के बाद दिए गए।
 
उच्चतम न्यायालय में चुनावी बॉण्ड योजना को चुनौती देने वाले कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को यह दावा किया। निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावी बॉण्ड के नए आंकड़े सार्वजनिक करने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि कम से कम 30 फर्जी कंपनियों ने 143 करोड़ रुपए से अधिक के चुनावी बॉण्ड खरीदे।
उन्होंने कहा कि सरकार से 172 प्रमुख अनुबंध और परियोजना हासिल करने वाले 33 समूहों ने भी चुनावी बॉण्ड के माध्यम से दान दिया है। उन्होंने आरोप लगाया, भाजपा को चुनावी बॉण्ड के माध्यम से 1,751 करोड़ रुपए का चंदा देने के बदले में उन कंपनियों को परियोजनाओं और अनुबंधों में कुल 3.7 लाख करोड़ रुपए मिले हैं।
 
भूषण ने यह भी दावा किया कि ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग द्वारा छापे का सामना करने वाली 41 कंपनियों ने भाजपा को 2,471 करोड़ रुपए दिए और इसमें से 1,698 करोड़ रुपए इन छापों के बाद दिए गए और छापेमारी के तुरंत बाद तीन महीने में 121 करोड़ रुपए दिए गए।
भूषण ने दावा किया कि कल्पतरु समूह ने पिछले साल तीन अगस्त को आईटी विभाग की छापेमारी के तीन महीने के भीतर भाजपा को 5.5 करोड़ रुपए दिए थे। उन्होंने यह भी कहा, फ्यूचर गेमिंग ने क्रमशः 12 नवंबर, 2023 और एक दिसंबर, 2021 को आईटी और ईडी द्वारा छापा मारे जाने के तीन महीने के भीतर भाजपा को 60 करोड़ रुपए दिए।
 
अरबिंदो फार्मा ने 10 नवंबर, 2022 को ईडी द्वारा छापा मारे जाने के तीन महीने के भीतर भाजपा को पांच करोड़ रुपए दिए। भूषण ने चुनावी बॉण्ड योजना को स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए आरोप लगाया कि इसके जरिए चार श्रेणियों में भ्रष्टाचार किया गया।
उन्होंने कहा, पहला है- चंदा दो, धंधा लो। दूसरा है- हफ्ता-वसूली (जबरन वसूली), तीसरा है ठेका लो, रिश्वत दो और चौथा है- फर्जी कंपनी। मामले में याचिकाकर्ता आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज ने भी मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की। उन्होंने कहा, जांचकर्ता की जांच कौन करेगा? चुनावी बॉण्ड के माध्यम से किए गए भ्रष्टाचार की जांच के लिए एक स्वतंत्र एसआईटी का गठन किया जाना चाहिए।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour 
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