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Last Modified: नई दिल्ली , शनिवार, 1 जुलाई 2017 (23:49 IST)

राजनीतिक चंदे की व्यवस्था बड़ी चुनौती : अरुण जेटली

राजनीतिक चंदे की व्यवस्था बड़ी चुनौती : अरुण जेटली - Arun Jaitley Minister of State for Finance
नई दिल्ली। वित्‍तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि देश में राजनीतिक चंदे की व्यवस्था को साफ-सुथरा  बनाना एक बड़ी चुनौती है लेकिन सरकार भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए बजट की घोषणा के अनुसार  चुनावी बांड पर काम कर रही है।
 
उन्होंने कहा कि लोगों का कहना है कि यदि देश से भ्रष्टाचार दूर करना है तो उसकी शुरुआत  राजनीतिक दलों से होनी चाहिए। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, हमारी राजनीति में भ्रष्टाचार है  तो यह राजनीतिक चंदे की व्यवस्था की वजह से है, चुनावी चंदे की कोई पारदर्शी व्यवस्था नहीं है,  राजनीतिक चंदे की व्यवस्था को साफ-सुथरा बनाना देश के सामने एक बड़ी चुनौती है। 
 
जेटली ने कहा कि राजग सरकार ने प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन में मनमर्जी की व्यवस्था खत्म कर  दी है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि हर प्राकृतिक संसाधन पारदर्शी बाजार व्यवस्था के  तहत आवंटित किया जाए।
 
उन्होंने कहा, आने वाले समय में सरकार चुनावी बांड के लिए एक व्यवस्था करेगी जिससे स्वच्छ धन  (जिस पर कर चुकाया गया हो) ही राजनीतिक व्यवस्था में आए। हम इस दिशा में काफी आगे बढ़  चुके हैं।  
 
राजनीतिक चंदे को पारदर्शी बनाने के लिए जेटली ने इस साल के अपने बजट भाषण में चुनावी बांड  का प्रस्ताव किया था और राजनीतिक दलों को नकद चंदे पर 2000 रुपए की सीमा लगाने की घोषणा  की थी। ये बांड प्रोमिसरी-नोट की तरह होंगे। इन पर दाता का नाम नहीं अंकित होगा। इन्हें  राजनीतिक दलों के अधिसूचित बैंक खातों में जमा कराया जा सकता है। प्रस्ताव के अनुसार उनकी  बिक्री अधिकृत बैंक ही करेंगे।
 
जेटली ने आज कहा कि उन्होंने इस मामले में सभी से कोई अधिक अच्छी व्यवस्था का सुझाव मांगा  है ताकि राजनीतिक चंदे में यथासंभव पारदर्शिता लाई जा सके। हमें अभी एक भी सुझाव नहीं मिला  है। मुझे केवल बड़ी-बड़ी बातें सुनाई दे रही हैं कि यह साफ-सुथरा होना चाहिए, यह पारदर्शी होना  चाहिए। उन्होंने कहा कि हम इस पर गौर करने को तैयार हैं। मैं कुछ स्पष्ट सुझाव की प्रतीक्षा  करूंगा। (भाषा)
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