सुप्रीम कोर्ट में CJI गवई पर जूता फेंकने की कोशिश, आखिर क्यों नाराज था वकील
Attempt to throw shoe at CJI BR Gavai: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को उस समय सनसनी फैल गई, जब एक वकील ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई (Chief Justice BR Gavai) पर जूता फेंकने की कोशिश की। इससे पहले कि आरोपी कुछ करता उससे पहले ही सुरक्षाकर्मियों ने उसे दबोच लिया। वकील की हरकत पर पर न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि वह इस तरह की बातों से प्रभावित नहीं होते।
सनातन का अपमान... : बताया जा रहा है कि आरोपी वकील ने जूता निकालने की कोशिश की, लेकिन उसे सुरक्षाकर्मियों ने दबोच लिया। उसने सीजेआई के सामने हंगामा भी किया। उसने 'सनातन का अपमान, नहीं सहेगा हिन्दुस्तान' नारा भी लगाया। यह घटना सुबह करीब 11 बजे की है। इस घटना के बाद चीफ जस्टिस ने कोर्ट में मौजूद वकीलों से अपना काम जारी रखने को कहा।
टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर बवाल : उल्लेखनीय है पिछले दिनों न्यायमूर्ति गवई की एक टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर काफी बवाल मचा था। सोशल मीडिया यूजर्स ने मुख्य न्यायाधीश गवई पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया था। इसके बाद न्यायमूर्ति गवई ने कहा था कि उनका अनादर करने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने कहा- मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं। इतना ही नहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस का समर्थन करते हुए कहा था कि घटनाओं पर प्रतिक्रियाओं को अकसर सोशल मीडिया पर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है।
क्या कहा था सीजेआई ने? : दरअसल, मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने खजुराहो के जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की खंडित प्रतिमा को फिर से स्थापित करने की मांग वाली एक याचिका को खारिज करते हुए एक टिप्पणी की थी। इस मामले से जुड़ी याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति गवई ने कहा था- जाओ और भगवान से ही कुछ करने के लिए कहो। तुम कहते हो कि तुम भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो। अब जाओ और प्रार्थना करो। यह मामला पूरी तरह से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसके लिए एएसआई को अनुमति देनी होगी।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala