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Last Modified: सोमवार, 4 फ़रवरी 2019 (15:34 IST)

CBI बनाम ममता बनर्जी : लामबंद विपक्ष बोला- मोदी सरकार CBI का कर रही है दुरुपयोग, राज्यसभा-लोकसभा में हंगामा...

CBI बनाम ममता बनर्जी : लामबंद विपक्ष बोला- मोदी सरकार CBI का कर रही है दुरुपयोग, राज्यसभा-लोकसभा में हंगामा... - Both Houses Adjourned For The Day over CBI-Kolkata Police Standoff
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में पुलिस आयुक्त से पूछताछ करने गए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अधिकारियों के काम में बाधा पहुंचाए जाने और मुख्यमंत्री तथा तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के धरने पर बैठने के घटनाक्रम के बीच विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसी के दुरुपयोग का आरोप लगाया है जबकि भाजपा ने ममता बनर्जी पर सीबीआई की कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप लगाया है।
 
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा में नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने यहां संसद भवन परिसर में कहा कि पार्टी ने सभी विपक्षी दलों से बात की है और सबने मिलकर आगे बढ़ने का फैसला किया है। हमें संविधान, देश और संघीय ढांचे की रक्षा करनी है। उन्होंने बताया कि सभी विपक्षी दल इस मामले को लेकर निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटाएंगे।
 
भाजपा की रूपा गांगूली ने तृणमूल प्रमुख पर संस्थानों तथा संवैधानिक पदों की गरिमा घटाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बनर्जी पहले भी केंद्र में मंत्री रहते हुए धरने पर बैठ चुकी हैं तथा अब वे मुख्यमंत्री रहते हुए धरने पर बैठकर संवैधानिक पदों की गरिमा कम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआई की टीम उच्चतम न्यायालय के आदेश पर कार्रवाई करने गई थी और उसे रोकना असंवैधानिक है।
 
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि पहले केंद्र सरकार एक सीबीआई निदेशक को लेकर डरी हुई थी, अब वह सीबीआई का इस्तेमाल कर सबको डराना चाहती है। यदि किसी ने संस्थानों का राजनीतिकरण किया है तो वह भाजपा है। पश्चिम बंगाल के अलावा अन्य राज्यों से भी इस तरह की बातें सुनी जा रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव नजदीकी देखकर भाजपा नीत केंद्र सरकार ने सीबीआई का दुरुपयोग शुरू कर दिया है। सिर्फ समाजवादी पार्टी ऐसा नहीं कह रही है, सभी राजनीतिक दलों का यही मानना है।
 
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि भाजपा जब से सत्ता में आई है, वह देश के लिए काम करने पर कम और विपक्षी दलों का अस्तित्व मिटाने पर ज्यादा ध्यान दे रही है। पिछले पांच साल में उनका फोकस इसी पर रहा है। भाजपा से ज्यादा भ्रष्ट कोई पार्टी नहीं है।
 
नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता फारुख अब्दुल्ला ने बनर्जी के आरोपों को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि उनके आरोप सही हैं। देश खतरे में है क्योंकि यह तानाशाही की ओर बढ़ रहा है। वे (केंद्र सरकार) देश के स्वामी नहीं है। असली स्वामी जनता है।
लोकसभा में हंगामा : इससे पहले लोकसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस तथा सदन के 7 अन्य दिवंगत पूर्व सदस्यों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ, लेकिन हंगामे के कारण तत्काल ही सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। दोबारा जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शोर-शराबे के बीच ही शून्यकाल की कार्यवाही शुरू की। इस दौरान उन्होंने तृणमूल, बीजद और कांग्रेस के सदस्यों ने पश्चिम बंगाल का मुद्दा उठाया।
 
इसके बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक वक्तव्य पढ़ा जिसमें उन्होंने शारदा चिटफंड घोटाले की जांच के लिए गए सीबीआई के दल के साथ कोलकाता में रविवार को पुलिस के अभूतपूर्व टकराव पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि यह स्थिति देश के संघीय ढांचे के लिए खतरा है जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। सिंह के बयान से असंतुष्ट तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने आसन के नजदीक जाकर नारेबाजी की जबकि तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले सांसद सौमित्र खान ने पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधा।
 
शून्यकाल के दौरान बालते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रो. सौगत राय ने पश्चिम बंगाल में सीबीआई के अधिकारियों द्वारा कोलकाता के पुलिस आयुक्त के घर जाकर पूछताछ करने की कोशिश का मुद्दा उठाया और कहा कि केंद्र सरकार सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है और ममता बनर्जी सरकार को डराना चाहती है।
 
बीजद के भर्तृहरि मेहताब ने भी ओडिशा में सीबीआई के दुरुपयोग का मामला उठाया और कहा कि ये तरीके संघीय व्यवस्था के लिए ठीक नहीं है।
 
कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इसकी आलोचना की और कहा कि सीबीआई को हथियार बनाने से विपक्ष डरने वाला नहीं है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के मोहम्मद बदरुद्दोज़ा खान ने इसी विषय पर बोलते हुए ममता बनर्जी सरकार को घेर लिया और कहा कि ममता बनर्जी सही नहीं कर रही है। इसके बाद हंगामा शुरू हो गया। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य कड़ा विरोध जताने लगे।

इस पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के सदस्य भी खड़े हो गए और राज्य में कानून-व्यवस्था खराब होने की बात कहने लगे। इस बीच तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर पिछले दिनों भाजपा में शामिल होने वाले विष्णुपुर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित सौमित्र खान ने अपने पुराने स्थान से ही तृणमूल नेता पर निशाना साधा तो तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों में खलबली मच गई।
 
अपरूपा पोद्दार ने खान की सीट तक जाकर माइक पर जोर-जोर से कुछ बोलना शुरू कर दिया ताकि खान अपनी बात नहीं कह सकें। काकोली घोष दस्तीदार लगभग दौड़ती हुईं खान के पास पहुंचीं और हाथापाई करने की मुद्रा में दिखाई दीं। इसके बाद खींचातानी से बचकर खान ने सत्तापक्ष की ओर की सीट से अपनी बात रखी और पश्चिम बंगाल में संविधान के टूटने का आरोप लगाया।
 
खान के बोलने के बाद सिंह ने अपना वक्तव्य पढ़ा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में एक तरीके से संविधान के टूटने के संकेत हैं। उन्होंने राज्यपाल से चर्चा करके उनसे इस पूरे मामले को लेकर रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने पश्चिम बंगाल की सरकार से अपील की कि वह जांच एजेंसी को अपना काम करने दें। गृहमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों को भी ऐसा माहौल तैयार करना चाहिए जिसमें जांच एजेंसियां निष्पक्ष ढंग से अपना काम कर सकें।
(Photo courtesy : ANI)