गणतंत्र दिवस समारोह : क्या होती Beating Retreat Ceremony
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के विजय चौक पर Beating Retreat Ceremony का आयोजन चल रहा है। इसके साथ ही गणतंत्र दिवस समारोह 2020 का समापन हो जाएगा। बैंड की धुन पर सेना ने आकर्षक परेड प्रस्तुत की।
26 जनवरी की परेड के बाद 29 जनवरी को 'बीटिंग रिट्रीट' का आयोजन किया जाता है। सेरेमनी को मुख्य रूप से गणतंत्र दिवस का समापन समारोह कहा जाता है। दअरसल, यह सेना के बैरक में लौटने का प्रतीक भी माना जाता है। बीटिंग रिट्रीट नई परंपरा नहीं है, यह अंग्रेजों के समय से आयोजित होती आ रही है। इस अवसर पर राष्ट्रपति भवन को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जाता है।
सेरेमनी का समय : बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन 29 जनवरी को शाम को सूरज ढलने के साथ ही किया जाता है। चूंकि यह आयोजन विजय चौक में होता है, इसलिए विजय चौक को ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया जाता है।इस शानदार आयोजन को देखने के लिए बनने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। रिट्रीट में घोड़ों के साथ सजे-धजे ऊंटों को भी शामिल किया जाता है।
मुख्य बातें :
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रिट्रीट सेरेमनी के मुख्य अतिथि राष्ट्रपति होते हैं। इसका मुख्य आकर्षण तीनों सेनाओं के बैंड एक साथ मिलकर कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं।
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इस कार्यक्रम में ड्रमर 'एबाइडिड विद मी' धुन बजाते हैं, महात्मा गांधी की प्रिय धुनों में से एक है।
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इसके बाद रिट्रीट का बिगुल बजता है। इस दौरान बैंड मास्टर राष्ट्रपति के नजदीक जाते हैं और बैंड वापस ले जाने की अनुमति मांगते हैं।
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बैंड मार्च वापस जाते समय 'सारे जहां से अच्छा गाने' की धुन के साथ कार्यक्रम का समापन होता है।
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अंत में राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हो जाता है।