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Last Updated : सोमवार, 27 मई 2024 (16:31 IST)

शाह बोले, नया आपराधिक कानून 1 जुलाई से होगा लागू, SMS के जरिए जारी होंगे समन

कहा कि 90 प्रतिशत गवाह वीडियो कॉल के माध्यम से पेश होंगे

शाह बोले, नया आपराधिक कानून 1 जुलाई से होगा लागू, SMS के जरिए जारी होंगे समन - Amit Shah's statement on new criminal laws
new criminal laws : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा है कि 1 जुलाई से प्रभाव में आने वाले 3 नए आपराधिक कानूनों के लिए प्रौद्योगिकी एक महत्वपूर्ण कारक होगी, क्योंकि इनके तहत एसएमएस के जरिए समन जारी किए जाएंगे, 90 प्रतिशत गवाह वीडियो कॉल के माध्यम से पेश होंगे और अदालतें प्राथमिकी दर्ज होने के 3 साल के भीतर आदेश जारी करेंगी।
 
शाह ने सप्ताहांत में एक साक्षात्कार में कहा कि मैं आपसे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि 3 साल बाद हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया की सबसे आधुनिक आपराधिक न्याय प्रणाली होगी। 3 नए कानूनों- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई से प्रभाव में आ जाएंगे। ये उपनिवेशकालीन कानूनों- भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की जगह लेंगे।

 
शाह ने नई आपराधिक न्याय प्रणाली के बारे में जानकारियां दीं : शाह ने साक्षात्कार में पहली बार नई आपराधिक न्याय प्रणाली के बारे में अनेक जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि तीनों कानून लगभग पूरी तरह प्रौद्योगिकी संचालित हैं। उदाहरण के लिए अदालतों के सभी मामले ऑनलाइन हो जाएंगे और प्राथमिकी, अदालत डायरी तथा फैसले भी डिजिटल स्वरूप में होंगे।
 
5 साल में देश में 9 करोड़ अपराधियों के फिंगर प्रिंट लिए : उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने पिछले 5 साल में देश में 9 करोड़ अपराधियों के फिंगर प्रिंट लिए हैं। शाह ने कहा कि यदि अपराध किसी आदतन अपराधी ने किया है तो पुलिस किसी अपराध स्थल से फिंगर प्रिंट लेने के बाद साढ़े 7मिनट के भीतर फिंगर प्रिंट के डेटा बेस से उसकी पहचान कर सकेगी। उन्होंने कहा कि हम (इन आपराधिक कानूनों के माध्यम से) बहुत बड़े सुधार लाए हैं। कानून प्रभाव में आने के बाद 90 प्रतिशत लोगों को अदालत नहीं जाना होगा। गवाहों की पेशी ऑनलाइन होगी।

 
गृहमंत्री ने कहा कि पहले समन का मतलब होता था कि किसी को उसके घर में जाकर इसे दिया जाए। उन्होंने कहा कि (नए कानूनों में) ऐसे कई बदलाव किए गए हैं। आरोप पत्र के संबंध में भी ऐसा ही है। गृहमंत्री ने कहा कि पहले आरोप पत्र का मतलब बड़ी संख्या में दस्तावेज जमा करना था, लेकिन नए कानून लागू होने के बाद आरोप पत्र एक पेन ड्राइव में होगा और उसका जवाब भी डिजिटल रूप से एक पेन ड्राइव में दिया जा सकेगा।
 
सभी मामले ऑनलाइन होंगे : उन्होंने कहा कि अब ये सभी मामले ऑनलाइन होंगे। प्राथमिकी, अदालत डायरी, फैसले भी डिजिटल स्वरूप में होंगे। हमने उन मामलों में फॉरेंसिक साक्ष्य अनिवार्य कर दिए हैं, जहां न्यूनतम सात साल की कैद का प्रावधान है। नए कानूनों को लाने की तैयारी के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि यह पूरी रफ्तार से चल रही है और अधिकारियों का प्रशिक्षण लगभग समाप्त हो गया है।

 
उन्होंने कहा कि नए आपराधिक कानूनों के तहत कोई भी व्यक्ति प्राथमिकी दर्ज होने से 3 साल के अंदर अदालतों से, यहां तक कि उच्चतम न्यायालय से भी आदेश प्राप्त कर सकता है। गृहमंत्री ने कहा कि वह 2019 में गृह मंत्रालय का प्रभार संभालने के बाद से नए आपराधिक कानूनों पर काम कर रहे थे।
 
उन्होंने कहा कि हम अदालतों और पुलिस थानों के आधुनिकीकरण के लिए काम कर रहे हैं। सबकुछ प्रौद्योगिकी की मदद से हो रहा है। प्रौद्योगिकी के माध्यम से कानून को आधुनिक किया जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को तीनों कानूनों को मंजूरी दे दी थी।(भाषा)
 
Edited by Ravindra Gupta
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