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Last Modified: बुधवार, 31 जुलाई 2024 (20:11 IST)

आतंकियों और घुसपैठियों को रोकने के लिए कई सेक्टरों में सेना का सर्च ऑपरेशन

Kashmir
Army search operation in sectors of Jammu and Kashmir: एलओसी पार से हाल ही में घुसपैठ की कई कोशिशों के जवाब में सेना ने उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर तलाशी अभियान तेज कर दिया है। ये तलाशी अभियान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण केरन, टंगधार, मच्छेल, उड़ी और नौगाम सेक्टरों में चलाए जा रहे हैं। यह कदम सुरक्षा उपायों को बढ़ाने और घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के लिए चौबीसों घंटे गश्त के बीच उठाया गया है।
 
पिछले महीने में ही कई बार ऐसी घटनाएं हुई हैं, जब हथियारबंद आतंकवादियों ने एलओसी पार करने की कोशिश की। सेना ने हाल ही में उत्तरी कश्मीर में घुसपैठ की कुछ कोशिशों को नाकाम किया है। 18 जुलाई को कुपवाड़ा जिले में एलओसी पर सुरक्षा बलों ने घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए दो आतंकवादियों को मार गिराया था। ALSO READ: जम्मू कश्मीर में घुसे 600 से ज्यादा पाक कमांडो, ले. कर्नल शाहिद है इनका सरगना
 
बैट का हमला नाकाम किया : सेना अधिकारियों के मुताबिक, पिछले शनिवार को कुपवाड़ा जिले के मच्छेल सेक्टर के कमाकारी इलाके में सेना ने पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) के हमले को नाकाम कर दिया था, जिसमें एक सैनिक शहीद हो गया था और दूसरा घायल हो गया था। गोलीबारी में एक पाकिस्तानी घुसपैठिया, जो पाक सेना का कमांडो माना जा रहा था, भी मारा गया। ALSO READ: जम्मू-कश्मीर में जुलाई में 13 जवान शहीद, 12 आतंकी ढेर
 
रक्षा सूत्रों ने संकेत दिया कि हमला करने वाली बैट टीम में संभवतः पाकिस्तानी सेना के नियमित जवान और आतंकवादी संगठनों के साथ सहयोग करने वाले एसएसजी कमांडो शामिल थे। उत्तरी कश्मीर में तैनात एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के अनुसार, घुसपैठ की लगातार कोशिशों को देखते हुए हमने एलओसी पर सतर्कता बढ़ा दी है। वे कहते थे कि उन क्षेत्रों पर विशेष जोर दिया जा रहा है जो पारंपरिक रूप से घुसपैठ के लिए असुरक्षित रहे हैं।
 
अतिरिक्त गश्ती दल तैनात : अधिकारियों का कहना था कि सेना ने एलओसी पर चौबीसों घंटे निगरानी करने के लिए उन्नत निगरानी उपकरणों से लैस अतिरिक्त गश्ती दलों को तैनात किया है। उनका कहना था कि हम घुसपैठ की किसी भी कोशिश का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हमने कुछ कोशिशों को नाकाम किया है। ALSO READ: 2024 में जम्मू-कश्मीर में हुए प्रमुख आतंकवादी हमले
 
उनका दावा है कि सैनिक चौबीसों घंटे अलर्ट पर हैं। हमने अपनी गश्त और निगरानी उपायों को तेज कर दिया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी आतंकवादी एलओसी को पार करने में सफल न हो। उनके मुताबिक, एलओसी पर बीहड़ इलाके और घने जंगलों के बावजूद उन्होंने घुसपैठ की चुनौतियों पर काबू पा लिया है और इसकी अनुमति नहीं देंगे। रक्षाधिकारियों के बकौल, घुसपैठिए अक्सर पता लगाने से बचने के लिए इन भौगोलिक विशेषताओं का फायदा उठाते हैं। इसके अलावा, आतंकवादियों द्वारा अत्याधुनिक संचार उपकरणों और रणनीतियों के उपयोग ने घुसपैठ को रोकने के कार्य को थोड़ा जटिल बना दिया है।
 
इस तरह निपट रहे हैं चुनौतियों से : अधिकारियों के मुताबिक, इन चुनौतियों से निपटने के लिए सेना ने अपने अभियानों में उन्नत तकनीक को शामिल किया है। एक अन्य वरिष्ठ सेना अधिकारी के बकौल, किसी भी संदिग्ध गतिविधि का पता लगाने और निगरानी करने के लिए थर्मल इमेजिंग डिवाइस, नाइट-विज़न गॉगल्स और यूएवी (मानव रहित हवाई वाहन) का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है। ALSO READ: जम्मू कश्मीर में आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश नाकाम, सेना का एक जवान घायल
 
उनका दावा था कि किसी भी खतरे का समन्वित जवाब सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ खुफिया जानकारी साझा करने के तंत्र को मजबूत किया गया है। हम संभावित खतरों से अवगत हैं और उनका मुकाबला करने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रहे हैं। हमारे सैनिक किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित और सुसज्जित हैं। हम शांति और सुरक्षा में किसी भी तरह की बाधा नहीं आने देंगे।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
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