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Last Modified: गुरुवार, 27 जून 2024 (07:30 IST)

हाईकोर्ट का बड़ा बयान, रेलगाड़ियों में यात्रियों को जानवरों की तरह यात्रा करते देखना शर्मनाक

हाईकोर्ट का बड़ा बयान, रेलगाड़ियों में यात्रियों को जानवरों की तरह यात्रा करते देखना शर्मनाक - Ashamed how passengers are made to commute in local trains: Bombay High Court
Mumbai local : बंबई हाईकोर्ट ने कहा कि मुंबई की जीवनरेखा कही जाने वाली उपनगरीय रेल सेवा में यात्रियों को जानवरों की तरह यात्रा करने के लिए मजबूर होते देखना शर्मनाक है।
 
भीड़भाड़ वाली रेलगाड़ियों से गिरने या पटरियों पर अन्य दुर्घटनाओं के कारण यात्रियों की मौतों की बढ़ती संख्या को लेकर दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि इस बहुत गंभीर मुद्दे से निपटा जाना चाहिए।
 
मुख्य न्यायाधीश डी. के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ ने कहा कि वह मध्य और पश्चिम रेलवे दोनों के शीर्ष अधिकारियों को जवाबदेह ठहराएगी क्योंकि मुंबई में स्थिति दयनीय है। जनहित याचिका यतिन जाधव द्वारा दाखिल की गई है।
 
अदालत ने कहा कि जनहित याचिका में बहुत गंभीर मुद्दा उठाया गया है और इसलिए आपको (रेलवे अधिकारियों को) इस पर ध्यान देना होगा। आप यह नहीं कह सकते कि (शहर में) लोगों की बहुत अधिक संख्या की वजह से हम यह नहीं कर सकते या वह नहीं कर सकते। आप लोगों को मवेशियों की तरह ढोते हैं। जिस तरह से यात्री यात्रा करते हैं उसे लेकर हम खुद को शर्मिंदा महसूस करते हैं।
 
पीठ ने पश्चिमी और मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को ‘‘पूरे मामले पर गौर करने’’ और जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि वह इस जनहित याचिका पर आठ सप्ताह बाद अगली सुनवाई करेगी।
 
याचिका के अनुसार, 2023 में 2,590 यात्रियों की मौत पटरियों पर हुई, यानी हर दिन 7 मौतें। इसी अवधि में 2,441 लोग घायल हुए। मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाली पटरियों पर हुए हादसों में 1,650 लोग मारे गए, जबकि पश्चिमी रेलवे के अंतर्गत आने वाले खंड पर 940 लोग मारे गए। (भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta